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मजदूरों को भुगतना पड़ा केंद्र-राज्य में खींचतान का खामियाजा : तेजस्वी यादव

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Published : Jun 6, 2020, 8:00 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 8:07 PM IST

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना संकट, प्रवासी मजदूरों सहित अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

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ईटीवी भारत पर तेजस्वी यादव.

पटना : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना संकट, प्रवासी मजदूरों सहित अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बिहार सरकार ने कोई पहल नहीं की. इतना ही नहीं पैसे को लेकर राज्य सरकार और रेलवे के बीच खींचतान चलती रही. ऐसे में मजदूरों को खामियाजा भुगतना पड़ा. ट्रेन देरी से पहुंची और तय गंतव्य के बजाए कहीं और चली गई. इसके बावजूद मजदूरों को खाना-पानी नहीं मुहैया कराया गया.

ईटीवी भारत पर तेजस्वी यादव.

तेजस्वी यादव ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर बड़ी संख्या में बिहार लौट आए हैं. ये सभी खुद से घर वापस लौटे हैं, जबकि इनकी वापसी की व्यवस्था बिहार सरकार को करनी चाहिए थी. राज्य में डबल इंजन की सरकार है लेकिन उसने हाथ खड़े कर दिए. प्रवासी मजदूरों की जांच, क्वारंटाइन और रोजगार को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.

क्या कर रही है सरकार?
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पहले से ही 7 करोड़ लोग बेरोजगार हैं और अब प्रवासी मजदूरों की संख्या जोड़ने के बाद ये समस्या विकराल हो गई है. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब बड़ी संख्या में स्किल्ड मजदूर बिहार में मौजूद हैं. ऐसे लोगों के लिए सरकार क्या कर रही है.

जेपी आंदोलन पर भी हुई बात
राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि समाज को बचाने के लिए कई बार सिद्धांत बदलने पड़ते है. ईटीवी भारत से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जेपी के आंदोलन से ही मेरे पिताजी लालू यादव भी निकले. इसी आंदोलन से नीतीश कुमार भी निकले. लेकिन समाज के हर पहलू को साथ लेकर चलने के लिए कई बार कुछ समझौते करने पड़ते हैं.

'मजदूरों को नहीं मिला खाना'
कोरोना संकट के काल में सत्ता और विपक्ष सभी को मिलकर काम करने की जरूरत थी लेकिन इंतजार के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मजदूरों को लाने की पहल नहीं की. राज्य सरकार और रेलवे के बीच रकम को लेकर खींचतान चलती रही. ऐसे में मजदूरों को खामियाजा भुगतना पड़ा. ट्रेन देरी से पहुंची और तय गंतव्य के बजाए कहीं और चली गई. इसके बावजूद, मजदूरों को खाना-पानी नहीं मुहैया कराया गया.

हमने आवाज उठाई, तो राजनीति
प्रवासी मजदूरों के सवाल को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि आज नीतीश कुमार हमारे ऊपर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं. हम दो महीने बाहर थे, तब बिहार सरकार ने उनके लिए क्या किया. हमने जब आवाज उठानी शुरू की तो कहा गया कि राजनीति हो रही है. ट्रेनों से आ रहे बिहार के मजदूर भूख से ट्रेन में ही मर जा रहे हैं. हम आवाज उठा रहे हैं, तो कह रहे हैं राजनीति हो रही है.

बिहार आए लोगो को अपराधी की तरह से देखने के लिए पुलिस मुख्यालय पत्र जारी करता है हम विरोध करते हैं, तो कहा जाता है हम राजनीति कर रहे हैं. अब नीतीश जी जनता को बताना होगा कि कोरोना में जो चेहरा उनका दिखा है. क्या यही वो चेहरा है, जिसपर बिहार भरोसा करता था. जनता ने नीतीश कुमार को बेहतर तरीके से पहचान लिया है.

'प्रोसेसिंग यूनिट और आईटी क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं'
तेजस्वी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने जो किया, वो सामाजिक न्याय था, हमारा प्रयास है कि हम लोगों को आर्थिक न्याय दिलाएं. बिहार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में अत्यंत पिछड़ा हुआ है लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति हो, तो इस स्थिति को बदला जा सकता है. यहां जूट मिल, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और आईटी क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं हैं.

