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उत्तराखंड : टस्कर हाथी की मौत, कॉर्बेट पार्क प्रशासन पर उठे सवाल

उत्तराखंड के रामनगर में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे मोहन रेंज में एक टस्कर हाथी की मौत हो गई है. इस पूरे मामले में पार्क प्रशासन के द्वारा लापरवाही बरतने के आरोप हैं. पार्क प्रशासन अपनी कमियों को छिपाने के लिए हाथी की मौत का कारण दूसरे हाथी से संघर्ष बता रहा है. सूत्रों की मानें तो हाथी की मौत ट्रेंकुलाइज करते समय ओवरडोज के कारण हुई है.

हाथी की मौत पर लगे सवालिया निशान
हाथी की मौत पर लगे सवालिया निशान
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Published : Jul 14, 2020, 8:50 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड के रामनगर में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे मोहन रेंज में एक टस्कर हाथी की मौत हो गई है, जिसकी उम्र 20 से 30 साल बताई जा रही है. हाथी की मौत की सूचना मिलने पर पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया. कॉर्बेट पार्क प्रशासन द्वारा इस हाथी को ट्रेंकुलाइज कर रेडियो कॉलर लगाया गया था. वहीं सूत्रों की मानें तो कॉर्बेट पार्क प्रशासन की लापरवाही से हाथी की मौत हुई.

इस पूरे मामले में पार्क प्रशासन के द्वारा लापरवाही बरतने के आरोप हैं. पार्क प्रशासन अपनी कमियों को छिपाने के लिए हाथी की मौत का कारण दूसरे हाथी से संघर्ष बता रहा है. सूत्रों की मानें तो हाथी की मौत ट्रेंकुलाइज करते समय ओवरडोज के कारण हुई है. हालांकि, हाथी की मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चलेगी.

पार्क के निदेशक राहुल कुमार का कहना है कि सोमवार को इस हाथी की भिड़ंत दूसरे हाथी से हुई. उसके बाद इस हाथी को हमने ट्रेस करके रेडियो कॉलर किया था, मंगलवार को इस हाथी की मौत हो गई है. इसके शरीर में जख्म के निशान हैं, लेकिन इस हाथी की मौत पर पार्क प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

आपको बता दें कि नेशनल हाईवे 309 पर रामनगर से पहाड़ों की ओर जाने वाले वाहनों को यह हाथी क्षतिग्रस्त भी कर रहा था. गौरतलब है कि यह टस्कर हाथी काफी लंबे समय से मोहन क्षेत्र में उत्पात मचा रहा था और कई लोगों को मौत की नींद सुला चुका है. वहीं, इस हाथी को कॉर्बेट प्रशासन की टीम द्वारा रेडियो कॉलर करने की कार्रवाई काफी लंबे समय से की जा रही था.

देहरादून : उत्तराखंड के रामनगर में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे मोहन रेंज में एक टस्कर हाथी की मौत हो गई है, जिसकी उम्र 20 से 30 साल बताई जा रही है. हाथी की मौत की सूचना मिलने पर पार्क प्रशासन में हड़कंप मच गया. कॉर्बेट पार्क प्रशासन द्वारा इस हाथी को ट्रेंकुलाइज कर रेडियो कॉलर लगाया गया था. वहीं सूत्रों की मानें तो कॉर्बेट पार्क प्रशासन की लापरवाही से हाथी की मौत हुई.

इस पूरे मामले में पार्क प्रशासन के द्वारा लापरवाही बरतने के आरोप हैं. पार्क प्रशासन अपनी कमियों को छिपाने के लिए हाथी की मौत का कारण दूसरे हाथी से संघर्ष बता रहा है. सूत्रों की मानें तो हाथी की मौत ट्रेंकुलाइज करते समय ओवरडोज के कारण हुई है. हालांकि, हाथी की मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चलेगी.

पार्क के निदेशक राहुल कुमार का कहना है कि सोमवार को इस हाथी की भिड़ंत दूसरे हाथी से हुई. उसके बाद इस हाथी को हमने ट्रेस करके रेडियो कॉलर किया था, मंगलवार को इस हाथी की मौत हो गई है. इसके शरीर में जख्म के निशान हैं, लेकिन इस हाथी की मौत पर पार्क प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

आपको बता दें कि नेशनल हाईवे 309 पर रामनगर से पहाड़ों की ओर जाने वाले वाहनों को यह हाथी क्षतिग्रस्त भी कर रहा था. गौरतलब है कि यह टस्कर हाथी काफी लंबे समय से मोहन क्षेत्र में उत्पात मचा रहा था और कई लोगों को मौत की नींद सुला चुका है. वहीं, इस हाथी को कॉर्बेट प्रशासन की टीम द्वारा रेडियो कॉलर करने की कार्रवाई काफी लंबे समय से की जा रही था.

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