कोच्चि : भारतीय तटरक्षक बल ने लक्ष्यदीप के पास नौ भारतीय मछुआरों को बचाया, जो यमन में अपने प्रायोजकों की प्रताड़ना से आजिज आकर समुद्र की खतरनाक यात्रा कर भारत लौट रहे थे.
रक्षा प्रवक्ता ने बताया लक्षद्वीप के पास कल्पेनी द्वीप पर यमन पंजीकृत नाव संदिग्ध परिस्थितियों में पाई गई. इसके बाद भारतीय तटरक्षक नौका को कोच्चि ले आए. इस नाव पर दो मलयाली और सात तमिल मछुआरे सवार थे.
पूछताछ पर पता चला कि ये मछुआरे यमन में अपने प्रायोजकों के उत्पीड़न से तंग आकर मछली पकड़ने वाली एक नौका पर सवार होकर वहां से भाग निकले थे.
तमिलनाडु के एक श्रमिक संगठन दक्षिण एशिया मछुआरा समुदाय के एक ई-मेल संदेश से नौका की जानकारी मिली.
कोच्चि स्थित नौसेना के डोरनियर एयरक्राफ्ट को पश्चिम कोच्चि से लगभग 100 समुद्री मील की दूरी पर नौका की लोकेशन मिली, ज्यादा जांच पड़ताल के लिए तटीय रक्षक नौका को किनारे लेकर आए.
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तटरक्षक और नौसेना ने श्रमिकों से पूछताछ की तो पता चला कि नाव पर सवार दो व्यक्ति नौशाद और निसार कोल्लम और विंस्टन से हैं. वहीं अल्बर्ट न्यूटन, एस्केलिन, अमल विवेक, शाजान, सहाय जगन और सहाय रवि कुमार, तमिलनाडु के कन्याकुमारी से हैं.
श्रमिकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें 11 महीने से वेतन नहीं मिला है. तटीय कर्मचारिओं ने बताया कि मछुआरों को आव्रजन प्रक्रिया पूरी होने के बाद छोड़ दिया जाएगा.
तटरक्षक बल ने पूछताछ में पाया कि मछुआरे नौकरी की तलाश में यमन गए थे, जहां प्रायोजकों के जाल में फंस गए. प्रायोजक उन्हें मजदूरी और बुनियादी सुविधाएं नहीं दे रहे थे. यमन से वे प्रायोजकों की मछली पकड़ने वाली नौका से भागे और लक्षद्वीप के कल्पेनी द्वीप तक पहुंचे थे.