अमरावती : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी के इस बयान का राज्य में विरोध शुरू हो गया है कि राज्य की तीन राजधानियों के गठन की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है.
सीएम के इस बयान के बाद वेलगापुडी और अमरावती के किसानों और महिलाओं ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि अमरावती को ही राज्य की राजधानी रहने दिया जाए.
जगनमोहन ने मंगलवार को विधानसभा में एक चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि राज्य की तीन राजधानियां बनाई जा सकती हैं. इनमें अमरावती को विधान-संबंधी (लेजिस्लेटिव), विशाखापत्तनम को कार्यकारी (एग्जीक्यूटिव) और कर्नूल को न्यायिक (ज्यूडिशियल ) राजधानी के रूप में विकसित किया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने हालांकि यह भी कहा था कि अंतिम निर्णय केवल विशेषज्ञ समिति के रिपोर्ट के बाद ही लिया जाएगा
फिलहाल मुख्यमंत्री के बयान से ही राज्य में विरोध शुरू हो गया. प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि सरकार के रवैये के कारण महिलाएं सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हुई.
किसानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार राजधानी पर स्पष्ट बयान नहीं देती.
किसानों की मांग है की कि अगर सरकार अमरावती का विकास नहीं करती तो उनकी जमीनें वापस दे दी जाएं. 2015 में, जिस तरह उन्होंने अपनी जमीनें सरकार को दीं, उसी तरह सरकार उन्हें उनकी जमीनें वापस दे.
इस मामले पर किसानों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. राजधानी को लेकर उच्च न्यायालय ने क्राउन काउंटर नोटिस जारी किया है, जिसको चार सप्ताह के लिए स्थगित किया गया है.
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बता दें कि सीएम के बयान को लेकर किसानों ने विजयवाड़ा, गोलापुड़ी केंद्र, राष्ट्रीय राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया. पूर्वमंत्री देवी नैनी उमा भी किसानों के समर्थन में उतर आईं..
फिलहाल पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों और देवी नैनी उमा को हिरासत में ले लिया.
इस बीच सीएम जगन द्वारा राजधानी के विकेंद्रीकरण संबंधी बयान के विरोध में विधानसभा में भी विरोध शुरू हो गया है. इस दौरान 29 गांवों को बंद किया गया. प्रदर्शन के चलते स्कूलों और दुकानों में बंदी देखने को मिली.