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लेह में गुरुद्वारे से छेड़छाड़ का आरोप, DSGMC ने सेना प्रमुख को लिखा पत्र

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) के अध्यक्ष ने गुरुद्वारा पाथेर साहिब के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया है. समिति ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को पत्र लिख कर कार्रवाई करने की मांग की है. जानें क्या है पूरा मामला...

गुरुद्वारा पाथेर साहिब
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Published : Apr 11, 2019, 11:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने सेना जनरल विपिन रावत को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने भारतीय सेना पर लेह में गुरुद्वारा पाथेर सिंह साहिब के साथ छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत की है.

DSGMC अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने गुरुद्वारे को दोबारा वास्तविक रुप में लाए जाने की अपील की है. सिरसा ने लिखा है कि लेह स्थित गुरुद्वारा पाथेर साहिब के बाहरी भाग से छेड़छाड़ किए जाने की सूचना मिली है. उन्होंने इसे सिख धर्म की भावनाओं को आहत करने वाला कदम करार दिया.

जानकारी के मुताबिक गुरुद्वारे की दीवारों पर बुद्ध कालीन लेख और लामा की तस्वीरें देखी गई हैं. सिरसा ने अपने पत्र में लिखा है कि इस गुरुद्वारे का ऐतिहासिक महत्व है. इसे गुरुनानक देव की उदासी का एक प्रतीक माना जाता है.

Gurudwara Management Committee letter etv bharat
सेना प्रमुख को सिरसा का पत्र
सिरसा ने लिखा है कि इस संबंध में उन्हें सिख समुदाय के लोगों के हजारों फोन कॉल आए हैं.

सेना प्रमुख को लिखे गए पत्र में सिरसा ने मामले को संवेदनशील कारार दिया है. उन्होंने गुरुद्वारे के वास्तविक स्वरूप में किए जाने की अपील की है.

पढ़ें:भाजपा का संकल्प पत्र - किसान, मंदिर, पेंशन पर फोकस

सिरसा ने लिखा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में सिखों की भावनाओं को सम्मान देते हुए गुरुद्वारा पाथर साहिब के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए. उन्होंने कहा कि यह मामला देश और विदेश में रहने वाले लाखों सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं से जुड़ा है.

नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने सेना जनरल विपिन रावत को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने भारतीय सेना पर लेह में गुरुद्वारा पाथेर सिंह साहिब के साथ छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत की है.

DSGMC अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने गुरुद्वारे को दोबारा वास्तविक रुप में लाए जाने की अपील की है. सिरसा ने लिखा है कि लेह स्थित गुरुद्वारा पाथेर साहिब के बाहरी भाग से छेड़छाड़ किए जाने की सूचना मिली है. उन्होंने इसे सिख धर्म की भावनाओं को आहत करने वाला कदम करार दिया.

जानकारी के मुताबिक गुरुद्वारे की दीवारों पर बुद्ध कालीन लेख और लामा की तस्वीरें देखी गई हैं. सिरसा ने अपने पत्र में लिखा है कि इस गुरुद्वारे का ऐतिहासिक महत्व है. इसे गुरुनानक देव की उदासी का एक प्रतीक माना जाता है.

Gurudwara Management Committee letter etv bharat
सेना प्रमुख को सिरसा का पत्र
सिरसा ने लिखा है कि इस संबंध में उन्हें सिख समुदाय के लोगों के हजारों फोन कॉल आए हैं.

सेना प्रमुख को लिखे गए पत्र में सिरसा ने मामले को संवेदनशील कारार दिया है. उन्होंने गुरुद्वारे के वास्तविक स्वरूप में किए जाने की अपील की है.

पढ़ें:भाजपा का संकल्प पत्र - किसान, मंदिर, पेंशन पर फोकस

सिरसा ने लिखा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में सिखों की भावनाओं को सम्मान देते हुए गुरुद्वारा पाथर साहिब के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए. उन्होंने कहा कि यह मामला देश और विदेश में रहने वाले लाखों सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं से जुड़ा है.



The Delhi Sikh Gurudwara Management Committee (DSGMC) has taken up issue of defacing and tempering with the external looks of historic Gurudwara Sri Pather Sahib in Leh by the army personnel with the Army Chief General Bipin Rawat and has urged him to order restoration of original looks and no tempering with the Gurudwara Sahib.

        In a letter written to the Army Chief General Bipin Rawat, the DSGMC President Mr. Manjinder Singh Sirsa said that it has come to their notice that tampering has been done with exterior original looks of Gurdwara Sri Pather Sahib in Leh by ADGPI, Indian Army.  He said that it is highly objectionable and has hurt the sentiments of Sikh community at large seeing Budhist text and Lama pictures on the exterior walls of Gurdwara Pather Sahib, Leh.   He also said that it is a historical Gurdwara which claims one of the signs of Guru Nanak Dev Ji's udaasi.

        Mr. Sirsa said that  they have received hundreds of calls from Sikh Sangat worldwide regarding defacing the wall of Gurdwara Pather Sahib, Leh by ADGPI, Indian Army.

        He requested the Army Chief to intervene in the matter for the restoration of Gurdwara Pather Sahib, Leh keeping in view  sensitivity of the matter and ensure that there should be no tampering with the Gurdwara Pather Sahib in future giving due respect to the sentiments of Sikhs. He said that this matter is related with the sentiments of lakhs of  Sikh community members residing in country and abroad and he was hopeful  that he will take action sooner than later.

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