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ईडी ने चिदम्बरम, उनके बेटे को अग्रिम जमानत मिलने को उच्च न्यायालय में दी चुनौती

एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में ईडी ने याचिका दायर की थी. याचिका पर कोर्ट 11 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.

चिदंबरम
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Published : Oct 11, 2019, 12:07 AM IST

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एअरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

ईडी की अर्जी पर शुक्रवार, 12 अक्टूबर को उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है. प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष अदालत के पांच सितंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें 74 वर्षीय चिदम्बरम और उनके बेटे को अग्रिम जमानत दे दी गई थी.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में हैं.

निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दायर एअरसेल-मैक्सिस मामले में भी पिता-पुत्र को अग्रिम जमानत दे दी थी.

एअरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम और उनके बेटे को आरोपी बनाने से पहले एक विशेष अदालत ने दो फरवरी 2017 को डीएमके नेता एवं पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य को सीबीआई तथा ईडी द्वारा दायर मामलों में आरोपमुक्त कर दिया था.

बाद में, दोनों एजेंसियों ने घोटाले में चिदंबरम पिता-पुत्र का नाम लेते हुए पूरक आरोपपत्र दायर किया था.

मामले चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 3,500 करोड़ रुपये के एअरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी देने में कथित अनियमितता से जुड़े हैं.

सीबीआई इस बारे में जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री रहने के दौरान चिदंबरम ने एक विदेशी कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी कैसे प्रदान करा दी, जबकि यह कार्य आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ही कर सकती थी.

ईडी एअरसेल-मैक्सिस मामले में धनशोधन प्रकरण की जांच कर रहा है जिसमें चिदंबरम पिता-पुत्र से एजेंसी द्वारा पूछताछ की गई है.

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एअरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

ईडी की अर्जी पर शुक्रवार, 12 अक्टूबर को उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है. प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष अदालत के पांच सितंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें 74 वर्षीय चिदम्बरम और उनके बेटे को अग्रिम जमानत दे दी गई थी.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में हैं.

निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दायर एअरसेल-मैक्सिस मामले में भी पिता-पुत्र को अग्रिम जमानत दे दी थी.

एअरसेल-मैक्सिस मामले में चिदंबरम और उनके बेटे को आरोपी बनाने से पहले एक विशेष अदालत ने दो फरवरी 2017 को डीएमके नेता एवं पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और अन्य को सीबीआई तथा ईडी द्वारा दायर मामलों में आरोपमुक्त कर दिया था.

बाद में, दोनों एजेंसियों ने घोटाले में चिदंबरम पिता-पुत्र का नाम लेते हुए पूरक आरोपपत्र दायर किया था.

मामले चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 3,500 करोड़ रुपये के एअरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी देने में कथित अनियमितता से जुड़े हैं.

सीबीआई इस बारे में जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री रहने के दौरान चिदंबरम ने एक विदेशी कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी कैसे प्रदान करा दी, जबकि यह कार्य आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ही कर सकती थी.

ईडी एअरसेल-मैक्सिस मामले में धनशोधन प्रकरण की जांच कर रहा है जिसमें चिदंबरम पिता-पुत्र से एजेंसी द्वारा पूछताछ की गई है.

Intro:नई दिल्ली। ईडी ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ईडी की याचिका पर हाईकोर्ट कल यानि 11 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।



Body:आपको बता दें कि पिछले 5 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी। कोर्ट ने दोनों को एक-एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने दोनों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था।
पिछले 6 सितंबर को ट्रायल कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए टाल दिया था। सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए और कहा कि आप सुनवाई हमेशा टालने की ही मांग करते हैं। जब आपकी जांच पूरी हो जाए तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा। जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा।
पिछले 2 सितंबर को सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है। सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा था कि पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी। दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है। चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरुरत है क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है। चिदंबरम मनी लाउंड्रिंग के आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया।



Conclusion:26 नवंबर 2018 को सीबीआई और ईडी ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मामलों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। 23 नवंबर 2018 को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया था। वकील अर्शदीप ने दोनों की तरफ से जवाब दाखिल करते हुए सीबीआई और ईडी के आरोपों से इनकार किया।
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