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सरकार का स्पष्टीकरण - यूरोपीय शिष्टमंडल 'निजी दौरे' पर आया था भारत

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Published : Nov 20, 2019, 8:26 PM IST

यूरोपीय सांसदों के शिष्टमंडल के गत माह भारत व खास तौर पर कश्मीर दौरे को लेकर उठे सवाल पर गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह एक निजी दौरा था. राज्यसभा में बुधवार को गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.

जी किशन रेड्डी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि यूरोपीय सांसदों का एक शिष्टमंडल बीते दिनों 'निजी दौरे' पर भारत आया था और निजी इच्छा पर ही उसने कश्मीर की भी यात्रा की थी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी.

किशन रेड्डी ने कहा, 'जम्मू कश्मीर की सरकार ने यह जानकारी दी है कि यूरोपीय संसद के 27 सदस्य, जो सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों सहित विभिन्न पार्टियों के थे, दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फार नॉनएलाइंड स्टडीज के निमंत्रण पर 28 अक्तूबर से एक नवम्बर तक भारत के निजी दौरे पर आये थे.'

पढ़ें : लोकसभा में सरकार का बयान - जम्मू-कश्मीर में कम हुईं पत्थरबाजी की घटनाएं

रेड्डी ने इन प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी कि किस संस्थान ने कश्मीर दौरे का खर्च वहन किया और इसका आयोजन करने वाली संस्था क्या केन्द्र सरकार के संयोजन संस्थान की तरह काम कर रही है?

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार जम्मू-कश्मीर मुद्दे में किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करने की अपनी नीति से 'हट गयी' है.

रेड्डी ने कहा कि भारत का यह सतत रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ यदि कोई मुद्दा है तो उस पर द्विपक्षीय ढंग से विचार विमर्श किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए 23 यूरोपीय सांसदों का एक दल दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर गया था.

वस्तुतः यूरोपीय सांसदों के शिष्टमंडल में 27 सदस्य भारत आये थे, जिनमें 23 कश्मीर दौरे पर गये थे.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि यूरोपीय सांसदों का एक शिष्टमंडल बीते दिनों 'निजी दौरे' पर भारत आया था और निजी इच्छा पर ही उसने कश्मीर की भी यात्रा की थी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी.

किशन रेड्डी ने कहा, 'जम्मू कश्मीर की सरकार ने यह जानकारी दी है कि यूरोपीय संसद के 27 सदस्य, जो सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों सहित विभिन्न पार्टियों के थे, दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फार नॉनएलाइंड स्टडीज के निमंत्रण पर 28 अक्तूबर से एक नवम्बर तक भारत के निजी दौरे पर आये थे.'

पढ़ें : लोकसभा में सरकार का बयान - जम्मू-कश्मीर में कम हुईं पत्थरबाजी की घटनाएं

रेड्डी ने इन प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी कि किस संस्थान ने कश्मीर दौरे का खर्च वहन किया और इसका आयोजन करने वाली संस्था क्या केन्द्र सरकार के संयोजन संस्थान की तरह काम कर रही है?

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार जम्मू-कश्मीर मुद्दे में किसी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करने की अपनी नीति से 'हट गयी' है.

रेड्डी ने कहा कि भारत का यह सतत रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ यदि कोई मुद्दा है तो उस पर द्विपक्षीय ढंग से विचार विमर्श किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए 23 यूरोपीय सांसदों का एक दल दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर गया था.

वस्तुतः यूरोपीय सांसदों के शिष्टमंडल में 27 सदस्य भारत आये थे, जिनमें 23 कश्मीर दौरे पर गये थे.

Intro:New Delhi: Weeks after a delegation of 27 members of the European Parliament visited to Jammu and Kashmir, the Ministry of Home Affairs on Wednesday called it a 'private visit' at the invitation of International Institute for Nonaligned Studies, a Delhi based think tank.

In a written reply to Rajya Sabha question, MoS Home G. Kishan Reddy said, "The Government of Jammu and Kashmir has reported that a group of 27 Members of European Parliament (MEPs), who belonged to different political parties including ruling and opposition parties, paid a private visit to India from 28th October, 2019 to 1st November, 2019 at the invitation of International Institute for Nonaligned Studies, a Delhi based think tank."




Body:The written reply by MoS Home further added, "The Indian delegation of MPs were not allowed to visit Kashmir valley due to security reasons."


Meetings were facilitated for the MEPs, as has been done previously on familiarisation visits for the visiting Members of Parliament of different countries. Further, the MEPs had expressed their desire that they would like to visit Kashmir to understand how terrorism is affecting India and how this has been a challenge for India, said the junior home minister.




Conclusion:Calling the MEPs visit fruitful, G Kishan Reddy said such exchanges promote a deep people-to-people contact and ultimately it feeds into the larger relationship which any two countries would like to develop.

It is to be noted that opposition parties slammed the government for letting European Parliament members visit to Jammu and Kashmir while not permitting Indian opposition leaders move out of Srinagar airport.
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