रांची : ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. रांची जिला प्रशासन ने झारखंड कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार के झारखंड दौरे को कैंसिल कर दिया गया है. रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि उमंग सिंघार ने झारखंड दौरे के लिए ऑनलाइन अनुमति मांगी थी, तब प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि कम्युनिकेशन गैप के कारण उनके ऑनलाइन आवेदन को परमिशन मिल गया था. अब उनके झारखंड दौरे पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.
इस बात की जानकारी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को भी दे दी गई है. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उमंग सिंघार को दिल्ली लौटने की छूट होगी या फिर मुख्य सचिव की ओर से जारी क्वारेंटाइन प्रोटोकॉल से जुड़े निर्देश का पालन कराया जाएगा. इसके जवाब में रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि उमंग सिंघार को होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन के एक्शन से पहले उमंग सिंघार गिरिडीह, बेरमो और धनबाद के दौरे के लिए निकल चुके थे. अब वह जहां भी होंगे वहां होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा.
ईटीवी भारत ने उठाया था सवाल
दरअसल, ईटीवी भारत के इंटरस्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल को लेकर उठाये गए सवाल के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा और आनन-फानन में उमंग सिंघार के झारखंड के जिलों के दौरे को रद्द कर दिया गया है. उमंग सिंघार गिरिडीह, बेरमो और धनबाद के दौरे पर थे, लेकिन बीच रास्ते में ही उनके दौरे को रद्द करने की सूचना दी गई, जिसके बाद वह वापस लौट रहे हैं. वहीं, कोविड-19 के गाइडलाइन के अनुसार वह दिल्ली वापसी करते हैं या फिर 14 दिनों के होम क्वॉरेंटाइन में रहते हैं यह साफ नहीं हो पाया है.
भाजपा ने उठाय था सवाल
वहीं, इस मामले में विपक्ष की बीजेपी पार्टी ने सत्ताधारी दल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि राज्य सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन कठपुतली बनी हुई है और लॉकडाउन के शुरुआत से ही अब तक लगातार प्रशासन का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है.