जयपुर : कोरोना वायरस से जंग में पीएम मोदी ने एकजुटता दिखाने के लिए दीप जलाने का आह्वान किया था. लोगों ने दीप जलाकार एकजुटता भी दिखाई, लेकिन राजस्थान में कुछ लोगों ने पटाखे और कंदील (रोशनी के बैलून) भी छोड़े. इस कारण वैशाली नगर में रोशनी के एक बैलून से झोपड़ी में आग लग गई और झोपड़ी पूरी तरह जल गई. वहीं झोपड़ी के बगल का एक मकान भी आग की चपेट में आ गया.
कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद लोगों ने दीये जलाए. कोरोना के खिलाफ एकता दिखाने के लिए रात नौ बजे नौ मिनट तक दीपदान करना था, जिसमें दीये, मोमबत्ती, टॉर्च या फिर मोबाइल के फ्लैश से कोरोना रूपी अंधियारे के खिलाफ एक साथ जंग करने का संकल्प लिया. लेकिन कुछ अति उत्साही लोग आतिशबाजी पर उतर आए, जिसका खामियाजा गरीब परिवार को अपनी कच्ची छत उजाड़कर चुकाना पड़ा.
दरअसल, रविवार रात नौ बजे नौ मिनट तक दीपदान के आह्वान में पूरा देश एकजुट तो नजर आया लेकिन जयपुर में कई जगहों पर शहरवासियों ने पटाखे भी छोड़े. इन अतिउत्साही लोगों ने छोटे-मोटे पटाखे नहीं बल्कि एक से बढ़कर एक गगनचुंबी पटाखे जलाए, जैसे मानो दिवाली हो और आसमान तक प्रकाश की रोशनी पहुंचाने की होड़ लगा ली. वैशालीनगर के हनुमान एक्सटेंशन के पास आसमान में रोशनी के बैलून से हादसा देखने को मिला, जहां पर एक बैलून एक गरीब परिवार की कच्ची छत यानी झोपड़ी पर गिर पड़ा. देखते ही देखते झोपड़ी में आग की लपटें उठने लगी.
असंख्य दीप जलाकर देश ने पेश की एकजुटता की मिसाल
हादसे में पास का एक मकान भी आग की चपेट में आ गया. इसके बाद आनन-फानन में बनी पार्क और झोटवाड़ा फायर स्टेशन से दमकल पहुंची. तब जाकर आग पर काबू पाया गया.
हालांकि, इस अग्निकांड में पास के मकान को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ लेकिन गरीब की कुटिया पूरी तरह जलकर राख हो गई. एक तरफ लॉकडाउन में लोगों को घरों में रहना पड़ रहा है, दूसरी ओर कुछ अतिउत्साही लोगों की इस हरकत से इस परिवार की तो अब छत ही नहीं बची.