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किसानों की धमकी-आंदोलन को हलके में न ले सरकार - हरियाणा पंजाब किसान आंदोलन

farmers protests
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Published : Dec 23, 2020, 7:40 AM IST

Updated : Dec 23, 2020, 6:14 PM IST

17:50 December 23

केंद्र के पत्र का किसानों ने दिया जवाब

योगेंद्र यादव का बयान

केंद्र के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच किसानों के संयुक्त संगठन ने सिंघु सीमा पर प्रेस से बातचीत की. इस दौरान कई किसान नेता मौजूद थे. वार्ता की शुरुआत में योगेंद्र यादव ने किसानों द्वारा केंद्र को भेजे गए जवाब को पढ़कर सुनाया.

15:13 December 23

केंद्रीय कृषि मंत्री मीडिया को किया संबोधित

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मीडिया को संबोधित कर रहे हैं. आज किसान दिवस है.  

बिंदुवार पढ़ें उन्होंने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा-

  • सभी किसान भाइयों को किसान दिवस की बधाई
  • आज तीन लाख से ज्यादा किसानों को समर्थन पत्र सौंपा
  • किसानों की समृद्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिबद्ध हैं
  • बीते छह वर्षों में किसानों के विकास के लिए कार्य किए गए
  • आने वाले समय में किसानों के हित में कार्य जारी रहेगा
  • विभिन्न किसान संगठनों ने किसान कानूनों का समर्थन किया
  • कृषि क्षेत्र में विकास के लिए लाए गए हैं कृषि कानून
  • देश का अधिकांश भाग कृषि कानूनों का समर्थन कर रहा है
  • किसान आंदलोन के प्रति आशावान हूं
  • वार्ता से निकलेगा समाधान
  • सरकार किसानों की हर बात पर विचार करने के लिए तैयार है
  • KCC का विषय वाजपेयी जी के समय में आया था और उस समय किसान क्रेडिट कार्ड शुरू हुआ था
  • अभी तक 6 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रवाह कृषि क्षेत्र में होता था, पीएम मोदी ने इसे बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये किया

14:26 December 23

तृणमूल कांग्रेस के पांच विधायक सिंघू बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर

ममता बनर्जी के निर्देश पर डेरेक ओ ब्रायन, सतबदी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मोंडल और एमडी नादिमुल हक सहित 5 सदस्यीय टीम का प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की ओर से, सिंघू बॉर्डर हाईवे पर भूख हड़ताल पर बैठे किसानों के साथ धरने पर बैठे है

13:41 December 23

किसान आंदोलन से हुआ 14000 करोड़ के व्यापार का नुकसान, कोर्ट निकाले समस्या का समाधान'

किसान आंदोलन से हुआ 14000 करोड़ के व्यापार का नुकसान

दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 26 दिन से धरने पर बैठे हुए किसानों के आंदोलन से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का बड़ा नुकसान हुआ है. कैट ने इस मामले को लेकर किसान नेताओं एवं केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि बातचीत के द्वारा इस मसले को तुरंत सुलझाया जाएं. वहीं सर्वोच्च न्यायलाय से भी अनुरोध किया है कि ख़ास तौर पर दिल्ली एवं अन्य राज्यों के व्यापारियों एवं अन्य लोगों की परेशानियों को देखते हुए बेहतर रहेगा यदि सर्वोच्च न्यायालय की वैकेशन बेंच इस मामले की तुरंत सुनवाई की तारीख़ निश्चित करके समस्या का हल निकाले.

किसान आंदोलन से हुआ 14000 करोड़ के व्यापार का नुकसान


आवश्यक वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं की कोई किल्लत

दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक देश भर के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आते हैं और लगभग 30 हजार ट्रक प्रति दिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं. फिलहाल दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं की कोई किल्लत नहीं है. कैट एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेल्फ़ैएरएसोसिएशन (ऐटवा) दोनों संयुक्त रूप से माल की आवा- जाही पर प्रतिदिन निगाह रखे हुए हैं और पूरा प्रयत्न कर रहे हैं की दिल्ली अथवा अन्य किसी राज्य में किसी भी वस्तु की कोई कमी न हो.

