पटना/नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन ने बैठक की. बैठक में कोरोना काल में चुनावी बैठक आयोजित करने को मंजूरी दी गई है. पार्टियां बैठक कर सकती हैं, इसके लिए उन्हें नई गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में चुनाव कराने को लेकर हुई बैठक में चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों द्वारा दिए गए सुझावों की समीक्षा की. बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर में होने वाले हैं. इसको लेकर चुनाव कराने के लिए इलेक्शन कमीशन ने नई गाइडलाइंस जारी की है. पार्टियां कोरोना काल में चुनावी बैठक कर सकती हैं. लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करना होगा.
दिशा-निर्देश:
- चुनाव प्रचार करते समय या बड़ी जनसभा में शामिल होने पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी होगी.
- धार्मिक स्थान सहित बड़े सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध रहेगा.
- भीड़ इकट्ठा होने वाली जगहों पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन अनिवार्य होगा.
- प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या कम की जाएगी.
- सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए बूथ के बाहर मार्किंग की जाएगी.
- पीपीई किट के साथ सभी जरूरी चीजें चुनाव अधिकारी द्वारा प्रदान की जाएंगी.
- बटन दबाने के लिए टूथ पिक/ग्लब्स का उपयोग किया जाएगा.
बिहार में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख सियासी दलों ने तैयारी तेज कर दी है. हालांकि, कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से कई पार्टियों ने चुनाव टालने की अपील भी चुनाव आयोग से की थी. बावजूद चुनाव आयोग की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि बिहार चुनाव अपने समय पर ही होंगे.
चुनाव आयोग ने कोविड महामारी के बीच होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान पर भी चर्चा की.
चुनाव आयोग के सूत्रों ने पहले ही बताया था कि अगले कुछ दिनों में जारी होने जा रहे यह दिशा-निर्देश राजनीतिक दलों से प्राप्त फीडबैक पर आधारित होंगे. अधिकारियों ने लोगों को कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और दूसरे एहतियाती उपाय करने के लिए कहा है.
बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने दो बार राजनीतिक दलों से उनकी राय मांगी थी. पहले 16 जुलाई को आयोग ने बिहार के सभी दलों से उनका सुझाव मांगा, जिसके लिए 31 जुलाई का समय दिया गया था. बाद में इस समय को बढ़ा दिया गया था.
राष्ट्रीय जनता दल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी जैसे सियासी दलों ने विधानसभा चुनाव में 'डिजिटल चुनाव प्रचार अभियान' की अवधारणा का विरोध किया है. जुलाई में आयोग को सौंपे ज्ञापन में नौ विपक्षी दलों ने बिहार में बीजेपी की ओर से शुरू किए गए डिजिटल अभियान पर सवाल उठाए थे.
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इतना ही नहीं, राजनीतिक दलों ने सामान्य चुनाव प्रचार अभियान की मांग की थी. जब यह सवाल किया गया कि क्या दिशा-निर्देश में डिजिटल और पारंपरिक चुनाव प्रचार का मिला-जुला प्रस्ताव होगा तब एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दस्तावेज तय करते समय सभी बातों को ध्यान में रखा जाएगा. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होगा.