कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, ठंड के इस विकट हालात में किसान खेत कानूनों का विरोध कर रहे हैं. सरकार को उनकी बात माननी चाहिए. मेरा सुझाव है कि सरकार और पीएम अपनी जिद को पीछे छोड़ दें. उन्हें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा. ये कानून जल्दबाजी में बनाए गए थे जिसके कारण यह स्थिति बनी है.
इससे पहले भारतीय युवा कांग्रेस ने कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को नई दिल्ली में कृषि भवन में धरना-प्रदर्शन किया. उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में अपनी जान गंवाने वाले किसानों के लिए न्याय की मांग की. भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में जब आम जनता कोविड 19 के कारण दिल्ली छोड़ रही है. ऐसे में देश भर के किसान राष्ट्रीय राजधानी की सभी सीमाओं पर सख्ती से जुटे हुए हैं और सरकार से काले कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
हालांकि ऐसी मुश्किल समय में भाजपा के सभी नेता और मंत्री अपनी आदत के अनुसार इन किसानों को खालिस्तानी और राष्ट्र-विरोधी जैसे शब्दों से अपमानित कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि पिछले 25 दिनों में 25 से अधिक किसान इस आंदोलन में शहीद हुए हैं. किसानों लगातार आत्महत्या कर रहा है और इस देश के प्रधानमंत्री बनारस से लेकर गुजरात तक के कार्यक्रमों में व्यस्त हैं.
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी और एआईसीसी के संयुक्त सचिव कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि राज्य सभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसके बावजूद राज्यसभा में इन काले कानूनों को पारित किया गया, यह लोकतंत्र की हत्या है.