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यमन से भागे नौ मछुआरों को कोच्चि लाया गया - मछुआरे

भारतीय तटरक्षकों ने लक्ष्यदीप के पास नौ भारतीय मछुआरों को पकड़ा, जो नौकरी की तलाश में यमन गए थे, लेकिन प्रायोजकों से प्रताड़ित होने के बाद वहां से मछली पकड़ने वाली नौका पर सवार होकर भाग निकले थे. इन सभी मछुआरों को कोच्चि लाया गया.

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यमन से कोच्चि लाए गए नौ मछुआरे.
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Published : Nov 30, 2019, 9:16 PM IST

कोच्चि : भारतीय तटरक्षक बल ने लक्ष्यदीप के पास नौ भारतीय मछुआरों को बचाया, जो यमन में अपने प्रायोजकों की प्रताड़ना से आजिज आकर समुद्र की खतरनाक यात्रा कर भारत लौट रहे थे.

रक्षा प्रवक्ता ने बताया लक्षद्वीप के पास कल्पेनी द्वीप पर यमन पंजीकृत नाव संदिग्ध परिस्थितियों में पाई गई. इसके बाद भारतीय तटरक्षक नौका को कोच्चि ले आए. इस नाव पर दो मलयाली और सात तमिल मछुआरे सवार थे.

पूछताछ पर पता चला कि ये मछुआरे यमन में अपने प्रायोजकों के उत्पीड़न से तंग आकर मछली पकड़ने वाली एक नौका पर सवार होकर वहां से भाग निकले थे.

तमिलनाडु के एक श्रमिक संगठन दक्षिण एशिया मछुआरा समुदाय के एक ई-मेल संदेश से नौका की जानकारी मिली.

कोच्चि स्थित नौसेना के डोरनियर एयरक्राफ्ट को पश्चिम कोच्चि से लगभग 100 समुद्री मील की दूरी पर नौका की लोकेशन मिली, ज्यादा जांच पड़ताल के लिए तटीय रक्षक नौका को किनारे लेकर आए.

पढ़ें- '32 हजार टन प्याज सड़ गया लेकिन दिल्ली को सस्ता प्याज नहीं दे सकते'

तटरक्षक और नौसेना ने श्रमिकों से पूछताछ की तो पता चला कि नाव पर सवार दो व्यक्ति नौशाद और निसार कोल्लम और विंस्टन से हैं. वहीं अल्बर्ट न्यूटन, एस्केलिन, अमल विवेक, शाजान, सहाय जगन और सहाय रवि कुमार, तमिलनाडु के कन्याकुमारी से हैं.

श्रमिकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें 11 महीने से वेतन नहीं मिला है. तटीय कर्मचारिओं ने बताया कि मछुआरों को आव्रजन प्रक्रिया पूरी होने के बाद छोड़ दिया जाएगा.

तटरक्षक बल ने पूछताछ में पाया कि मछुआरे नौकरी की तलाश में यमन गए थे, जहां प्रायोजकों के जाल में फंस गए. प्रायोजक उन्हें मजदूरी और बुनियादी सुविधाएं नहीं दे रहे थे. यमन से वे प्रायोजकों की मछली पकड़ने वाली नौका से भागे और लक्षद्वीप के कल्पेनी द्वीप तक पहुंचे थे.

कोच्चि : भारतीय तटरक्षक बल ने लक्ष्यदीप के पास नौ भारतीय मछुआरों को बचाया, जो यमन में अपने प्रायोजकों की प्रताड़ना से आजिज आकर समुद्र की खतरनाक यात्रा कर भारत लौट रहे थे.

रक्षा प्रवक्ता ने बताया लक्षद्वीप के पास कल्पेनी द्वीप पर यमन पंजीकृत नाव संदिग्ध परिस्थितियों में पाई गई. इसके बाद भारतीय तटरक्षक नौका को कोच्चि ले आए. इस नाव पर दो मलयाली और सात तमिल मछुआरे सवार थे.

पूछताछ पर पता चला कि ये मछुआरे यमन में अपने प्रायोजकों के उत्पीड़न से तंग आकर मछली पकड़ने वाली एक नौका पर सवार होकर वहां से भाग निकले थे.

तमिलनाडु के एक श्रमिक संगठन दक्षिण एशिया मछुआरा समुदाय के एक ई-मेल संदेश से नौका की जानकारी मिली.

कोच्चि स्थित नौसेना के डोरनियर एयरक्राफ्ट को पश्चिम कोच्चि से लगभग 100 समुद्री मील की दूरी पर नौका की लोकेशन मिली, ज्यादा जांच पड़ताल के लिए तटीय रक्षक नौका को किनारे लेकर आए.

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तटरक्षक और नौसेना ने श्रमिकों से पूछताछ की तो पता चला कि नाव पर सवार दो व्यक्ति नौशाद और निसार कोल्लम और विंस्टन से हैं. वहीं अल्बर्ट न्यूटन, एस्केलिन, अमल विवेक, शाजान, सहाय जगन और सहाय रवि कुमार, तमिलनाडु के कन्याकुमारी से हैं.

श्रमिकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें 11 महीने से वेतन नहीं मिला है. तटीय कर्मचारिओं ने बताया कि मछुआरों को आव्रजन प्रक्रिया पूरी होने के बाद छोड़ दिया जाएगा.

तटरक्षक बल ने पूछताछ में पाया कि मछुआरे नौकरी की तलाश में यमन गए थे, जहां प्रायोजकों के जाल में फंस गए. प्रायोजक उन्हें मजदूरी और बुनियादी सुविधाएं नहीं दे रहे थे. यमन से वे प्रायोजकों की मछली पकड़ने वाली नौका से भागे और लक्षद्वीप के कल्पेनी द्वीप तक पहुंचे थे.

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Kochi: The Yemen Registration Boat, which was found under suspicious circumstances near Lakshadweep, was brought to Kochi. The boat had nine fishermen, including two Malayalees, rescued from Yemen. Of these, seven are from Tamil Nadu. The boat was found following an e-mail message from the South Asian Fisherman's Fraternity, a labor organization in Tamil Nadu. The Navy's Dornier aircraft from Kochi found the boat about 100 nautical miles from west Kochi. For more investigation the coastal guard brought the boat. 

The two persons who were in the boat were Noushad and Nisar from Kollam and Winston, Albert Newton, Escalin, Amal Vivek, Shajan, Sahaya Jagan and Sahaya Ravi Kumar from Kanyakumari, Tamil Nadu. The Coast Guard and the Navy questioned the workers. Workers have told the police that they have not received a salary for 11 months. Coastal workers said they would be released after the immigration process is completed. The Coast Guard has found that the fishermen who went to Yemen for job was fell into sponsers trap. From there they escape by boat. The Coast Guard found that they had reached the Kalpeni island in Lakshadweep while fleeing by boat. They escaped to India with a sponsor-owned boat after Yemen's sponsor failed to provide them wages and infrastructure.


Conclusion:
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