नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा पर विपक्षी दलों ने भले ही सवाल उठाया हो, लेकिन 91 देशों की उनकी यात्रा ने ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत की रणनीति को मजबूत किया है. एक्सपर्टस का मानना है कि भारत की आर्थिक कूटनीति अपने चरम पर है और प्रधानमंत्री का इसमें सबसे अधिक योगदान है.
पॉलिटिकल एंड स्ट्रैटेजिक अफेयर्स के एक्सपर्ट राजीव शर्मा का कहना है कि इजरायल के तेल अवीव की उनकी यात्रा के बाद रक्षा और जल प्रौद्योगिक क्षेत्र में उन्नति हुई, तो वही जापान के साथ संबंध बेहतर होने से गुजरात में बुलेट ट्रेन कनेक्टिविटी का निर्माण हो रहा है.
मोदी की रूस यात्रा में कई महत्वपूर्ण राफेल सौदे पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमान मिलेंगे.
राजीव शर्मा ने कहा कि अगर हम विदेश यात्रा की बात करें, तो नरेन्द्र मोदी अलग किस्म के प्रधानमंत्री हैं. रणनीतिक रूप से देखा जाए तो उनकी सभी यात्राओं का एक अलग ही महत्व है.
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उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की विदेश यात्राओं से भारत में 193 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) भी आया.
उन्होंने बताया कि एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक के अनुसार पीएम मोदी की विदेश यात्रा देश के ऊर्जा क्षेत्र में भी काफी लाभदायक साबित हुई. उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक सऊदी अरामको को भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी में निवेश करने के लिए पहल की और उन्हें इसके लिए मनाया भी.