पटना: बिहार के पश्चिमी चंपारण यानी इंडो-नेपाल पर बॉर्डर पर स्थित गंडक बराज की जर्जर स्थिति के कारण एकबार फिर बिहार में बाढ़ का सकंट मंडराता नजर आ रहा है. सरकारी उदासीनता के कारण इस बार फिर बिहारवासियों को तबाही का मंजर देखना पड़ सकता है. दरअसल, गंडक बैराज के 3 फाटकों की स्थिति काफी जर्जर है, लेकिन उन्हें अब तक बदला नहीं गया है.
जानकारी के मुताबिक बराज के फाटक नंबर 29, 31 और 34 पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. इस साल अगर नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है तो गंडक बराज के ये फाटक पूरी तरह से टूट जाएंगे. पानी ग्रामीण और शहरी इलाकों में आ जाएगा. नतीजन, इस साल फिर बिहार में तबाही आएगी.
कोरोना और लॉकडाउन के कारण बाधित हुआ काम
पिछले 2 साल से बराज के फाटकों पर काम किया जा रहा है. लेकिन अभी तक इन फाटकों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. गंडक विभाग के कर्मियों और सरकार की उदासीनता की वजह से इस बरसात में भारी तबाही होने की संभावना है. हालांकि, अधिकारी इस बात से साफ इंकार कर रहे हैं.
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खतरे को झुठला रहे अधिकारी
अधिकारियों का कहना है लॉकडाउन की वजह से नेपाल अधिकृत क्षेत्र में जो तीन फाटक जर्जर हुए हैं, वह दुरुस्त नहीं कराए गए हैं. लेकिन, फाटक बनकर तैयार हैं. अब बराज में नेपाल से मानसून के समय में भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाएगा. इस समय फाटक को रिप्लेस नहीं किया जा सकता है. ऐसे में इस साल किसी तरह काम चलाया जाएगा.