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कोविशिल्ड के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल, 1600 प्रतिभागियों का पंजीकरण

कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशिल्ड के क्लिनिकल ट्रायल के लिए 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण कर लिया गया है. एसआईआई और आईसीएमआर ने इसकी घोषणा की है.

कोविशिल्ड टीके
कोविशिल्ड टीके
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Published : Nov 12, 2020, 1:30 PM IST

नई दिल्ली : पुणे स्थित 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' (एसआईआई) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारत में कोविड-19 के टीके कोविशील्ड के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण पूरा होने की घोषणा की.

अमेरिका की नोवावैक्स द्वारा विकसित कोवोवैक्स के लिए आईसीएमआर और एसआईआई मिलकर काम कर रहे हैं.

आईसीएमआर ने एक बयान में कहा कि साझेदारी महामारी के फैलने के गंभीर परिणामों को कम करने के लिए निजी-सार्वजनिक संस्थानों के सहयोग का एक शानदार उदाहरण है.

आईसीएमआर क्लिनिकल ट्रायल साइट का खर्च उठा रहा है और एसआईआई कोविशील्ड पर आने वाले अन्य खर्चे उठा रही है.

यह भी पढ़ें-पुणे : अगले हफ्ते शुरू होगा कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण

अभी एसआईआई और आईसीएमआर देश में 15 विभिन्न केन्द्रों में कोविशील्ड का 2/3 चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं. उन्होंने 31 अक्टूबर को सभी 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण पूरा कर लिया था.

आईसीएमआर ने कहा कि अभी तक हुए परीक्षणों के परिणाम से यह उम्मीद जगी है कि कोविशील्ड घातक वैश्विक महामारी का एक वास्तविक समाधान हो सकता है. भारत में अभी तक जितने टीकों का मानव परीक्षण हुआ है, उसमें ‘कोविशील्ड’ के नतीजे सबसे अच्छे हैं.

नई दिल्ली : पुणे स्थित 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' (एसआईआई) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारत में कोविड-19 के टीके कोविशील्ड के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण पूरा होने की घोषणा की.

अमेरिका की नोवावैक्स द्वारा विकसित कोवोवैक्स के लिए आईसीएमआर और एसआईआई मिलकर काम कर रहे हैं.

आईसीएमआर ने एक बयान में कहा कि साझेदारी महामारी के फैलने के गंभीर परिणामों को कम करने के लिए निजी-सार्वजनिक संस्थानों के सहयोग का एक शानदार उदाहरण है.

आईसीएमआर क्लिनिकल ट्रायल साइट का खर्च उठा रहा है और एसआईआई कोविशील्ड पर आने वाले अन्य खर्चे उठा रही है.

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अभी एसआईआई और आईसीएमआर देश में 15 विभिन्न केन्द्रों में कोविशील्ड का 2/3 चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं. उन्होंने 31 अक्टूबर को सभी 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण पूरा कर लिया था.

आईसीएमआर ने कहा कि अभी तक हुए परीक्षणों के परिणाम से यह उम्मीद जगी है कि कोविशील्ड घातक वैश्विक महामारी का एक वास्तविक समाधान हो सकता है. भारत में अभी तक जितने टीकों का मानव परीक्षण हुआ है, उसमें ‘कोविशील्ड’ के नतीजे सबसे अच्छे हैं.

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