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हाउडी मोदी से पाकिस्तान को झटका लगेगाः पूर्व राजदूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाउडी मोदी कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करने के लिए अमेरिका जा रहे हैं. खास बात यह होगी कि कार्यक्रम में राष्ट्रपति ट्रंप भी मौजूद रहेंगे. इसको लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व राजनयिकों से बातचीत की. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Sep 19, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 5:49 AM IST

नई दिल्लीः पिछले पांच सालों में भारत-अमेरिका के रिश्तों में सुधार हुआ है. इस सुधार का सीधा असर रक्षा के क्षेत्र में देखा जा सकता है. दोनों देशों के बीट रक्षा संबंधित व्यापार इस साल 19 बि. डॉलर तक पहुंच सकता है.

इस सब के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप का पहले व्यापार को लेकर बयान और फिर कश्मीर को लेकर जो बयान आया, उससे कई सवाल खड़े उत्पन्न होते हैं.

ईटीवी भारत की पूर्व राजनयिकों से बातचीत

हालांकि, सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी रविवार को हाउडी मोदी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अमेरिका जा रहे हैं. खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होने वाले हैं.

इस पूरी स्थिति को गहराई से समझने के लिए ईटीवी भारत ने पूर्व राजनयिकों से बात की.

पढ़ें-अमेरिका में हाउडी मोदी से पहले विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने बातचीत में कहा कि कश्मीर पर विवादित बयान देने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप समझ गए थे कि उन्हें इस मुद्दे से दूर रहना चाहिए.

जानकारी के लिए बता दें कि ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे मध्यस्थता करने के लिए कहा था.

व्यापार के मुद्दे पर मल्होत्रा ने द्विपक्षीय संबंधों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि 44 अमेरिकी कांग्रेस सांसदों ने अपनी सरकार से जीएसपी (Generalised System of Preference) को बहाल करने की अपील की है. आपको बता दें कि अमेरिका ने जून माह में भारत से जीएसपी ले ली थी.

वहीं, पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा प्रवासी भारतीयों को संबोधित किए जाने को एतिहासिक बताया. उन्होंने दावा किया कि ऐसा पहली बार होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति एक रैली में भाग लेंगे, जिसे विदेशी देश के नेता संबोधित करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम से पाकिस्तान को झटका लगेगा. हालांकि व्यापार के मुद्दे पर उन्होंने विदेश मंत्रालय (EAM) की टिप्पणी पर सहमति व्यक्त की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इसे संवाद के माध्यम से हल किया जा सकता है.

नई दिल्लीः पिछले पांच सालों में भारत-अमेरिका के रिश्तों में सुधार हुआ है. इस सुधार का सीधा असर रक्षा के क्षेत्र में देखा जा सकता है. दोनों देशों के बीट रक्षा संबंधित व्यापार इस साल 19 बि. डॉलर तक पहुंच सकता है.

इस सब के बावजूद राष्ट्रपति ट्रंप का पहले व्यापार को लेकर बयान और फिर कश्मीर को लेकर जो बयान आया, उससे कई सवाल खड़े उत्पन्न होते हैं.

ईटीवी भारत की पूर्व राजनयिकों से बातचीत

हालांकि, सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मीडिया से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी रविवार को हाउडी मोदी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अमेरिका जा रहे हैं. खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होने वाले हैं.

इस पूरी स्थिति को गहराई से समझने के लिए ईटीवी भारत ने पूर्व राजनयिकों से बात की.

पढ़ें-अमेरिका में हाउडी मोदी से पहले विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने बातचीत में कहा कि कश्मीर पर विवादित बयान देने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप समझ गए थे कि उन्हें इस मुद्दे से दूर रहना चाहिए.

जानकारी के लिए बता दें कि ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे मध्यस्थता करने के लिए कहा था.

व्यापार के मुद्दे पर मल्होत्रा ने द्विपक्षीय संबंधों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि 44 अमेरिकी कांग्रेस सांसदों ने अपनी सरकार से जीएसपी (Generalised System of Preference) को बहाल करने की अपील की है. आपको बता दें कि अमेरिका ने जून माह में भारत से जीएसपी ले ली थी.

वहीं, पूर्व राजदूत जेके त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा प्रवासी भारतीयों को संबोधित किए जाने को एतिहासिक बताया. उन्होंने दावा किया कि ऐसा पहली बार होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति एक रैली में भाग लेंगे, जिसे विदेशी देश के नेता संबोधित करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यक्रम से पाकिस्तान को झटका लगेगा. हालांकि व्यापार के मुद्दे पर उन्होंने विदेश मंत्रालय (EAM) की टिप्पणी पर सहमति व्यक्त की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इसे संवाद के माध्यम से हल किया जा सकता है.

Intro:India-USA relationship has certainly seen an upward trajectory in the past half decade. The partnership has seen the strongest connection in the defense sector where trade deal between both countries is likely to reach $19 bn this year.


Body:But amid all this, President Trump's remarks, first on trade and then on Kashmir have certainly created doubts that not everything is going well in the paradise.

Though during his response to a media query on the 100 days of his government, External Affairs Minister Dr. S Jaishankar reiterated his claim that the relationship between both countries is healthy.

To comprehend the situation in a much better way, we talked to some of the seasoned diplomats regarding PM Modi's upcoming visit and President Trump's attendance to his Houston event on Sunday.






Conclusion:Claiming it to be a course correction move from President Trump after his 'Kashmir' debacle where he claimed that PM Modi has asked him to mediate, former diplomat Achal Malhotra said, 'President Trump has understood that he shouldn't have walked into an area which he doesn't get.'

On trade issue, Achal Malhotra defended the bilateral ties saying that 44 U.S. Congress lawmakers have appealed their government to restore GSP (Generalised System of Preferences) which U.S. took away from India in the month of June.

Declaring PM Modi's upcoming address to diaspora in Houston a historic moment, former ambassador JK Tripathi claimed that this is the first time in history a serving U.S. President will be attending a rally which will be addressed by foreign country leader.

He even went on to claim that this event will give jitters to Pakistan. However on trade issue, he concurred with EAM's remark where he claimed that trade issues can be resolved through dialogues.

Last Updated : Oct 1, 2019, 5:49 AM IST
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