नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को मनी लांड्रिंग के मामले में नोटिस जारी कर 23 अगस्त के लिए तलब किया है. कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार के द्वारा विरोधियों को तंग करने और परेशान करने के लिए जांच एजेंसी को दुरुपयोग करने का एक और मामला करार दिया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा इस सरकार ने जांच एजेंसियों के साथ गठबंधन और महा गठबंधन कर लिया है. यह सरकार आदतन अपराधी हो गई है. उन्होंने कहा कि यह सरकार मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अपने विरोधियों को तंग करने के लिए जांच एजेंसियों का सहारा ले रही है. अब यह कोई नया मुद्दा नहीं रह गया.
आपको बता दें, एयरसेल-मैक्सिस (Aircel-Maxis) मामले में एजेंसी इससे पहले पी चिदंबरम के पुत्र कार्तिक चिदंबरम को गिरफ्तार कर चुकी है. चिटफंड घोटाले में रिश्वतखोरी के आरोप में पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम पर आरोप पत्र तक दाखिल हो चुका है.
दबाने का प्रयास कर रही सरकार
पवन खेड़ा ने कहा महाराष्ट्र में चुनाव है तो राज ठाकरे को नोटिस जारी कर दिया गया. इससे पहले भी विरोधी दल के नेताओं को यह सरकार सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का भय दिखाकर डराती रही है. ताकि कोई उनके खिलाफ आवाज बुलंद ना कर सके.
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आपको बता दें कि पी चिदंबरम पर कई गंभीर आरोप हैं. उन पर आरोप है कि उनके पद का दुरुपयोग करते हुए ही उनके पुत्र कार्तिक चिदंबरम ने Aircel-Maxis घोटाले को अंजाम दिया.
दूसरी तरफ उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम ने चिटफंड घोटाले में शारदा ग्रुप की कंपनी को मदद पहुंचाने के लिए एक करोड़ 14 लाख रुपए की रिश्वत ली. यह मामला 2010 से 2012 के बीच का है. जब यूपीए-2 की सरकार केंद्र में थी और चिदंबरम वित्त मंत्री थे. इस मामले में सीबीआई आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है.
चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने एयर इंडिया को रोका घाटा पहुंचाया और विदेशी विमान कंपनियों को इसके बदले में लाभ देकर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को अंजाम दिया.
प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पूछताछ के लिए 23 अगस्त को बुलाया है. देश के वित्त मंत्री पर सीधे या गंभीर आरोप है जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने तल्ख रुख अख्तियार किया है.