दिल्ली में मुख्य रूप से अन्य राज्यों से एफएमसीज़ी प्रोडक्ट, लोगों द्वारा रोजमर्रा के उपयोग का सामान, खाद्धयान, फल एवं सब्जी, किराने का सामान, ड्राई फ़्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान, दवाइयां, भवन निर्माण का सामान, लोहा - स्टील, कपड़ा, मशीनरी, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाइवुड, रेडीमेड वस्त्र आदि प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं.

कुल मिलाकर देखा जाए तो दिल्ली में जरूरी सामान दिल्ली - जयपुर, दिल्ली-मथुरा, आगरा एक्सप्रेस वे, दिल्ली- गाजियाबाद हाईवे, दिल्ली - चंडीगढ़ हाईवे आदि रास्तों से मुख्य रूप से आते हैं. क्योंकि यही हाईवे दिल्ली को देश के सभी राज्यों से जोड़ते हैं और इन हाईवे पर आंदोलन के कारण या तो रास्ते बंद है या फिर लम्बे जाम लगे होने के कारण ट्रकों को काफी लम्बा घूम कर दिल्ली आना पड़ रहा है. जिसके कारण सप्लाई देरी से आ रही है अथवा बाधित है. यदि बहुत लम्बे समय तक आंदोलन चला तो, सप्लाई में परेशानी की सम्भावना है. लेकिन फिलहाल किसी वस्तु की कोई कमी नहीं है. कैट एवं ऐटवा ने यह तय किया है की किसी भी हालत में सप्लाई चेन को जारी रखा जाएगा.

13:38 December 23

किसान दिवस: NH-9 पर किसानों ने मनाई चौधरी चरण सिंह की 118 वी जयंती

NH-9 पर किसानों ने मनाई चौधरी चरण सिंह की 118 वी जयंती

हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को ही किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है. चौधरी चरण सिंह प्रमुख किसान नेता थे. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती धरना स्थल पर ही मनाई गई.

किसान सर्दी के मौसम में सड़कों पर डटे हैं

करीब चार हफ्ते से दिल्ली यूपी बॉर्डर (यूपी गेट) समेत दिल्ली की अन्य सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान अपनी मांगों को लेकर सर्दी के मौसम में सड़कों पर डटे हुए हैं और साफ कर चुके हैं कि केंद्र सरकार जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है और एमएसपी की गारंटी को लेकर कानून नहीं बनाती है तब तक दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे.

एनएच-9 पर हवन यज्ञ कर मनाई गई जयंती

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि किसानों के मसीहा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 118वी जयंती मनाई गई है. हमारा सौभाग्य है कि दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर/एनएच-9 पर हवन यज्ञ कर हमने अपने मसीहा का जयंती मनाई है. ईश्वर से प्रार्थना की गई है कि सरकार को सद्बुद्धि मिले और किसानों की समस्या का जल्द समाधान हो. हमारे मसीहा ने हमें संघर्ष करना सिखाया है और जल्द हम अपने संघर्ष में कामयाब होंगे.

11:52 December 23

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान 'हवन' करते हुए

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान 'हवन' करते हुए

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान 'हवन' करते हुए.  

10:51 December 23

कड़ाके की ठंड के बावजूद भी किसानों का मनोबल बरकरार

बिना कपड़ों के प्रर्दशन

दिल्ली शीतलहर की चपेट में है, इसके बावजूद केंद्र के कृषि कानूनों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं.बता दें किसान कड़ाके की ठंड में बिना कपड़ों के प्रर्दशन कर रहे है. 

10:45 December 23

सरकार के मन में खोट है

सरकार के मन में खोट है
सरकार के मन में खोट है

सिंघु (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी ने बताया जो चिट्ठी सरकार ने भेजी है आज उसका जवाब दिया जाएगा. हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है.

