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यह हैं देश के असली हीरो, भूखों को भोजन करा बन रहे मिसाल

कोरोना से जंग लड़ने में सरकार, डॉक्टर, प्रशासन, पुलिस और सफाईकर्मी आदि जहां अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो संकट की इस घड़ी लोगों को मानवता का धर्म सिखा रहे हैं. इस महामारी के चलते जरूरतमंदों को भोजन देकर यह सभी लोग मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं.. पढे़ं खबर विस्तार से....

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भूखों को भोजन करा मानवता की मिसाल पेश कर रहे वाहन चालक
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Published : Apr 6, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Apr 6, 2020, 6:17 PM IST

तिरवंनतपुरम : कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया है. इस महामारी के बीच ऐसे कई लोग सामने आ रहे हैं, जो जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रहे हैं. इस मुसीबत में देश वासियों की मदद करने आगे आए यह लोग असल हीरो से कहीं बढ़कर हैं.

भूखों को भोजन करा मानवता की मिसाल पेश कर रहे वाहन चालक

ऐसा ही एक मामला सामने आया है केरल से. कहते हैं जेब कितनी बड़ी है यह माइने नहीं रखता है, बस इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए. ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है केरल के रहने वाले इन वाहन चालकों ने.

आपको बता दें कि केरल में एक ट्रक ड्राइवर और एंबुलेंस ड्राइवर मिलकर अलाप्पुझा में कोमाडी बाईपास पर जरूरी सामान की ढुलाई कर रहे वाहन चालकों व अन्य लोगों को खाना खिला कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. बता दें कि देश के अलग-अलग राज्यों से ऐसे ही लोग मदद के लिए आगे रहे हैं.

उत्तराखंड में मदद के लिए सामने आई वंदना गुप्ता

कुछ करने की लगन हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता. इसी को सार्थक किया है हरिद्वार की रहने वाली वंदना गुप्ता ने लॉकडाउन होने के बाद हरिद्वार में गरीब लोगों पर भोजन का संकट मंडराने लगा था. मगर वंदना गुप्ता ने लोगों के लिए ना सिर्फ भोजन की व्यवस्था की, बल्कि इस महिला को देखकर कई और लोग भी आगे आए. आज इन गरीब लोगों के लिए कई लोग भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. इस मुहिम को शुरू करने वाली वंदना गुप्ता का कहना है कि मैंने सोशल मीडिया पर ईटीवी भारत में कार्य करने वाले किरण कांत शर्मा की फेसबुक पर पोस्ट देखी. उनके द्वारा किसी गरीब को भोजन कराया गया.

उत्तराखंड में मदद के लिए सामने आई वंदना गुप्ता

तब वंदना ने सोचा कि जब एक पत्रकार यह कर सकता है, तो एक आम महिला क्यों नहीं कर सकती. वंदना गुप्ता कहती है कि पहले मुझे थोड़ा डर भी लगा कि मेरे दो बच्चे हैं. यह वायरस काफी खतरनाक है. मगर मैंने घर में भोजन बनाया और फिर लोगों मे उसे बांटना शुरू किया. जब मैं बाहर गई तो मैंने देखा कई मजदूर लोग भोजन के लिए परेशान थे. हरिद्वार में कोई भी उनको भोजन नहीं करवा रहा था. प्रशासन द्वारा कहा गया था किसी को भी परेशानी नहीं होगी. उनको भोजन दिया जाएगा मगर प्रशासन भी एकदम से कोई कार्य नहीं कर सकता. इसी को देखते हुए मैंने शुरुआत की और आज भी लोगों को भोजन दे रही हूं. मेरे द्वारा की गई शुरुआत के बाद आज हरिद्वार शहर में कई लोग भोजन बांट रहे हैं.

वाराणसी में युवाओं ने उठाया गरीबों की मदद का बीड़ा

कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए देश के युवा भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. ऐसा ही नजारा इन दिनों वाराणसी के मंडुआडीह क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. जहां पर युवाओं ने खुद ही मोर्चा संभाला और अपने जेब खर्च से असहाय की मदद कर रहे हैं.

वाराणसी में युवाओं ने नर्सरी संचालकों के साथ मिलकर लॉकडाउन के दौरान जगह-जगह अन्य जिलों से मजदूरी करने आये मजदूर और उनके परिवार के अलावा क्षेत्र के मलिन बस्तियों और स्टेशन आदि स्थानों पर मौजूद गरीब असहाय लोगों तक खाद्य पदार्थ पहुंचाने का बीड़ा उठाया है.

बाड़मेर में मदद के लिए आगे आया युवा पार्षद

बाड़मेर में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वार्ड 51 के युवा पार्षद लोगों की मदद के लिए आया है. पार्षद अपने क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए क्षेत्र के ही लोगों से व्हाट्सएप के माध्यम से खाना इकट्ठा करते है और मोटरसाइकिल से जरूरतमंदों को पहुंचाते है.

बाड़मेर में मदद के लिए आगे आया युवा पार्षद

25 साल की युवा पार्षद जो कि इस समय इस दुख की घड़ी में अपने इलाके में गरीब मजदूर सैकड़ों परिवारों को सुबह-शाम अपने इलाके के लोगों के दम पर खाना खिला रहा हैं.सबसे बड़ी खास बात यह कि इलाके के समृद्ध लोग 11 बजे व्हाट्सएप कर देते है कि खाना तैयार हैं. इसके बाद वह उनके घर से खाना लेता है और अपने बैग में डालकर गरीब और मजदूर परिवारों को बांटने के लिए बाइक पर निकल जाता है.

