भुवनेश्वर : खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ देने वाले एथलीटों को खेल पुस्कारों से सम्मानित किया जाता है. चाहे वह अर्जुन पुरस्कार हो या खेल में उत्कृष्ट प्रशिक्षण के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार या ध्यानचंद पुरस्कार. अत्यधिक प्रतिभाशाली और उत्कृष्ट एथलीटों को इन सभी सम्मानों से सम्मानित किया जाता है. इस दौरान एथलीटों को ट्रॉफी दी जाती है. इन ट्रॉफियों को ओडिशा के गजेंद्र साहू डिजाइनर करते हैं.
ईटीवी भारत ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की ट्रॉफी के डिजाइनर गजेंद्र साहू से खास बातचीत की.
इस दौरान उन्होंने कहा कि पहली बार 2009 में ट्रॉफी डिजाइन किया था. दरअसल, इस साल कॉमनवेल्थ गेम था, जिसके मद्देनजर खेल मंत्रालय ने ट्रॉफी की डिजाइन को बदलने का निर्णय लिया.
उन्होंने कहा कि इसके लिए मंत्रालय ने अखबारों में विज्ञापन दिए. बहुत सारी संस्थाओं ने मंत्रालय को डिजाइन दिया. इसके बाद भी मंत्रालय ने उनका डिजाइन सेलेक्ट किया.
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