नई दिल्लीः पिछले पांच सालों में भारत-अमेरिका के रिश्तों में सुधार हुआ है. इस सुधार का सीधा असर रक्षा के क्षेत्र में देखा जा सकता है. दोनों देशों के बीट रक्षा संबंधित व्यापार इस साल 19 बि. डॉलर तक पहुंच सकता है.
इस सब के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप का पहले व्यापार को लेकर बयान और फिर कश्मीर को लेकर जो बयान आया, उससे कई सवाल खड़े उत्पन्न होते हैं.
हालांकि, सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी रविवार को हाउडी मोदी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अमेरिका जा रहे हैं. खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होने वाले हैं.
इस पूरी स्थिति को गहराई से समझने के लिए ईटीवी भारत ने पूर्व राजनयिकों से बात की.
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पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने बातचीत में कहा कि कश्मीर पर विवादित बयान देने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप समझ गए थे कि उन्हें इस मुद्दे से दूर रहना चाहिए.
जानकारी के लिए बता दें कि ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे मध्यस्थता करने के लिए कहा था.
व्यापार के मुद्दे पर मल्होत्रा ने द्विपक्षीय संबंधों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि 44 अमेरिकी कांग्रेस सांसदों ने अपनी सरकार से जीएसपी (Generalised System of Preference) को बहाल करने की अपील की है. आपको बता दें कि अमेरिका ने जून माह में भारत से जीएसपी ले ली थी.
वहीं, पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा प्रवासी भारतीयों को संबोधित किए जाने को एतिहासिक बताया. उन्होंने दावा किया कि ऐसा पहली बार होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति एक रैली में भाग लेंगे, जिसे विदेशी देश के नेता संबोधित करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम से पाकिस्तान को झटका लगेगा. हालांकि व्यापार के मुद्दे पर उन्होंने विदेश मंत्रालय (EAM) की टिप्पणी पर सहमति व्यक्त की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इसे संवाद के माध्यम से हल किया जा सकता है.