नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने असम के नेता हिमंता बिस्वा शर्मा को लोकसभा चुनाव नहीं लड़ाने के संकेत दिए हैं. पार्टी प्रमुख अमित शाह ने शर्मा को सलाह दी है कि वे चुनाव न लड़कर पूर्वोत्तर में संगठन को लिए काम कर उसे मजबूती दें. राजनीतिक विशेषज्ञों ने इस फैसले को भाजपा के लिए हितकारी बताया है.
बता दें कि हिमंता बिस्वा शर्मा अगस्त, 2015 में बीजेपी में शामिल हुए. इससे पहले वे 2001-2015 तक कांग्रेस विधायक रहे थे. वे मई, 2016 से सर्बानंद सोनोवाल की कैबिनेट में मंत्री हैं.
ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर पूर्वोत्तर के राजनीतिक मुद्दों के विशेषज्ञ अनंत वर्मा से बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लिया गया एक सही निर्णय है. हिमंता शर्मा एक रणनीतिक राजनीतिज्ञ हैं और उनकी उपस्थिति पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर बहुत आवश्यक है.
बता दें, शाह ने कहा था कि हिमंत नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) के अध्यक्ष हैं और वे पूर्वोत्तर के विकास के लिए और बेहतर काम कर सकते हैं और इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर ला सकते हैं.
इससे पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि हिमंता बिस्वा शर्मा तेजपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
सैम पित्रोदा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुबिमल भट्टाचार्जी ने कहा कि आम चुनाव से पहले इस तरह के बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है, लेकिन कांग्रेस इस स्थिति को टालने की कोशिश करेगा.
अधिकांश पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध का उल्लेख करते हुए सुबिमल ने कहा कि पाकिस्तान को छोड़कर, अधिकांश पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं.