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जल्द मिल सकता है दूसरा प्रोत्साहन पैकेज : वित्त सचिव

केंद्र सरकार दूसरे प्रोत्साहन पैकेज पर काम रही है. वित्त सचिव अजय भूषण ने इस बात के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार दूसरे प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है, लेकिन वह इसकी समय सीमा नहीं बता सकते.

वित्त सचिव अजय भूषण
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Published : Nov 2, 2020, 3:10 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 3:16 PM IST

नई दिल्ली : वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने संकेत दिया है कि सरकार दूसरे प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है, लेकिन उन्होंने इसकी कोई समय-सीमा नहीं बताई है.

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के किस क्षेत्र में किस तरह की मदद की जरूरत है इसका आकलन कर रहे हैं. इसके साथ ही जनसंख्या पर उन्होंने कहा कि वहां के लोगों को किस तरह की मदद चाहिए, इसका भी आकलन करने के साथ निगरानी किया जा रहा है.

हम उद्योग निकायों, व्यापार संघों, विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव लेते रहते हैं और बाद में इसका समय पर उपाय करते हैं. पांडे ने कहा कि वह प्रोत्साहन पैकेज के लिए समय-सीमा नहीं दे सकते, लेकिन हां, सरकार इस पर काम कर रही है. पांडे ने कहा कि अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है और निरंतर विकास की ओर बढ़ रही है.

उन्होंने आगे कहा कि अक्टूबर का जीएसटी संग्रह 105,155 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल के इसी महीने के लिए सालाना आधार पर 10 प्रतिशत अधिक है. इस सितंबर में अर्थव्यवस्था ने भी जीएसटी संग्रह में 95,480 करोड़ रुपये पर 4 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई थी. इसके अलावा देश में बिजली की खपत, निर्यात और आयात में वृद्धि देखी गई है.

पढ़ें- भारतीय क्षेत्र से अवैध कब्जे को तत्काल खाली करे पाकिस्तान : विदेश मंत्रालय

सितंबर और अक्टूबर के आंकड़ों से पता चलता है कि हम कोविड-19 के पहले के स्तर पर पहुंच गए हैं. अगर हम पिछले साल से तुलना करें, तो सितंबर में ई-वे बिल में साल दर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अक्टूबर में इसमें 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.

उन्होंने कहा कि अगर हम अगले पांच महीनों के लिए इस वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम होंगे, तो हम कह सकते हैं कि हम मार्च 2021 तक डीप नकारात्मक क्षेत्र से शून्य विकास क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं.

उन्होंने कहा कि ई-वे बिल और ई-चालान के साथ ही जीएसटी संग्रह के आंकड़े मिलकर संकेत देते हैं कि अर्थव्यवस्था न केवल सुधार के रास्ते पर है, बल्कि वृद्धि के पथ पर तेजी से लौट रही है.

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 4.95 लाख करोड़ रुपये रहा.

उन्होंने कहा कि अगर हमारे कर संग्रह प्रणाली में सुधार नहीं होता, तो महामारी का आर्थिक प्रभाव कहीं अधिक होता. बीते वर्ष हमने फेसलेस मूल्यांकन, फेसलेस अपील, एसएफटी (वित्तीय लेनदेन का बयान), टीडीएस लागू करके नकद निकासी पर रोक जैसे कदम उठाए हैं.

नई दिल्ली : वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने संकेत दिया है कि सरकार दूसरे प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है, लेकिन उन्होंने इसकी कोई समय-सीमा नहीं बताई है.

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के किस क्षेत्र में किस तरह की मदद की जरूरत है इसका आकलन कर रहे हैं. इसके साथ ही जनसंख्या पर उन्होंने कहा कि वहां के लोगों को किस तरह की मदद चाहिए, इसका भी आकलन करने के साथ निगरानी किया जा रहा है.

हम उद्योग निकायों, व्यापार संघों, विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव लेते रहते हैं और बाद में इसका समय पर उपाय करते हैं. पांडे ने कहा कि वह प्रोत्साहन पैकेज के लिए समय-सीमा नहीं दे सकते, लेकिन हां, सरकार इस पर काम कर रही है. पांडे ने कहा कि अर्थव्यवस्था ठीक हो रही है और निरंतर विकास की ओर बढ़ रही है.

उन्होंने आगे कहा कि अक्टूबर का जीएसटी संग्रह 105,155 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल के इसी महीने के लिए सालाना आधार पर 10 प्रतिशत अधिक है. इस सितंबर में अर्थव्यवस्था ने भी जीएसटी संग्रह में 95,480 करोड़ रुपये पर 4 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई थी. इसके अलावा देश में बिजली की खपत, निर्यात और आयात में वृद्धि देखी गई है.

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सितंबर और अक्टूबर के आंकड़ों से पता चलता है कि हम कोविड-19 के पहले के स्तर पर पहुंच गए हैं. अगर हम पिछले साल से तुलना करें, तो सितंबर में ई-वे बिल में साल दर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और अक्टूबर में इसमें 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.

उन्होंने कहा कि अगर हम अगले पांच महीनों के लिए इस वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम होंगे, तो हम कह सकते हैं कि हम मार्च 2021 तक डीप नकारात्मक क्षेत्र से शून्य विकास क्षेत्र तक पहुंच सकते हैं.

उन्होंने कहा कि ई-वे बिल और ई-चालान के साथ ही जीएसटी संग्रह के आंकड़े मिलकर संकेत देते हैं कि अर्थव्यवस्था न केवल सुधार के रास्ते पर है, बल्कि वृद्धि के पथ पर तेजी से लौट रही है.

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 4.95 लाख करोड़ रुपये रहा.

उन्होंने कहा कि अगर हमारे कर संग्रह प्रणाली में सुधार नहीं होता, तो महामारी का आर्थिक प्रभाव कहीं अधिक होता. बीते वर्ष हमने फेसलेस मूल्यांकन, फेसलेस अपील, एसएफटी (वित्तीय लेनदेन का बयान), टीडीएस लागू करके नकद निकासी पर रोक जैसे कदम उठाए हैं.

Last Updated : Nov 2, 2020, 3:16 PM IST
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