ETV Bharat / bharat

प. बंगाल और असम चुनाव पर असर डालेंगे बिहार चुनाव के नतीजे : विशेषज्ञ

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 मतगणना जारी है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक सुबिमल भट्टाचार्य का कहना है कि इस चुनाव के नतीजे और मुद्दे आने वाले असम चुनावों को प्रभावित करेंगे.

राजनीतिक विश्लेषक सुबिमल भट्टाचार्य
राजनीतिक विश्लेषक सुबिमल भट्टाचार्य
author img

By

Published : Nov 10, 2020, 3:02 PM IST

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में होने वाली मतगणना पर सबकी नजर टीकी है. हर कोई जानना चाहता है कि बिहार में आखिर किसकी सरकार बनेगी. ऐसे में मतगणना से पहले, राजनीतिक विश्लेषक सुबिमल भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत से बात की और बताया कि बिहार चुनाव का असर अगले साल असम चुनाव पर भी हो सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए कुछ अच्छे कार्यों के बावजूद, सत्ता पक्ष को लेकर लोगों में नाराजगी है. जैसे कोविड-19 मैनेजमेंट, श्रम प्रवास, उचित स्वास्थ्य देखभाल का अभाव जैसे मुद्दे राज्य चुनाव में निश्चित रूप से बड़ी भूमिका निभाएंगे.

बिहार चुनाव के एग्जिट पोल में राजद की अगुवाई में महागठबंधन को एनडीए से आगे दिखाया गया है. विपक्षी दलों के गठजोड़ ने नीतीश कुमार सरकार पर कोविड प्रबंधन, श्रम प्रवास, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का आरोप लगाया है.

इसमें कोई संदेह नहीं है, कोविड से जुड़े विभिन्न मुद्दे आने वाले चुनाव में अपनी भूमिका निभाएंगे. भट्टाचार्य ने कहा की जैसे यह मुद्दे बिहार में भूमिका निभा रहे हैं, इसका असर आने वाले असम और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों पर भी होगा.

हम कह सकते हैं कि असम में अप्रैल में विधानसभा चुनाव होना है. इस दौरान, पश्चिम बंगाल में भी चुनाव होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असम के लिए की जा रही विकासात्मक पहल के साथ, सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली असम सरकार राज्य में फिर से सत्ता पर कब्जा होने के लिए तैयार है.

सुबिमल भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार का एजेंडा विकास की गति को बनाए रखना होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर और असम की ओर अधिकतम ध्यान दिया है. असम सरकार ने एक एक्ट ईस्ट विभाग की स्थापना भी की है. हालांकि, यह देखना जरूरी है कि इसने कितना काम किया गया है.

पढ़ें- नीतीश या तेजस्वी, किसका होगा 'मंगल'... जानें हर अपडेट

उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए जैसे कारक भी आने वाले चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. वास्तव में, विधानसभा चुनाव कुछ नए राजनीतिक दलों के उभरने का भी गवाह बन सकते हैं.

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) का एक नया राजनीतिक उभार हो सकता है, जहां राज्य बंगाली राजनीतिक दलों के उभरने का गवाह बन सकता है.

भट्टाचार्य ने कहा कि असम जो हमेशा से बहुत सारे ध्रुवीकरण का गवाह रहा है. निश्चित रूप से विभिन्न संख्या समूहों के साथ एक नए राजनीतिक समीकरण गवाह होंगे, जिनकी संख्या एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

उन्होंने कहा कि इस बार एक तरफा चुनाव नहीं हो सकता. बीजेपी और उसके गठबंधन ने पिछले चुनाव में 126 सदस्यीय असम विधानसभा में 86 सीटें हासिल कीं और कांग्रेस को सत्ता से अलग कर दिया.

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में होने वाली मतगणना पर सबकी नजर टीकी है. हर कोई जानना चाहता है कि बिहार में आखिर किसकी सरकार बनेगी. ऐसे में मतगणना से पहले, राजनीतिक विश्लेषक सुबिमल भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत से बात की और बताया कि बिहार चुनाव का असर अगले साल असम चुनाव पर भी हो सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए कुछ अच्छे कार्यों के बावजूद, सत्ता पक्ष को लेकर लोगों में नाराजगी है. जैसे कोविड-19 मैनेजमेंट, श्रम प्रवास, उचित स्वास्थ्य देखभाल का अभाव जैसे मुद्दे राज्य चुनाव में निश्चित रूप से बड़ी भूमिका निभाएंगे.

बिहार चुनाव के एग्जिट पोल में राजद की अगुवाई में महागठबंधन को एनडीए से आगे दिखाया गया है. विपक्षी दलों के गठजोड़ ने नीतीश कुमार सरकार पर कोविड प्रबंधन, श्रम प्रवास, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का आरोप लगाया है.

इसमें कोई संदेह नहीं है, कोविड से जुड़े विभिन्न मुद्दे आने वाले चुनाव में अपनी भूमिका निभाएंगे. भट्टाचार्य ने कहा की जैसे यह मुद्दे बिहार में भूमिका निभा रहे हैं, इसका असर आने वाले असम और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों पर भी होगा.

हम कह सकते हैं कि असम में अप्रैल में विधानसभा चुनाव होना है. इस दौरान, पश्चिम बंगाल में भी चुनाव होने की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असम के लिए की जा रही विकासात्मक पहल के साथ, सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली असम सरकार राज्य में फिर से सत्ता पर कब्जा होने के लिए तैयार है.

सुबिमल भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार का एजेंडा विकास की गति को बनाए रखना होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर और असम की ओर अधिकतम ध्यान दिया है. असम सरकार ने एक एक्ट ईस्ट विभाग की स्थापना भी की है. हालांकि, यह देखना जरूरी है कि इसने कितना काम किया गया है.

पढ़ें- नीतीश या तेजस्वी, किसका होगा 'मंगल'... जानें हर अपडेट

उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए जैसे कारक भी आने वाले चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. वास्तव में, विधानसभा चुनाव कुछ नए राजनीतिक दलों के उभरने का भी गवाह बन सकते हैं.

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) का एक नया राजनीतिक उभार हो सकता है, जहां राज्य बंगाली राजनीतिक दलों के उभरने का गवाह बन सकता है.

भट्टाचार्य ने कहा कि असम जो हमेशा से बहुत सारे ध्रुवीकरण का गवाह रहा है. निश्चित रूप से विभिन्न संख्या समूहों के साथ एक नए राजनीतिक समीकरण गवाह होंगे, जिनकी संख्या एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

उन्होंने कहा कि इस बार एक तरफा चुनाव नहीं हो सकता. बीजेपी और उसके गठबंधन ने पिछले चुनाव में 126 सदस्यीय असम विधानसभा में 86 सीटें हासिल कीं और कांग्रेस को सत्ता से अलग कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.