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सोना तस्करी मामले में निलंबित अधिकारी शिवशंकर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल - शिवशंकर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त

केरल के सोना तस्करी मामले में ईडी ने विशेष अदालत में दाखिल एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. आरोप पत्र में एजेंसी ने कहा है कि शिवशंकर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे और उन्होंने अपराध किया.

शिवशंकर
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Published : Dec 24, 2020, 11:01 PM IST

कोच्चि : केरल के सोना तस्करी मामले में धन के लेन-देन की जांच कर रही ईडी ने बृहस्पतिवार को विशेष अदालत में दाखिल एक पूरक आरोप पत्र में कहा है कि निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर ने 'जानबूझकर' मामले में मुख्य आरोपियों की मदद की.

एजेंसी ने कहा कि उसकी अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि मामले में पांचवें आरोपी शिवशंकर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे और उन्होंने अपराध किया.

ईडी ने आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन की समय सीमा खत्म होने के कुछ दिन पहले धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई कर रही अदालत में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है.

गिरफ्तारी से 60 दिनों तक आरोप पत्र दाखिल नहीं होने की स्थिति में आरोपी वैधानिक जमानत का हकदार हो जाता है. ईडी ने शिवशंकर को 28 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में हैं.

एजेंसी ने अक्टूबर में तीन मुख्य आरोपियों-सरिथ पी एस, स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर के खिलाफ एक अंतरिम आरोप पत्र दाखिल किया था.

धनशोधन के तहत अपराध के लिए पीएमएलए की धारा 44 और 45 के तहत पूरक आरोप पत्र में ईडी ने आरोप लगाया कि शिवशंकर ने जानबूझकर सोना तस्करी में तीनों आरोपियों की मदद की.

यह भी आरोप लगाया गया है कि शिवशंकर ने वडक्कनचेरी, त्रिसूर में लाइफ मिशन परियोजना का अनुबंध दिलाने के लिए संतोष ईप्पन से रिश्वत ली थी. लाइफ मिशन परियोजना के तहत राज्य में बेघरों को आवास मुहैया कराया जाता है.

पढ़ें - आईएएस अधिकारी शिवशंकर ईडी मामले में जमानत के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे

ईडी के अलावा, केंद्रीय एजेंसियां- राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), सीमा शुल्क विभाग तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर राजनयिक सामान से मिले करीब 15 करोड़ रुपये के सोने की जब्ती मामले में अलग-अलग जांच कर रही हैं.

कोच्चि : केरल के सोना तस्करी मामले में धन के लेन-देन की जांच कर रही ईडी ने बृहस्पतिवार को विशेष अदालत में दाखिल एक पूरक आरोप पत्र में कहा है कि निलंबित आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर ने 'जानबूझकर' मामले में मुख्य आरोपियों की मदद की.

एजेंसी ने कहा कि उसकी अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि मामले में पांचवें आरोपी शिवशंकर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे और उन्होंने अपराध किया.

ईडी ने आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन की समय सीमा खत्म होने के कुछ दिन पहले धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई कर रही अदालत में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है.

गिरफ्तारी से 60 दिनों तक आरोप पत्र दाखिल नहीं होने की स्थिति में आरोपी वैधानिक जमानत का हकदार हो जाता है. ईडी ने शिवशंकर को 28 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में हैं.

एजेंसी ने अक्टूबर में तीन मुख्य आरोपियों-सरिथ पी एस, स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर के खिलाफ एक अंतरिम आरोप पत्र दाखिल किया था.

धनशोधन के तहत अपराध के लिए पीएमएलए की धारा 44 और 45 के तहत पूरक आरोप पत्र में ईडी ने आरोप लगाया कि शिवशंकर ने जानबूझकर सोना तस्करी में तीनों आरोपियों की मदद की.

यह भी आरोप लगाया गया है कि शिवशंकर ने वडक्कनचेरी, त्रिसूर में लाइफ मिशन परियोजना का अनुबंध दिलाने के लिए संतोष ईप्पन से रिश्वत ली थी. लाइफ मिशन परियोजना के तहत राज्य में बेघरों को आवास मुहैया कराया जाता है.

पढ़ें - आईएएस अधिकारी शिवशंकर ईडी मामले में जमानत के लिए उच्च न्यायालय पहुंचे

ईडी के अलावा, केंद्रीय एजेंसियां- राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), सीमा शुल्क विभाग तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर राजनयिक सामान से मिले करीब 15 करोड़ रुपये के सोने की जब्ती मामले में अलग-अलग जांच कर रही हैं.

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