गलतियां स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए
तेजस्वी ने कहा कि लोगों को गलतियां स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि 15 साल हम सरकार में रहे. हमें जनता ने सजा दी. आज हम विपक्ष में हैं. लेकिन वर्तमान सरकार भी 15 साल पूरे कर चुकी है. उन्होंने कहा सरकार ने कुछ काम नहीं किये हैं. अभी भी बिहार में कई अस्पताल ऐसे हैं, जो लालू जी ने दिए. डबल इंजन की सरकार से हम तो पूछेंगे ही कि उन्हें केंद्र सरकार से क्या मदद मिली.

बिहार को आगे कैसे ले जाना है?
तेजस्वी से जब ये सवाल पूछा गया कि बिहार को कैसे आगे लेकर जाना है? उन्होंने कुछ ब्लू प्रिंट तैयार किया है कि नहीं? इस सवाल को उन्होंने कहा कि इसपर हम पहले से ही काम कर रहे हैं. कला, पर्यटन से लेकर पलायन तक को रोकने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार है. उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार की आपार संभावनाएं हैं. यहां फलों के उत्पादन होता है. हमारे यहां से इंजीनियर निकलते हैं, जो बाहर जाकर काम करते हैं. उनके लिए उद्योग धंधे लगवाने की जरूरत है.

वर्तमान सरकार को कितने नंबर?
बिहार में नीतीश कुमार के काम को नंबर देने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा, 'अभी तक उन्होने कोई ऐसा काम किया ही नहीं है, जिसके कारण उन्हें कोई नंबर दिया जाए. नीतीश कुमार की फितरत रही है, दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना और पीठ में छूरा घोंपना. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता इसे देख रही है और उन्हे इसका जवाब मिल जाएगा.'

क्यों जनता के बीच नहीं आए नीतीश जी
आपदा के समय बिहार से गायब रहने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि हम दिल्ली में थे बहुत सारे काम वहीं से होते हैं और जब हम गए थे. जब लॉकडाउन के हालात नहीं थे. लेकिन हम वहां जाकर फंस गए. नीतीश कुमार जी बताएं कि वे जनता के बीच क्यों नहीं गए.

सरकार चाहे तो तेजी से होगा काम
बिहार में विकास के काम को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि चीनी मिल का मामला हो, चाहे फूड प्रो​सेसिंग का सरकार में विल पावर की कमी है और यही वजह है कि काम नहीं हो रहा है. अगर सरकार चाहे तो यहां और तेजी से काम किया ​जा सकता है.

पटना : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना संकट, प्रवासी मजदूरों सहित अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए बिहार सरकार ने कोई पहल नहीं की. इतना ही नहीं पैसे को लेकर राज्य सरकार और रेलवे के बीच खींचतान चलती रही. ऐसे में मजदूरों को खामियाजा भुगतना पड़ा. ट्रेन देरी से पहुंची और तय गंतव्य के बजाए कहीं और चली गई. इसके बावजूद मजदूरों को खाना-पानी नहीं मुहैया कराया गया.

ईटीवी भारत पर तेजस्वी यादव.

तेजस्वी यादव ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर बड़ी संख्या में बिहार लौट आए हैं. ये सभी खुद से घर वापस लौटे हैं, जबकि इनकी वापसी की व्यवस्था बिहार सरकार को करनी चाहिए थी. राज्य में डबल इंजन की सरकार है लेकिन उसने हाथ खड़े कर दिए. प्रवासी मजदूरों की जांच, क्वारंटाइन और रोजगार को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.

क्या कर रही है सरकार?
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पहले से ही 7 करोड़ लोग बेरोजगार हैं और अब प्रवासी मजदूरों की संख्या जोड़ने के बाद ये समस्या विकराल हो गई है. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब बड़ी संख्या में स्किल्ड मजदूर बिहार में मौजूद हैं. ऐसे लोगों के लिए सरकार क्या कर रही है.

जेपी आंदोलन पर भी हुई बात
राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि समाज को बचाने के लिए कई बार सिद्धांत बदलने पड़ते है. ईटीवी भारत से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जेपी के आंदोलन से ही मेरे पिताजी लालू यादव भी निकले. इसी आंदोलन से नीतीश कुमार भी निकले. लेकिन समाज के हर पहलू को साथ लेकर चलने के लिए कई बार कुछ समझौते करने पड़ते हैं.

