इस्लामाबाद : पाकिस्तान के नरोवाल में आंधी तूफान और बिजली गिरने से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के आठ नवनिर्मित गुंबदों को अस्थायी क्षति पहुंची है.
सूत्रों के अनुसार, चार गुंबद मीनार पर, दो संग्रहालय पर और एक-एक दर्शनानी देवरी और दीवानिस्तान पर स्थित थे. हालांकि अभयारण्य को कोई क्षति नहीं पहुंची. कोरोना के फैलने के बाद गत 15 मार्च को गुरुद्वारा बंद कर दिया गया था.
इसका उद्घाटन पिछले वर्ष नौ नवम्बर को भारतीय सीमा पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीमा पार पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा किया गया था.
क्षतिग्रस्त गुंबदों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी हुईं और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के संघीय मंत्री फवाद हुसैन ने कहा कि धार्मिक मामलों मंत्री इस बात की सूचना दे गई है. साथ ही उनसे जांच के लिए अनुरोध किया गया है.
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गुरुद्वारा करतारपुर साहिब सिखों और मुसलमानों के लिए ऐतिहासिक महत्व का है.
यह प्रथम सिख गुरु, गुरु नानक देव जी का अंतिम विश्राम स्थल है. गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष करतारपुर साहिब में बिताए थे.
वर्ष 1947 में देश के विभाजन के बाद यह क्षेत्र पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था.