मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े अपराधी दाऊद इब्राहिम का दायां हाथ माने जाने वाले इकबाल मिर्ची के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
मिर्ची की लंदन में 2013 में मौत हो गयी थी.
अधिकारियों ने बताया कि मामले में जांच में कथित रूप से सहयोग नहीं करने के लिए हारून अलीम यूसुफ और रंजीत सिंह बिंद्रा को धन शोधन रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मिर्ची और अन्य लोगों के खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर यूसुफ तथा बिंद्रा के खिलाफ धन शोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया था.
एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि मामला मिर्ची द्वारा सितंबर 1986 में सर मोहम्मद यूसुफ ट्रस्ट की तीन संपत्तियों को उसकी कंपनी रॉकसाइड एंटरप्राइज के माध्यम से 6.5 लाख रुपये में खरीदने से संबंधित है.
सी व्यू, मरियम लॉज और राबिया मेंशन की 1537 वर्ग फुट में फैली संपत्तियां मुंबई के वर्ली में स्थित हैं.
ईडी मिर्ची के सहयोगियों द्वारा काले धन को सफेद में बदलने के संबंध में जांच कर रही है. यूसुफ और बिंद्रा पर इन संपत्तियों को हड़पने के लिए इनके स्वामित्व बदलने में मदद करने के आरोप हैं.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि यूसुफ ने मिर्ची के उक्त अवैध सौदों में बहुत अहम भूमिका अदा की.
उसने यह आरोप भी लगाया कि बिंद्रा ने सनब्लिंक रीयल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से मिर्ची से बातचीत की तथा सौदे को अंतिम रूप दिया. इस तरह उसने बाजार में काम कर रहे सौदेबाजों के जरिये 30 करोड़ रुपये का ब्रोकरेज अर्जित किया.
ईडी ने कहा कि इन तीन संपत्तियों के सौदे में बिंद्रा ने अहम किरदार निभाया.