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चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि भाजपा के खजाने में जा सके कालाधन : कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड में पारदर्शिता और स्पष्टता नहीं है और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है.

राजीव गौड़ा, पवन खेड़ा
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Published : Nov 19, 2019, 12:09 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मीडिया में चुनावी बॉन्ड से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारतीय रिजर्व बैंक की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि कालाधन भाजपा के खजाने में पहुंच सके.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव गौड़ा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया, 'चुनाव आयोग एवं भारतीय रिजर्व बैंक दोनों ने इलेक्टरल बॉण्ड स्कीम पर गंभीर आपत्ति जताई थी, उसके बावजूद सरकार ने न केवल यह लागू किया बल्कि प्रक्रिया को ताक पर रखते हुए इस संशोधन एवं चुनावी बॉन्ड योजना को धन विधेयक के तहत कानूनी दर्जा दे दिया. इस तरह से राज्यसभा की भूमिका को अनावश्यक बना दिया.'

उन्होंने सवाल किया, 'ऐसा क्या कारण है कि जो योजना चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए लाई गई थी, चंदा देने वाले का नाम गुप्त रखकर एक तरह से उसे विरोधी दलों के बदला लेने की कार्यवाही से सुरक्षा देने की बात की गई थी, उसके माध्यम से अर्जित चंदे का 95 प्रतिशत भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त हुआ?'

संवाददाता सम्मेलन को में पवन खेड़ा

कांग्रेस नेताओं ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था.

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया, 'आरबीआई को दरकिनार कर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को खारिज करते हुए चुनावी बॉन्ड को मंजूरी दी गई ताकि भाजपा के पास कालाधन पहुंच सके.'

जेएनयू मामले पर बोले सीताराम येचुरी - 'यह मोदी का आपातकाल है'

प्रियंका ने कहा, 'ऐसा लगता है कि भाजपा को कालाधान खत्म करने के नाम पर चुना गया था, लेकिन यह उसी से अपना खजाना भरने में लग गई। यह भारत की जनता के साथ शर्मनाक विश्वासघात है.'

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प्रियंका गांधी द्वारा साझा किया गया ट्वीट

उन्होंने जिस मीडिया खबर का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मीडिया में चुनावी बॉन्ड से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारतीय रिजर्व बैंक की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि कालाधन भाजपा के खजाने में पहुंच सके.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव गौड़ा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया, 'चुनाव आयोग एवं भारतीय रिजर्व बैंक दोनों ने इलेक्टरल बॉण्ड स्कीम पर गंभीर आपत्ति जताई थी, उसके बावजूद सरकार ने न केवल यह लागू किया बल्कि प्रक्रिया को ताक पर रखते हुए इस संशोधन एवं चुनावी बॉन्ड योजना को धन विधेयक के तहत कानूनी दर्जा दे दिया. इस तरह से राज्यसभा की भूमिका को अनावश्यक बना दिया.'

उन्होंने सवाल किया, 'ऐसा क्या कारण है कि जो योजना चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए लाई गई थी, चंदा देने वाले का नाम गुप्त रखकर एक तरह से उसे विरोधी दलों के बदला लेने की कार्यवाही से सुरक्षा देने की बात की गई थी, उसके माध्यम से अर्जित चंदे का 95 प्रतिशत भारतीय जनता पार्टी को प्राप्त हुआ?'

संवाददाता सम्मेलन को में पवन खेड़ा

कांग्रेस नेताओं ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था.

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया, 'आरबीआई को दरकिनार कर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को खारिज करते हुए चुनावी बॉन्ड को मंजूरी दी गई ताकि भाजपा के पास कालाधन पहुंच सके.'

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प्रियंका ने कहा, 'ऐसा लगता है कि भाजपा को कालाधान खत्म करने के नाम पर चुना गया था, लेकिन यह उसी से अपना खजाना भरने में लग गई। यह भारत की जनता के साथ शर्मनाक विश्वासघात है.'

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प्रियंका गांधी द्वारा साझा किया गया ट्वीट

उन्होंने जिस मीडिया खबर का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था.

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