तिरवंनतपुरम : कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया है. इस महामारी के बीच ऐसे कई लोग सामने आ रहे हैं, जो जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रहे हैं. इस मुसीबत में देश वासियों की मदद करने आगे आए यह लोग असल हीरो से कहीं बढ़कर हैं.

भूखों को भोजन करा मानवता की मिसाल पेश कर रहे वाहन चालक

ऐसा ही एक मामला सामने आया है केरल से. कहते हैं जेब कितनी बड़ी है यह माइने नहीं रखता है, बस इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए. ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है केरल के रहने वाले इन वाहन चालकों ने.

आपको बता दें कि केरल में एक ट्रक ड्राइवर और एंबुलेंस ड्राइवर मिलकर अलाप्पुझा में कोमाडी बाईपास पर जरूरी सामान की ढुलाई कर रहे वाहन चालकों व अन्य लोगों को खाना खिला कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं. बता दें कि देश के अलग-अलग राज्यों से ऐसे ही लोग मदद के लिए आगे रहे हैं.

उत्तराखंड में मदद के लिए सामने आई वंदना गुप्ता

कुछ करने की लगन हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता. इसी को सार्थक किया है हरिद्वार की रहने वाली वंदना गुप्ता ने लॉकडाउन होने के बाद हरिद्वार में गरीब लोगों पर भोजन का संकट मंडराने लगा था. मगर वंदना गुप्ता ने लोगों के लिए ना सिर्फ भोजन की व्यवस्था की, बल्कि इस महिला को देखकर कई और लोग भी आगे आए. आज इन गरीब लोगों के लिए कई लोग भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. इस मुहिम को शुरू करने वाली वंदना गुप्ता का कहना है कि मैंने सोशल मीडिया पर ईटीवी भारत में कार्य करने वाले किरण कांत शर्मा की फेसबुक पर पोस्ट देखी. उनके द्वारा किसी गरीब को भोजन कराया गया.

उत्तराखंड में मदद के लिए सामने आई वंदना गुप्ता

तब वंदना ने सोचा कि जब एक पत्रकार यह कर सकता है, तो एक आम महिला क्यों नहीं कर सकती. वंदना गुप्ता कहती है कि पहले मुझे थोड़ा डर भी लगा कि मेरे दो बच्चे हैं. यह वायरस काफी खतरनाक है. मगर मैंने घर में भोजन बनाया और फिर लोगों मे उसे बांटना शुरू किया. जब मैं बाहर गई तो मैंने देखा कई मजदूर लोग भोजन के लिए परेशान थे. हरिद्वार में कोई भी उनको भोजन नहीं करवा रहा था. प्रशासन द्वारा कहा गया था किसी को भी परेशानी नहीं होगी. उनको भोजन दिया जाएगा मगर प्रशासन भी एकदम से कोई कार्य नहीं कर सकता. इसी को देखते हुए मैंने शुरुआत की और आज भी लोगों को भोजन दे रही हूं. मेरे द्वारा की गई शुरुआत के बाद आज हरिद्वार शहर में कई लोग भोजन बांट रहे हैं.

वाराणसी में युवाओं ने उठाया गरीबों की मदद का बीड़ा

कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए देश के युवा भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. ऐसा ही नजारा इन दिनों वाराणसी के मंडुआडीह क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. जहां पर युवाओं ने खुद ही मोर्चा संभाला और अपने जेब खर्च से असहाय की मदद कर रहे हैं.

वाराणसी में युवाओं ने नर्सरी संचालकों के साथ मिलकर लॉकडाउन के दौरान जगह-जगह अन्य जिलों से मजदूरी करने आये मजदूर और उनके परिवार के अलावा क्षेत्र के मलिन बस्तियों और स्टेशन आदि स्थानों पर मौजूद गरीब असहाय लोगों तक खाद्य पदार्थ पहुंचाने का बीड़ा उठाया है.

बाड़मेर में मदद के लिए आगे आया युवा पार्षद

बाड़मेर में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए वार्ड 51 के युवा पार्षद लोगों की मदद के लिए आया है. पार्षद अपने क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए क्षेत्र के ही लोगों से व्हाट्सएप के माध्यम से खाना इकट्ठा करते है और मोटरसाइकिल से जरूरतमंदों को पहुंचाते है.

बाड़मेर में मदद के लिए आगे आया युवा पार्षद

25 साल की युवा पार्षद जो कि इस समय इस दुख की घड़ी में अपने इलाके में गरीब मजदूर सैकड़ों परिवारों को सुबह-शाम अपने इलाके के लोगों के दम पर खाना खिला रहा हैं.सबसे बड़ी खास बात यह कि इलाके के समृद्ध लोग 11 बजे व्हाट्सएप कर देते है कि खाना तैयार हैं. इसके बाद वह उनके घर से खाना लेता है और अपने बैग में डालकर गरीब और मजदूर परिवारों को बांटने के लिए बाइक पर निकल जाता है.

Last Updated : Apr 6, 2020, 6:17 PM IST
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