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कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को मिली जमानत

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Published : Oct 26, 2020, 11:13 AM IST

Updated : Oct 26, 2020, 12:37 PM IST

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11:12 October 26

कोयला घोटाला मामला-

नई दिल्ली: कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को जमानत मिल गई है. बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 3 साल कैद की सजा सुनाई है.  मामले में दोषी पाए गए दो अन्य अधिकारियों को भी 3 साल की जेल की सजा मिली है.

दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे और पांच अन्य को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में दोषी ठहराया था. 6 अक्टूबर को, राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित एक कोयला घोटाला मामले में दिलीप रे को दोषी ठहराया था.

यह मामला झारखंड के गिरिडीह जिले में 105.153 हेक्टेयर गैर-राष्ट्रीयकृत और परित्यक्त कोयला खनन क्षेत्र के आवंटन से संबंधित है, जो 1999 में कोयला मंत्रालय की 14 वीं स्क्रीनिंग कमेटी ऑफ कास्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के पक्ष में था.

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान मंत्री रहे रे के अलावा, कोयला मंत्रालय के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारी - प्रदीप कुमार बनर्जी, तत्कालीन अतिरिक्त सचिव और नित्या नंद गौतम, पूर्व सलाहकार (परियोजनाएं), और कास्टल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, इसके निदेशक महेंद्र कुमार अगरवाला और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड को भी दोषी पाया गया है.

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कोयला घोटाला मामला-

नई दिल्ली: कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को जमानत मिल गई है. बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 3 साल कैद की सजा सुनाई है.  मामले में दोषी पाए गए दो अन्य अधिकारियों को भी 3 साल की जेल की सजा मिली है.

दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे और पांच अन्य को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में दोषी ठहराया था. 6 अक्टूबर को, राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने 1999 में झारखंड कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित एक कोयला घोटाला मामले में दिलीप रे को दोषी ठहराया था.

यह मामला झारखंड के गिरिडीह जिले में 105.153 हेक्टेयर गैर-राष्ट्रीयकृत और परित्यक्त कोयला खनन क्षेत्र के आवंटन से संबंधित है, जो 1999 में कोयला मंत्रालय की 14 वीं स्क्रीनिंग कमेटी ऑफ कास्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के पक्ष में था.

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान मंत्री रहे रे के अलावा, कोयला मंत्रालय के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारी - प्रदीप कुमार बनर्जी, तत्कालीन अतिरिक्त सचिव और नित्या नंद गौतम, पूर्व सलाहकार (परियोजनाएं), और कास्टल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, इसके निदेशक महेंद्र कुमार अगरवाला और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड को भी दोषी पाया गया है.

Last Updated : Oct 26, 2020, 12:37 PM IST
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