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236 लोगों के बौद्ध धर्म अपनाने के बाद पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन द्वारा लापरवाही बरते जाने की खबरें सामने आने के बाद गाजियाबाद जिले में वाल्मीकि समुदाय के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया. यह खबर सामने आते ही हड़कंप मच गया. जिसके बाद पुलिस ने तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज की.

Buddhism police
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
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Published : Oct 23, 2020, 1:28 PM IST

नई दिल्ली: गाजियाबाद में वाल्मीकि समुदाय के 236 सदस्यों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाए जाने के बाद जिला पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धार्मिक परिवर्तन के लिए अफवाहें फैलाकर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. इसी समुदाय से जुड़े एक सदस्य ने इन आरोपों के संबंध में पुलिस से संपर्क किया था. शिकायतकर्ता मोंटू चंदेल वाल्मीकि ने आरोप लगाया कि जाति आधारित हिंसा को उकसाने और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए एक आपराधिक साजिश के रूप में यह धर्मांतरण किया गया.

वाल्मीकि समाज के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया

गाजियाबाद के करहेड़ा इलाके में धर्म परिवर्तन मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. साहिबाबाद पुलिस ने मामले में मोंटू बाल्मीकि की तहरीर पर झूठी अफवाह फैलाने का मुकदमा दर्ज किया है. जांच में अपराधिक षडयंत्र रचने का खुलासा हुआ है. ये भी खुलासा हुआ है कि सादे और अधूरे कागजातों के आधार पर धर्म परिवर्तन की अफवाह फैलाई गई. एफआईआर के मुताबिक लोगों को लाभकारी योजनाओं के नाम पर फॉर्म उपलब्ध कराए गए और उन्हीं फार्म पर लोगों के दस्तखत ले लिए गए थे. बताया जा रहा है कि हाथरस कांड से आहत होकर वाल्मीकि समाज के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया है.

पढ़ें: कृषि कानूनों पर पंजाब में किसान नहीं बिचौलिये कर रहे प्रदर्शन : नड्डा

कौन है साजिशकर्ता ?
पुलिस जांच में यह साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी तरह के धर्म परिवर्तन के सबूत मौके से नहीं मिले हैं. यह सिर्फ कोरी अफवाह थी. इस अफवाह को फैलाने के पीछे किसका हाथ है. इसका खुलासा भी जल्द हो पाएगा. हालांकि एफआईआर में एक अज्ञात व्यक्ति का नाम दिया गया है. उस अज्ञात व्यक्ति की पहचान करके जल्द पुलिस उसकी गिरफ्तारी कर सकती है.

राजनीतिक गलियारों में हलचल
मामले की हलचल राजनीतिक गलियारों में लगातार चल रही है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी हो गया है. बीजेपी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री तक पर आरोप लगा दिए हैं. वहीं कांग्रेस ने यह कहा था कि यूपी में निराशा की स्थिति बन रही है.

Ghaziabad
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
Ghaziabad
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. चंदेल ने एफआईआर में दावा किया है कि धर्मातरण के प्रमाणपत्र में बौद्ध धर्म अपनाने वाले सदस्यों का नाम, तारीख, पता और पंजीकरण संख्या शामिल नहीं है.

पढ़ें: पटना : कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में इनकम टैक्स का छापा

परिवार को बिना बताये किया दाह संस्कार
यह घटना हाथरस मामले के बाद सामने आई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को चार ऊंची जाति के लोगों द्वारा वाल्मीकि समुदाय की एक किशोरी से कथित तौर पर दुष्कर्म करने की घटना समाने आई थी. घटना के 15 दिनों के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद हाथरस जिला प्रशासन ने परिवार को बताए बिना उसका दाह संस्कार कर दिया था.

मामले पर अधिकारी ने दी जानकारी

सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश
पुलिस ने आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने) और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस अधीक्षक (सिटी) टू, गाजियाबाद, ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने अभी जांच शुरू नहीं की है.

