नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान फानी से आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं. कुछ इलाकों में अभी से इसका प्रभाव दिखने लगा है. इसके चलते हवाई, नेवल और रेल रूट भी प्रभावित हो रहे हैं. प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य तेजी के साथ चलाया जा रहा है. प्रभावित क्षेत्रों में अलग-अलग माध्यम से राहत सामाग्री पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है.
विशाखापट्टनम में पूर्वी नौसेना कमान के जहाज पूरी तरह से तैयार हैं. इन्हें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल तैनाती के लिए रखा गया है. इन पर राहत सामग्री लदे हुए हैं. मानवीय सहायता संकट से राहत के लिए कार्य किए जा रहे हैं. गोताखोरों और चिकित्सकों की टीम मौके पर तैनात है. आंध्र प्रदेश और ओडिशा में राहत-बचाव कार्य की पूरी तैयारी पहले से ही की जा रही है.
नौसेना एयर स्टेशनों पर नौसेना के जहाज तैयार हैं. आईएनएस डेगा और आईएनएस राजाली सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण के लिए पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही हवाई सेवा के माध्यम से भी राहत सामाग्री पहुंचाई जाएगी. राज्य द्वारा मिल रही सूचना के आधार पर राहत-बचाव से जुड़ी समाग्री पहुंचाई जाएगी. साथ ही फंसे हुए लोगों बाहर निकालने के लिए भी पूरी प्लानिंग कर ली गई है.
बता दें कि ईस्ट कोस्ट रेलवे ने फानी चक्रवात के कारण प्रभावित होने वाली ट्रेनों को रद्द या विनियमित करने के लिए एडवाइजरी जारी की है. भद्रक-भुवनेश्वर-पुरी-विशाखापट्टनम के बीच खंड को खाली करा दिया जाएगा, ताकि चरम स्थिति के दौरान खंड में कोई ट्रेन न हो या संकट कि स्थिति न पैदा हो.
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दरअसल, फानी चक्रवाती तूफान के प्रभाव दिखने के बाद मौसम विभाग ने येलो वार्निंग भा जारी कर दी है. साथ ही सुरक्षा के मद्दे नजर स्कूल कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया है. सरकार ने दो मई तक स्कूलों को बंद किया है.
बता दें, मौसम विभाग कि ओर से शुक्रवार दोपहर तक आसार जताए जा रहे हैं कि तूफान गोपालपुर और चांदबाली के बीच ओडिशा तट को पार कर सकता है. इसके साथ ही पर्यटकों के लिए भी बड़ी समस्या का यह विषय है.
जानकारी के लिए बता दें, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 'येलो वार्निंग' भी जारी कर दी है. IMD ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों को भी खाली करने के आदेश जारी किए हैं.
गौरतलब है, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुख्य चुनाव आयुक्त से अपील की है कि 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीख आगे बढ़ा दी जाए. IMD का अनुमान है कि फानी का प्रभाव दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम-मध्य और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर ज्यादा रहेगा.
कुछ महीने पूर्व ही बंगाल की खाड़ी से लगे राज्यों को फेथेई तूफान से जूझना पड़ा था. ठीक कुछ ही महीने बीते थे कि अब फानी का कहर लोगों की परेशानियों को बढ़ा रहा है.