हैदराबाद : यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें कोरोनावायरस की रोकथाम और उपचार को लेकर शोधकर्ताओं के लिए सुझाव भी शामिल हैं.
इन दिशानिर्देशों के अनुसार शोधकर्ता रिसर्च को लेकर किए गए आवेदन जमा करेंगे. यह आवेदन कोरोना के लिए बन रहे चिकित्सा उत्पादों की गुणवत्ता को और भी अधिक कुशल बनाने के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे.
एफडीए आयुक्त स्टीफन एम हन का कहना है कि कोरोना की रोकथाम और इसके उपचार के विकल्पों के विकास में तेजी लाने के लिए स्टाफ के सदस्य दुनिया के सबसे अच्छे इनोवेटर्स और शोधकर्ताओं के साथ घड़ी भर काम करते रहते हैं.
कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों को लाभान्वित कर सकने वाले सुरक्षित और प्रभावी उपचारों की जांच में तेजी लाना, एफडीए की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है.
एफडीए की एक प्रेस रिलीज में उन्होंने कहा कि हम विकास की गति को लचीलापन देने के लिए अपने पास उपलब्ध हर उपकरण का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इन दिशानिर्देशों से शोधकर्ताओं को अपना काम करने में मदद मिलेगी.
कोरोनावायरस के प्रकोप के तुरंत बाद, एफडीए ने विभिन्न स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मिलकर कोविड-19 के खिलाफ मेडिकल काउंटरमेशर्स को आगे बढ़ाने के लिए काम करना शुरू कर दिया.
एफडीए द्वारा कोरोना वायरस के इलाज के लिए शुरू किया गया एक्सेलेरेशन प्रोग्राम नए मेडिकल उत्पाद बनाने में सहायक है. यह इसकी प्रभावशीलता भी निर्धारित करता है.
एफडीए कोरोना वायरस की दवाओं पर लगातार परीक्षण कर रहा है. शोधकर्ता वायरस से लड़ने के लिए उपचार का अध्ययन कर रहे हैं.
एफडीए द्वारा जारी अन्य दिशानिर्देश ट्रीटमेंट (उपचार) या वायरस की रोकथाम के लिए विकसित किए गए ड्रग्स से संबंधित है.
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एफडीए द्वारा चिकित्सा के विकल्पों में तेजी लाने के अलावा, संस्थान ने पहले ही घोषणा कर ली थी कि यह कोविड-19 वैक्सीन और उपचार विकल्पों के विकास को गति देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान और अन्य संस्थानों के साथ सार्वजनिक और निजी साझेदारी में काम करेंगे.