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गंगोत्री धाम में सीजन की पहली बर्फबारी, सफेद चादर से ढकीं चोटियां

उत्तरकाशी के गंगोत्री धाम में गुरुवार को पूर्वाह्न लगभग 9 बजे सीजन की पहली बर्फबारी हुई. साथ ही गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा और धराली की पहाड़ियों में भी बर्फबारी का नजारा देखने को मिला.

गंगोत्री धाम में हुई बर्फबारी
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Published : Nov 7, 2019, 4:02 PM IST

उत्तरकाशी : करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बसे गंगोत्री धाम में चालू सीजन की पहली बर्फबारी हुई है. पूर्वाह्न करीब 9 बजे शुरू बर्फबारी आधे घंटे हुई. हालांकि कपाट बंद होने के चलते अब गंगोत्री धाम में सिर्फ साधु समाज के कुछ लोग ही निवास करते हैं. इसके साथ ही गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा और धराली की पहाड़ियों में भी बर्फबारी देखने को मिली.

गंगोत्री धाम के पुरोहित पवन सेमवाल ने बताया कि बर्फबारी गुरुवार पूर्वाह्न करीब 9 बजे हुई. वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के कारण जनपद मुख्यालय में सर्दी शुरू हो गई है और ठंड का लगातार असर देखने को मिल रहा है.

गंगोत्री धाम में हुई सीजन की पहली बर्फबारी.

गंगोत्री धाम के साथ ही गुरुवार सुबह हर्षिल घाटी की पहाड़ियों में भी बर्फबारी हुई. प्रधान दिनेश रावत का कहना है कि बर्फबारी अपने सही समय पर शुरू हुई है. इससे ऊंचाई वाले इलाकों के काश्तकारों को खेती में भी सहयोग मिलेगा.

पढ़ें - श्रीनगर में भारी बर्फबारी, हाइवे पर वाहनों का आवागमन बंद

गत वर्ष की बात करें तो 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से पहले ही सीजन की पहली बर्फबारी हो गई थी. तो वहीं इस वर्ष 7 नवम्बर को सीजन की पहली बर्फबारी हुई. पिछले कुछ वर्षों से धाम में दिसम्बर माह में बर्फबारी देखने को मिलती थी, लेकिन पिछले वर्ष और इस बार बर्फबारी ने विगत 9 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

उत्तरकाशी : करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बसे गंगोत्री धाम में चालू सीजन की पहली बर्फबारी हुई है. पूर्वाह्न करीब 9 बजे शुरू बर्फबारी आधे घंटे हुई. हालांकि कपाट बंद होने के चलते अब गंगोत्री धाम में सिर्फ साधु समाज के कुछ लोग ही निवास करते हैं. इसके साथ ही गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा और धराली की पहाड़ियों में भी बर्फबारी देखने को मिली.

गंगोत्री धाम के पुरोहित पवन सेमवाल ने बताया कि बर्फबारी गुरुवार पूर्वाह्न करीब 9 बजे हुई. वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के कारण जनपद मुख्यालय में सर्दी शुरू हो गई है और ठंड का लगातार असर देखने को मिल रहा है.

गंगोत्री धाम में हुई सीजन की पहली बर्फबारी.

गंगोत्री धाम के साथ ही गुरुवार सुबह हर्षिल घाटी की पहाड़ियों में भी बर्फबारी हुई. प्रधान दिनेश रावत का कहना है कि बर्फबारी अपने सही समय पर शुरू हुई है. इससे ऊंचाई वाले इलाकों के काश्तकारों को खेती में भी सहयोग मिलेगा.

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गत वर्ष की बात करें तो 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से पहले ही सीजन की पहली बर्फबारी हो गई थी. तो वहीं इस वर्ष 7 नवम्बर को सीजन की पहली बर्फबारी हुई. पिछले कुछ वर्षों से धाम में दिसम्बर माह में बर्फबारी देखने को मिलती थी, लेकिन पिछले वर्ष और इस बार बर्फबारी ने विगत 9 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

Intro:उत्तरकाशी। करीब 3000 मीटर की ऊंचाई पर बसे गंगोत्री धाम में इस वर्ष के सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। सुबह करीब 9 बजे गंगोत्री धाम में बर्फबारी शुरू हुई थी। करीब आधे घण्टे गंगोत्री धाम में इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई। हालांकि धाम के कपाट होने के चलते अब गंगोत्री धाम में मात्र कुछ साधु समाज के लोग निवास करते हैं। इसके साथ ही गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा और धराली की पहाड़ियों में बर्फबारी हुई। गंगोत्री धाम में बर्फबारी के excluisve वीडियो। Body:वीओ-1, गंगोत्री धाम के पुरोहित पवन सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम में इस वर्ष के सीजन की पहली बर्फबारी गुरुवार सुबह करीब 9 बजे हुई है। वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी के कारण जनपद मुख्यालय में सर्दी शुरू हो गई है और ठंड का लगातार असर देखने को मिल रहा है। साथ ही गुरुवार सुबह हर्षिल घाटी की पहाड़ियों में भी बर्फबारी हुई है। हर्षिल प्रधान दिनेश रावत का कहना है कि बर्फबारी अपने सही समय पर शुरू हुई है। इससे ऊंचाई वाले इलाकों के काश्तकारों को भी खेती में भी सहयोग मिलेगा। Conclusion:वीओ-2, गत वर्ष की बात करें,तो 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से पहले ही सीजन की पहली बर्फबारी हो गई थी। तो वहीं इस वर्ष 7 नवम्बर को गंगोत्री धाम में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। गत कुछ वर्षों से धाम में दिसम्बर माह में बर्फबारी देखने को मिलती थी। लेकिन गत वर्ष और इस वर्ष हुई बर्फबारी ने विगत 9 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
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