हैदराबाद : इन दिनों दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर है. इस वायरस के कारण अब तक करीब 563 लोगों की जान चली गई है, जबकि 28,018 लोग संक्रमित हो गए हैं. वैसा यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी वायरस ने इस तरह कि तबाही मचाई हो. समय समय पर इस तरह के वायरसों ने पहले भी दुनिया भर में कोहराम मचाया है.
जसटीनन वायरस से 50 मिलियन लोगों की मौत
इस तरह के वायरस के कहर बरपाने का पहला मामला सन 541ई में उस समय सामने आया जब जसटीनन नामक वायरस ने करीब 200 वर्षों तक मध्य पूर्व, एशिया और भूमध्यसागरीय इलाकों में 50 मिलियन लोगों की जान ले ली . यह बैक्टीरिया चुहों के कारण फैलता है.
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ग्रेट प्लेग ने 25 मिलियन लोगों की जान ली
इसके बाद 1334 में लंदन में ग्रेट प्लेग वायरस फैला, हालांकि यह वायरस चीन में शुरू हुआ और आर्थिक रास्तों से होता हुआ अन्य देशों में फैल गया. इस वायरस से फ्लोरेंस और इटली ने केवल छह महीनों में अपने 90,000 निवासियों में से एक तिहाई नागरिकों को खो दिया. इस वायरस ने कुल मिलाकर यूरोप में 25 मिलियन लोगों की जान ली.
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चेचक ने मचाया दुनिया भर कहर
इसके बाद 1519 में चेचक का वायरस ने दुनिया भर में महामारी फैलाई. बताया जाता है कि चेचक वायरस के फैलने से पहले मेक्सिकों में करीब 25 मिलियन लोग रहते थे, लेकिन चेचक के फैलने से अगले दो वर्षों में मेक्सिको के करीब पांच से आठ मिलियन लोगों अपनी जान गंवानी पड़ी. 16 वीं सदी के यूरोपीय शोघकर्ताओं का दावा है कि इस बीमारी से 2 मिलियन से कम ही लोग बच सके होंगे.
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मेक्सिको में लोगों की जान लेने बाद भी चेचक की तबाही साल दर साल लगातार बढ़ती रही. मेक्सिको के बाद 1633 में चेचक वायरस मैसाचुसेट्स पहुंचा, जहां फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन और नीदरलैंड से आए लोग इसकी चपेट में आए. इसके अलावा यह वायरस बहुत तेजी से मूल अमेरिकी आबादी में फैल गया, जो अब तक इस वायरस से मुक्त था.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका में चेचक से कितने लोग मारे गए, लेकिन इतिहासकारों के अनुसार अमेरिका में चेचक से लगभग 20 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई.
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मॉर्डन प्लेग ने चीन, भारत और हांगकांग में मचाई तबाही
इसके बाद 1860 के में मॉर्डन प्लेग शुरू हुआ. इस वायरस से चीन, भारत और हांगकांग में 12 मिलियन से अधिक लोग मारे गए. खास बात यह थी 1890 के दशक तक लोगों को पता ही नहीं था कि यह जीवाणु संक्रमण कैसे फैला .
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महा फ्लू महामारी से 30 से 50 लोगों की मौत का अनुमान
इसके बाद 1918 और 1919 में महा फ्लू महामारी फैली एक अनुमान के अनुसार दुनिया भर में 30 मिलियन से 50 मिलियन लोग मारे गए, इनमें 675,000 अमेरिकी थे.