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अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार की पड़ोसी देशों पर बेहतर नीति से मिल रहा समर्थन: राजनीतिक विशेषज्ञ

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Published : Aug 24, 2019, 12:09 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:36 AM IST

मोदी सरकार के जम्मू कश्मीर पर लिए गए फैसले का पड़ोसी देशों श्रीलंका और बांग्लादेश ने समर्थन किया है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह पीएम मोदी की विदेश यात्राओं का नतीजा है. पढ़ें

सुबिमल भट्टाचार्जी

नई दिल्ली: मोदी सरकार के जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के फैसले का दुनिया भर के कई देश समर्थन कर चुके हैं. पड़ोसी देश श्रीलंका और बांग्लादेश ने भी अनुच्छेद 370 पर कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है. राजनीतिक विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्जी ने कहा कि यह मोदी सरकार की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत हुआ है.

सुबिमल भट्टाचार्जी ने आगे कहा कि मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है तभी से सरकार ने नेबरहुड फर्स्ट पालिसी (पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्तों को प्राथमिकता) पर जोर दिया है. यही वजह है कि आज सभी पड़ोसी देश भारत का महत्व और स्थिति का सम्मान करते हैं. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी विदेशी दौरों की शुरुआत पड़ोसी मुल्क भूटान से की.

सुबिमल भट्टाचार्जी से बातचीत

बता दें, पीएम मोदी ने दो दिवसीय भूटान यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने भूटान सरकार के साथ कई क्षेत्रों में समझौते किए.

उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश और श्रीलंका दोनों ही सही हैं. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह आंतरिक मुद्दा है. दोनों ही देश जानते हैं कि पाकिस्तान बेवजह मुद्दा बना रहा है.

पढ़ेंः पाक की बदनीयत के कारण जम्मू कश्मीर में पाबंदियां लागू :गृह मंत्रालय

बता दें, गुरुवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया था. श्रीलंका पहला पड़ोसी देश है जिसने केंद्र सरकार के फैसले को आतंरिक मामला बताया था.

नई दिल्ली: मोदी सरकार के जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के फैसले का दुनिया भर के कई देश समर्थन कर चुके हैं. पड़ोसी देश श्रीलंका और बांग्लादेश ने भी अनुच्छेद 370 पर कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है. राजनीतिक विशेषज्ञ सुबिमल भट्टाचार्जी ने कहा कि यह मोदी सरकार की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत हुआ है.

सुबिमल भट्टाचार्जी ने आगे कहा कि मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है तभी से सरकार ने नेबरहुड फर्स्ट पालिसी (पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्तों को प्राथमिकता) पर जोर दिया है. यही वजह है कि आज सभी पड़ोसी देश भारत का महत्व और स्थिति का सम्मान करते हैं. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी विदेशी दौरों की शुरुआत पड़ोसी मुल्क भूटान से की.

सुबिमल भट्टाचार्जी से बातचीत

बता दें, पीएम मोदी ने दो दिवसीय भूटान यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने भूटान सरकार के साथ कई क्षेत्रों में समझौते किए.

उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश और श्रीलंका दोनों ही सही हैं. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह आंतरिक मुद्दा है. दोनों ही देश जानते हैं कि पाकिस्तान बेवजह मुद्दा बना रहा है.

पढ़ेंः पाक की बदनीयत के कारण जम्मू कश्मीर में पाबंदियां लागू :गृह मंत्रालय

बता दें, गुरुवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया था. श्रीलंका पहला पड़ोसी देश है जिसने केंद्र सरकार के फैसले को आतंरिक मामला बताया था.

Intro:New Delhi: Days after both Bangladesh and Sri Lanka said that scrapping Article 370 from Jammu & Kashmir is India's internal matter, political and strategic affairs expert Subimal Bhattacharjee on Friday credited Modi's "neighbourhood first policy."


Body:"Ever since the Narednra Modi Governmnet came to the power, it has adopted a neighbourhood first policy. And now all the neighbouring countries understand where does we stand and our importance," said Subimal Bhattacharjee.

In fact, after coming for the second consecutive time in power, Prime Minister Modi started his foreign visit with Bhutan. Modi had a two day long Bhutan visit recently where he signed several agreements with the Bhutanese government.

"Both the countries (Bangladesh and Sri Lanka) are absolutely right. Jammu & Kashmir is an integral part of India...they have understood that Pakisan has been doing mischief," said Bhattacharjee.


Conclusion:On Thursday, a statement from the Sri Lankan President office welcomed the decision for the creation of Ladakh as an union territory.

In fact, Sri Lanka was one of the first country in the region to call New Delhi's decision as an internal one.

end.
Last Updated : Sep 28, 2019, 1:36 AM IST
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