'मजदूरों को नहीं मिला खाना'
कोरोना संकट के काल में सत्ता और विपक्ष सभी को मिलकर काम करने की जरूरत थी लेकिन इंतजार के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मजदूरों को लाने की पहल नहीं की. राज्य सरकार और रेलवे के बीच रकम को लेकर खींचतान चलती रही. ऐसे में मजदूरों को खामियाजा भुगतना पड़ा. ट्रेन देरी से पहुंची और तय गंतव्य के बजाए कहीं और चली गई. इसके बावजूद, मजदूरों को खाना-पानी नहीं मुहैया कराया गया.

हमने आवाज उठाई, तो राजनीति
प्रवासी मजदूरों के सवाल को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि आज नीतीश कुमार हमारे ऊपर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं. हम दो महीने बाहर थे, तब बिहार सरकार ने उनके लिए क्या किया. हमने जब आवाज उठानी शुरू की तो कहा गया कि राजनीति हो रही है. ट्रेनों से आ रहे बिहार के मजदूर भूख से ट्रेन में ही मर जा रहे हैं. हम आवाज उठा रहे हैं, तो कह रहे हैं राजनीति हो रही है.

बिहार आए लोगो को अपराधी की तरह से देखने के लिए पुलिस मुख्यालय पत्र जारी करता है हम विरोध करते हैं, तो कहा जाता है हम राजनीति कर रहे हैं. अब नीतीश जी जनता को बताना होगा कि कोरोना में जो चेहरा उनका दिखा है. क्या यही वो चेहरा है, जिसपर बिहार भरोसा करता था. जनता ने नीतीश कुमार को बेहतर तरीके से पहचान लिया है.

'प्रोसेसिंग यूनिट और आईटी क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं'
तेजस्वी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने जो किया, वो सामाजिक न्याय था, हमारा प्रयास है कि हम लोगों को आर्थिक न्याय दिलाएं. बिहार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में अत्यंत पिछड़ा हुआ है लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति हो, तो इस स्थिति को बदला जा सकता है. यहां जूट मिल, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और आईटी क्षेत्र में बेहतर संभावनाएं हैं.

गलतियां स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए
तेजस्वी ने कहा कि लोगों को गलतियां स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि 15 साल हम सरकार में रहे. हमें जनता ने सजा दी. आज हम विपक्ष में हैं. लेकिन वर्तमान सरकार भी 15 साल पूरे कर चुकी है. उन्होंने कहा सरकार ने कुछ काम नहीं किये हैं. अभी भी बिहार में कई अस्पताल ऐसे हैं, जो लालू जी ने दिए. डबल इंजन की सरकार से हम तो पूछेंगे ही कि उन्हें केंद्र सरकार से क्या मदद मिली.

बिहार को आगे कैसे ले जाना है?
तेजस्वी से जब ये सवाल पूछा गया कि बिहार को कैसे आगे लेकर जाना है? उन्होंने कुछ ब्लू प्रिंट तैयार किया है कि नहीं? इस सवाल को उन्होंने कहा कि इसपर हम पहले से ही काम कर रहे हैं. कला, पर्यटन से लेकर पलायन तक को रोकने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार है. उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार की आपार संभावनाएं हैं. यहां फलों के उत्पादन होता है. हमारे यहां से इंजीनियर निकलते हैं, जो बाहर जाकर काम करते हैं. उनके लिए उद्योग धंधे लगवाने की जरूरत है.

वर्तमान सरकार को कितने नंबर?
बिहार में नीतीश कुमार के काम को नंबर देने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा, 'अभी तक उन्होने कोई ऐसा काम किया ही नहीं है, जिसके कारण उन्हें कोई नंबर दिया जाए. नीतीश कुमार की फितरत रही है, दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चलाना और पीठ में छूरा घोंपना. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता इसे देख रही है और उन्हे इसका जवाब मिल जाएगा.'

क्यों जनता के बीच नहीं आए नीतीश जी
आपदा के समय बिहार से गायब रहने के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि हम दिल्ली में थे बहुत सारे काम वहीं से होते हैं और जब हम गए थे. जब लॉकडाउन के हालात नहीं थे. लेकिन हम वहां जाकर फंस गए. नीतीश कुमार जी बताएं कि वे जनता के बीच क्यों नहीं गए.

सरकार चाहे तो तेजी से होगा काम
बिहार में विकास के काम को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि चीनी मिल का मामला हो, चाहे फूड प्रो​सेसिंग का सरकार में विल पावर की कमी है और यही वजह है कि काम नहीं हो रहा है. अगर सरकार चाहे तो यहां और तेजी से काम किया ​जा सकता है.

Last Updated : Jun 6, 2020, 8:07 PM IST
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