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आरआईसी समिट में बोले रूसी विदेश मंत्री- भारत और चीन को किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं

भारत-चीन तनाव के बीच रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को वर्चुअल बैठक हुई. गलवान झड़प के बाद यह पहला मौका है, जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने आमने-सामने बात की. इस दौरान रूसी विदेश मंत्री का मानना था कि भारत और चीन को उनके बीच उपजा विवाद सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है. वे स्वयं इस मुद्दे को हल कर सकते हैं.

Dr S Jaishankar at RIC summit
विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक
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Published : Jun 23, 2020, 2:56 PM IST

Updated : Jun 23, 2020, 6:00 PM IST

नई दिल्ली : रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों के बीच मंगलवार को वर्चुअल बैठक हुई. गलवान झड़प के बाद यह पहला मौका है, जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आमने-सामने बात की.

आरआईसी शिखर सम्मेलन में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि भारत व चीन को उनके बीच उभरे विवाद को सुलझाने के लिए किसी और की मदद चाहिए. मुझे नहीं लगता है कि उन्हें मदद करने की आवश्यकता है, हाल की घटनाएं दोनों देशों का मुद्दा हैं. वे इसे स्वयं हल कर सकते हैं.'

विदेश मंत्री एस जयशंकर

इसके पूर्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, 'यह विशेष बैठक अंतरराष्ट्रीय संबंधों में समय-परीक्षण के सिद्धांतों में हमारे विश्वास को दोहराती है, लेकिन आज चुनौती अवधारणाओं और मानदंडों की नहीं है, बल्कि सामान रूप से इस पर अभ्यास की जरूरत है.'

विदेश मंत्री ने शिखर बैठक की शुरुआत में कहा, 'दुनिया की प्रमुख आवाजों को हर तरह से अनुकरणीय होना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अपने सहयोगियों के हितों का ख्याल रखना, बहुपक्षीयता को समर्थन देना और अच्छाई को बढ़ावा देना ही वैश्विक व्यवस्था बनाने का एकमात्र तरीका है.'

नई दिल्ली : रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों के बीच मंगलवार को वर्चुअल बैठक हुई. गलवान झड़प के बाद यह पहला मौका है, जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आमने-सामने बात की.

आरआईसी शिखर सम्मेलन में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि भारत व चीन को उनके बीच उभरे विवाद को सुलझाने के लिए किसी और की मदद चाहिए. मुझे नहीं लगता है कि उन्हें मदद करने की आवश्यकता है, हाल की घटनाएं दोनों देशों का मुद्दा हैं. वे इसे स्वयं हल कर सकते हैं.'

विदेश मंत्री एस जयशंकर

इसके पूर्व विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, 'यह विशेष बैठक अंतरराष्ट्रीय संबंधों में समय-परीक्षण के सिद्धांतों में हमारे विश्वास को दोहराती है, लेकिन आज चुनौती अवधारणाओं और मानदंडों की नहीं है, बल्कि सामान रूप से इस पर अभ्यास की जरूरत है.'

विदेश मंत्री ने शिखर बैठक की शुरुआत में कहा, 'दुनिया की प्रमुख आवाजों को हर तरह से अनुकरणीय होना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अपने सहयोगियों के हितों का ख्याल रखना, बहुपक्षीयता को समर्थन देना और अच्छाई को बढ़ावा देना ही वैश्विक व्यवस्था बनाने का एकमात्र तरीका है.'

Last Updated : Jun 23, 2020, 6:00 PM IST
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