चेन्नई : कोरोना की वजह से मंदी के दौर में मध्यम वर्गीय परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. पैसे की जरूरत इस कदर है कि लोग कर्ज के जाल में फंस रहे हैं. नए जमाने की वित्तीय कंपनियां भी एप के जरिए लोगों को कर्ज दे रही हैं. ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है. तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में एक एप के जरिए कर्ज के जाल में फंसे युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी.
गलपट्टू जिले के पलयनूर गांव में रहने वाला विवेक मामंदूर एक निजी दवा कंपनी के लिए काम करता था. कुछ दिनों पहले उसके पिता बीमार पड़ गए. उसे पैसों की जरूरत पड़ी. उसने एप के जरिए 4000 रुपये उधार लिए.
एप डाउनलोड करते समय विवेक के मोबाइल में सेव सभी नंबर का रिकॉर्ड कंपनी तक पहुंच गया. जब विवेक ने पैसे चुकाने में देरी की, तो कंपनी के ग्राहक सेवा के अधिकारियों ने उसे धमकी दी. यही नहीं उसके परिचय वालों को फोन कर विवेक के पैसे लेने की बात सार्वजनिक कर दी. खुद को अपमानित महसूस कर विवेक ने कुएं में कूदकर जान दे दी.
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एप के जरिए कर्ज का चलन बढ़ा, खतरे ज्यादा
नए जमाने की वित्तीय कंपनियां एप के जरिए लोगों को कर्ज दे रही हैं. महज एक फोन कॉल पर एप डाउनलोड करवाकर लोन दिया जा रहा है, लेकिन इसके खतरे ज्यादा हैं. कंपनियां रिकवरी के लिए फोन करती हैं. माता-पिता से लेकर परिचय वालों को फोन कर बेइज्जत किया जाता है. कई मामले ऐसे भी सामने आए कि ई-प्लेटफॉर्म पर कुत्ते और सुअर के फोटो एडिट कर जारी कर दिए जाते हैं. मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है.