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पुनर्बहाली को लेकर डॉ कफील का छलका दर्द, बोले- 25 पत्र लिख चुका हूं, पर नहीं मिला जवाब

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान के कारण लगभग 60 बच्चों की मौत के बाद खान को अगस्त, 2017 में निलंबित कर दिया गया था. डॉ कफील खान ने आईएमए को लिखे अपने पत्र में कहा, उन्हें दोबारा पद पर बहाल किया जाए. उन्होंने कहा कि चिकित्सा लापरवाही या भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है, फिर भी वह तीन साल से निलंबित हैं.

डॉ. कफील खान
डॉ. कफील खान
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Published : Nov 1, 2020, 1:56 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 2:27 PM IST

लखनऊ : गोरखपुर के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान ने अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से संपर्क किया है ताकि उनके निलंबन को रद्द किया जा सके. खान ने दावा किया कि वह आदित्यनाथ सरकार को 25 पत्र लिख चुके हैं जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि वे उन्हें 'कोरोना वॉरियर' के रूप में काम करने दें, लेकिन उन्हें कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान के कारण लगभग 60 बच्चों की मौत के बाद खान को अगस्त, 2017 में निलंबित कर दिया गया था. बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी में आरोपी अन्य डॉक्टरों को बहाल कर दिया गया था. आईएमए के महासचिव आर.वी. असोकन ने संवाददाताओं को बताया कि एसोसिएशन ने पिछले साल प्रधानमंत्री को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा था क्योंकि यह एक पेशे का मामला है.

असोकन ने कहा यह मामला राज्य सरकार से जुड़ा है. हमने अपने राज्य निकाय से इसे देखने और खान की बहाली के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क करने को कहा है क्योंकि खान सभी आरोपों से मुक्त हो गए हैं. खान ने आईएमए को लिखे अपने पत्र में कहा भले ही भारत की सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निलंबन 90 दिनों से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन 22 अगस्त से बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी के बाद से मैं 1,155 दिनों से निलंबित हूं.

पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ कफील खान की तत्काल रिहाई के आदेश दिए

बता दें कि खान जो हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत आरोपों से छूटे हैं. उन्होंने कहा है कि अदालत से क्लीन चिट मिलने के बावजूद और सरकार द्वारा कराई गई नौ जांचों में उनके खिलाफ चिकित्सा लापरवाही या भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है फिर भी वह तीन साल से निलंबित हैं.

लखनऊ : गोरखपुर के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ कफील खान ने अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से संपर्क किया है ताकि उनके निलंबन को रद्द किया जा सके. खान ने दावा किया कि वह आदित्यनाथ सरकार को 25 पत्र लिख चुके हैं जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि वे उन्हें 'कोरोना वॉरियर' के रूप में काम करने दें, लेकिन उन्हें कभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान के कारण लगभग 60 बच्चों की मौत के बाद खान को अगस्त, 2017 में निलंबित कर दिया गया था. बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी में आरोपी अन्य डॉक्टरों को बहाल कर दिया गया था. आईएमए के महासचिव आर.वी. असोकन ने संवाददाताओं को बताया कि एसोसिएशन ने पिछले साल प्रधानमंत्री को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा था क्योंकि यह एक पेशे का मामला है.

असोकन ने कहा यह मामला राज्य सरकार से जुड़ा है. हमने अपने राज्य निकाय से इसे देखने और खान की बहाली के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क करने को कहा है क्योंकि खान सभी आरोपों से मुक्त हो गए हैं. खान ने आईएमए को लिखे अपने पत्र में कहा भले ही भारत की सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निलंबन 90 दिनों से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन 22 अगस्त से बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी के बाद से मैं 1,155 दिनों से निलंबित हूं.

पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ कफील खान की तत्काल रिहाई के आदेश दिए

बता दें कि खान जो हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत आरोपों से छूटे हैं. उन्होंने कहा है कि अदालत से क्लीन चिट मिलने के बावजूद और सरकार द्वारा कराई गई नौ जांचों में उनके खिलाफ चिकित्सा लापरवाही या भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है फिर भी वह तीन साल से निलंबित हैं.

Last Updated : Nov 1, 2020, 2:27 PM IST
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