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ओडिशा : कोणार्क उत्सव की शुरुआत, देशभर के कलाकारों की भागीदारी - महिला सशक्तिकरण

पांच दिन तक चलने वाला कोणार्क उत्सव शुरू हो चुका है. इस उत्सव में देश की विभिन्न सांस्कृतिक नृत्यों की झलक देखने को मिलती है. उत्सव में पूरे देश के कलाकार भाग लेते हैं. पढ़ें पूरी खबर.

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नृत्य करती नर्तकी
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Published : Dec 2, 2019, 10:42 AM IST

Updated : Dec 3, 2019, 1:55 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा में पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव का आगाज हो चुका है. यह उत्सव चंद्रभागा बीच पर मनाया जाता है. सूर्य मंदिर की पृष्ठभूमि में चलने वाले इस कार्यक्रम में देशभर के कलाकार भाग लेते हैं.

उत्सव की शुरुआत रविवार को ओडिशा के राज्यपाल गनेशी लाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया. इसके बाद सांस्कृतिक नृत्यों की झलक पेश की गई. ओडिशी, कत्थक और अन्य नृत्य पेश किए गए.

कोणार्क उत्सव के दौरान नृत्य करती नर्तकी

उत्सव में वंदे सूर्यम और वंदे मातरम की प्रस्तुति की गई और पहले दिन रूपा, कालिया मर्दन, थाल तींतल (thal teental) जैसे नृत्य पेश किए गए.

इस उत्सव के साथ बीच पर अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्ट उत्सव मनाया जा रहा है. इसका थीम इको-टूरिज्म रखा गया है. साथ ही महिला सशक्तिकरण और नो प्लास्टिक जैसे संदेश को भी फैलाने की कोशिश की जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्ट उत्सव में 123 कलाकारों ने भाग लिया है. ये कलाकार भारत के अलावा अमेरिका, आयरलैंड कनाडा, डेनमार्क, रूस, टोगो व श्रीलंका से हैं.

पुणे की एक कलाकार ने कहा, 'यह हमारे लिए अमूल्य क्षण है. हम पुणे से नृत्य करने के लिए यहं आमंत्रित किए गए हैं. यहां पर हमारे साथ विभिन्न प्रकार की संस्कृति है और हमारे लिए इस क्षण से बड़ा कुछ नहीं हो सकता.'

पढ़ें : 'आदि महोत्सव' में खूब पसंद की जा रही ओडिशा के कलाकारों की पेंटिंग

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, 'मैं इस उत्सव का साक्षी बनने के लिए खुश हूं. हर एक चीज बड़े स्तर पर हो रही है. यहां पर कत्थक ओडिशी और अन्य नृत्य हो रहे हैं. यह पर्यटकों और कलाकारों के लिए देश की विभिन्नता को देखने का मौका है.'

भुवनेश्वर : ओडिशा में पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव का आगाज हो चुका है. यह उत्सव चंद्रभागा बीच पर मनाया जाता है. सूर्य मंदिर की पृष्ठभूमि में चलने वाले इस कार्यक्रम में देशभर के कलाकार भाग लेते हैं.

उत्सव की शुरुआत रविवार को ओडिशा के राज्यपाल गनेशी लाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया. इसके बाद सांस्कृतिक नृत्यों की झलक पेश की गई. ओडिशी, कत्थक और अन्य नृत्य पेश किए गए.

कोणार्क उत्सव के दौरान नृत्य करती नर्तकी

उत्सव में वंदे सूर्यम और वंदे मातरम की प्रस्तुति की गई और पहले दिन रूपा, कालिया मर्दन, थाल तींतल (thal teental) जैसे नृत्य पेश किए गए.

इस उत्सव के साथ बीच पर अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्ट उत्सव मनाया जा रहा है. इसका थीम इको-टूरिज्म रखा गया है. साथ ही महिला सशक्तिकरण और नो प्लास्टिक जैसे संदेश को भी फैलाने की कोशिश की जा रही है.

अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्ट उत्सव में 123 कलाकारों ने भाग लिया है. ये कलाकार भारत के अलावा अमेरिका, आयरलैंड कनाडा, डेनमार्क, रूस, टोगो व श्रीलंका से हैं.

पुणे की एक कलाकार ने कहा, 'यह हमारे लिए अमूल्य क्षण है. हम पुणे से नृत्य करने के लिए यहं आमंत्रित किए गए हैं. यहां पर हमारे साथ विभिन्न प्रकार की संस्कृति है और हमारे लिए इस क्षण से बड़ा कुछ नहीं हो सकता.'

पढ़ें : 'आदि महोत्सव' में खूब पसंद की जा रही ओडिशा के कलाकारों की पेंटिंग

एक अन्य व्यक्ति ने कहा, 'मैं इस उत्सव का साक्षी बनने के लिए खुश हूं. हर एक चीज बड़े स्तर पर हो रही है. यहां पर कत्थक ओडिशी और अन्य नृत्य हो रहे हैं. यह पर्यटकों और कलाकारों के लिए देश की विभिन्नता को देखने का मौका है.'

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https://www.aninews.in/news/national/general-news/odisha-five-day-konark-festival-begins-with-traditional-dance-performances20191202063135/


Conclusion:
Last Updated : Dec 3, 2019, 1:55 PM IST
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