नई दिल्ली : डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने परीक्षण के दौरान सोमवार को राजस्थान के पोखरण में हुई हॉवित्जर दुर्घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं.
यह एजेंसी निजी क्षेत्र की कंपनियों टाटा और भारत फोर्ज के साथ एडवांस टायर्ड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) विकसित कर रही है, जहां जैसलमेर के पोखरण में सोमवार को परीक्षण के दौरान एक तोप का बैरल फट जाने से तीन लोग घायल हो गए थे.
DRDO के अध्यक्ष डॉ. जी सतेश रेड्डी ने घटना के बारे में पूछे जाने पर मीडिया को बताया कि दुर्घटना के पीछे के कारण जानने के लिए जांच कर रहे हैं.
यह किसी भी तरह से परियोजना के लिए एक झटका नहीं है और यह हमें और उद्योग को सिस्टम (हॉवित्जर) को और मजबूत बनाने में मदद करेगा.
ATAGS तोप ने 50 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर गोले दागने की क्षमता दिखाई है और यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे उन्नत और सक्षम तोपों में से एक होगी.
DRDO द्वारा विकसित और टाटा और भारत फोर्ज लिमिटेड द्वारा निर्मित किए जा रहे स्वदेशी हॉवित्जर को शामिल करते हुए यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई जब भारत ने इस साल दिसंबर से विदेश से हॉवित्जर आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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ATAGS, DRDO द्वारा निजी क्षेत्र के रक्षा उद्योग के साथ विकसित की गई प्रमुख प्रणालियों में से एक होगी.
बता दें कि पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में परीक्षण के दौरान एक देसी तोप का बैरल फट जाने से सोमवार को तीन लोग घायल हो गए थे. तीनों घायलों का फायरिंग रेंज के अस्पताल में ही इलाज किया जा रहा है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कौन सी कंपनी की तोप का बैरल फटने से यह हादसा हुआ.