अगरतला/आइजोल: त्रिपुरा और मिजोरम के निचले इलाकों व गांवों में बारिश के कारण आई बाढ़ से प्रभावित 15,000 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. यह जानकारी रविवार को अधिकारियों ने दी.
बारिश और भूस्खलन के कारण त्रिपुरा और मिजोरम का देश के बाकी हिस्से से रेल मार्ग से संपर्क टूट गया है. बाढ़ के कारण नदियों में आए उफान में डूबे तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि अगरतला के बाहरी इलाकों, जिरानिया, कल्याणपुर और पश्चिमी त्रिपुरा के तेलयामुरा स्थित 38 राहत शिविरों में 12,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं.
सदर अनुमंडल अधिकारी आशीम साहा ने आईएएनएस को बताया, 'बाढ़ में फंसे लोगों के बचाव के लिए सरकार ने त्रिपुरा स्टेट राइफल्स और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के कर्मियों और नागरिक बचाव दल को तैनात किया है.'
उन्होंने बताया, 'कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. किसी खतरे से निपटने के लिए हमने ऐहतियाती कदम उठाए हैं.' मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने मुख्य सचिव उसुरुपति वेंकटेश्वरलु व अन्य अधिकारियों को हालात से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा है.
मिजोरम में 3,000 से अधिक लोगों ने लुंगलेई जिला स्थित सुरक्षित स्थानों शरण ले रखी है. ख्वाथलंगतुईपुई नदी और इसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ में करीब 400 घर जलप्लावित हो चुके हैं. स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के कर्मियों ने ट्लांग नदी में डूबे दो युवकों के शव बरामद किए हैं.
उत्तर-पूर्वी भारत में कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश से जान-माल का काफी नुकसान हुआ है. साथ ही भारत के निचले हिस्सों में महाराष्ट्र भी बारिश की मार से ग्रसित है. वहीं पूर्वोत्तर में भी असम, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश से लोग बेहला हैं.