बौद्ध सोसायटी ऑफ इंडिया ने वितरित किए प्रमाण पत्र
यह धर्मातरण 14 अक्टूबर को राजरतन अशोक राव अंबेडकर की उपस्थिति में किया गया था, जो बाबा साहेब अंबेडकर के परपोते हैं. इसके बाद बौद्ध सोसायटी ऑफ इंडिया ने परिवर्तित सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए.

नई दिल्ली: गाजियाबाद में वाल्मीकि समुदाय के 236 सदस्यों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाए जाने के बाद जिला पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धार्मिक परिवर्तन के लिए अफवाहें फैलाकर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. इसी समुदाय से जुड़े एक सदस्य ने इन आरोपों के संबंध में पुलिस से संपर्क किया था. शिकायतकर्ता मोंटू चंदेल वाल्मीकि ने आरोप लगाया कि जाति आधारित हिंसा को उकसाने और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए एक आपराधिक साजिश के रूप में यह धर्मांतरण किया गया.

वाल्मीकि समाज के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया

गाजियाबाद के करहेड़ा इलाके में धर्म परिवर्तन मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. साहिबाबाद पुलिस ने मामले में मोंटू बाल्मीकि की तहरीर पर झूठी अफवाह फैलाने का मुकदमा दर्ज किया है. जांच में अपराधिक षडयंत्र रचने का खुलासा हुआ है. ये भी खुलासा हुआ है कि सादे और अधूरे कागजातों के आधार पर धर्म परिवर्तन की अफवाह फैलाई गई. एफआईआर के मुताबिक लोगों को लाभकारी योजनाओं के नाम पर फॉर्म उपलब्ध कराए गए और उन्हीं फार्म पर लोगों के दस्तखत ले लिए गए थे. बताया जा रहा है कि हाथरस कांड से आहत होकर वाल्मीकि समाज के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया है.

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कौन है साजिशकर्ता ?
पुलिस जांच में यह साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी तरह के धर्म परिवर्तन के सबूत मौके से नहीं मिले हैं. यह सिर्फ कोरी अफवाह थी. इस अफवाह को फैलाने के पीछे किसका हाथ है. इसका खुलासा भी जल्द हो पाएगा. हालांकि एफआईआर में एक अज्ञात व्यक्ति का नाम दिया गया है. उस अज्ञात व्यक्ति की पहचान करके जल्द पुलिस उसकी गिरफ्तारी कर सकती है.

राजनीतिक गलियारों में हलचल
मामले की हलचल राजनीतिक गलियारों में लगातार चल रही है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी हो गया है. बीजेपी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री तक पर आरोप लगा दिए हैं. वहीं कांग्रेस ने यह कहा था कि यूपी में निराशा की स्थिति बन रही है.

Ghaziabad
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
Ghaziabad
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज
बता दें कि इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. चंदेल ने एफआईआर में दावा किया है कि धर्मातरण के प्रमाणपत्र में बौद्ध धर्म अपनाने वाले सदस्यों का नाम, तारीख, पता और पंजीकरण संख्या शामिल नहीं है.

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परिवार को बिना बताये किया दाह संस्कार
यह घटना हाथरस मामले के बाद सामने आई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को चार ऊंची जाति के लोगों द्वारा वाल्मीकि समुदाय की एक किशोरी से कथित तौर पर दुष्कर्म करने की घटना समाने आई थी. घटना के 15 दिनों के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद हाथरस जिला प्रशासन ने परिवार को बताए बिना उसका दाह संस्कार कर दिया था.

मामले पर अधिकारी ने दी जानकारी

सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश
पुलिस ने आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने) और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस अधीक्षक (सिटी) टू, गाजियाबाद, ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने अभी जांच शुरू नहीं की है.

बौद्ध सोसायटी ऑफ इंडिया ने वितरित किए प्रमाण पत्र
यह धर्मातरण 14 अक्टूबर को राजरतन अशोक राव अंबेडकर की उपस्थिति में किया गया था, जो बाबा साहेब अंबेडकर के परपोते हैं. इसके बाद बौद्ध सोसायटी ऑफ इंडिया ने परिवर्तित सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए.

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