10:35 December 23

बीजेपी का पोस्टर किसान सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठा

बीजेपी का पोस्टर
बीजेपी का पोस्टर

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन जारी है. इस बीच बीजेपी ने एक पोस्टर जारी करके बताया था कि पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से किसान खुश हैं. खास बात है कि इस पोस्टर में एक खुशहाल किसान की तस्वीर भी लगाई गई थी, उसका नाम है हरप्रीत सिंह.

10:32 December 23

कृषि कानूनों पर विरोध जारी

कृषि कानूनों पर विरोध जारी
कृषि कानूनों पर विरोध जारी

हरिंदर सिंह लखोवाल, भारतीय किसान यूनियन 23 तारीख को हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे. 26 और 27 तारीख़ को दूतावासों के बाहर हमारे लोग प्रदर्शन करेंगे. 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजाकर विरोध करेंगे.

10:23 December 23

आशा करता हूँ कि किसान जल्द अपने आंदोलन को वापिस लेगें : रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा  किसान दिवस पर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूँ. उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है. कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं. सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है. मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द अपने आंदोलन को वापिस लेगें 

07:23 December 23

किसान आंदोलन लाइव अपडेट-

नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 28वां दिन है.  प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने नये सिरे से वार्ता के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय बुधवार तक टाल दिया है.वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि नये कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए बातचीत जल्द पुन: शुरू होगी.जानकारी के मुताबिक किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा.

कृषि मंत्री तोमर ने जताई उम्मीद 

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन जल्द अपनी आंतरिक चर्चा पूरी करेंगे और संकट के समाधान के लिए सरकार के साथ पुन: वार्ता शुरू करेंगे. दिल्ली की सीमा पर तीन नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं.

मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे 

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाए और अंबाला शहर में उनके काफिले को को रोकने का प्रयास किया. 

इस दौरान उत्तर प्रदेश में किसानों के एक समूह को जब रामपुर-मुरादाबाद टोल प्लाजा पर रोका गया तो उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गयी.तीन नये कृषि कानूनों के समर्थन में किसानों के एक समूह ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर धरना दिया जिसकी वजह से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर सैकड़ों वाहनों की कतार लग गई.अधिकारियों ने बताया कि ये प्रदर्शनकारी मुख्यत: ग्रेटर नोएडा के जेवर और दादरी के रहने वाले हैं और उन्हें पुलिस ने कथित तौर पर महामाया फ्लाईओवर पर रोक दिया. उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा-नोएडा मार्ग पर सामान्य यातायात करीब तीन घंटे बाद ही बहाल हो पाया.

केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ गठबंधन ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए मंगलवार को यहां राजभवन तक जुलूस निकाला. विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला, पूर्व मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी, यूडीएफ के संयोजक एम एम हसन और मोर्चा के अन्य नेताओं ने इस जुलूस और धरने में हिस्सा लिया.

वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा एवं पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी देने से मंगलवार को इनकार कर दिया. विधानसभा सूत्रों ने यह जानकारी दी. किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब की 32 किसान यूनियनों ने मंगलवार को बैठक की और आगे के कदम के बारे में विचार विमर्श किया. उन्होंने कहा कि देश भर के किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा.

संधू ने कहा कि वे ब्रिटेन के सांसदों को भी पत्र लिखेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर दबाव डालें. जॉनसन अगले महीने होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने रविवार को 40 किसान यूनियनों के नेताओं को पत्र लिखकर कहा था कि वे कानूनों में संशोधन के उसके पहले के प्रस्ताव पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट करें और अगले दौर की बातचीत के लिए किसी सुविधाजनक तारीख का चुनाव करें ताकि चल रहा आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो सके.

उल्लेखनीय है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग से पीछे हटने से किसान संगठनों के इनकार करने के बाद बने गतिरोध के बीच नौ दिसंबर को छठे दौर की वार्ता रद्द हो गयी थी.

Last Updated : Dec 23, 2020, 6:14 PM IST

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