ETV Bharat / bharat

शोपियां मुठभेड़ : मृतकों के डीएनए नमूने परिवार के सदस्यों से मिले

सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिल के अमशीपुरा गांव में मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें देखकर उनके परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया. मुठभेड़ पर सवाल उठे तो मारे गए तीनों लोगों के डीएनए नमूने जांच के लिए भेजे गए. आज पता चला कि इनके नमूने राजौरी में उनके परिवारों के नमूनों से मेल खाते हैं.

Jammu and Kashmir Police
जम्मू-कश्मीर पुलिस
author img

By

Published : Sep 25, 2020, 6:20 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में जुलाई में सेना के साथ कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए तीन लोगों के डीएनए नमूने राजौरी में उनके परिवारों के नमूनों से मेल खाते हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

यह पूछे जाने पर क्या वह तीनों वास्तव में मजदूर थे, जैसा उनके परिवारों ने दावा किया है और वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं थे, पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह आगे की जांच का विषय है.

यह है मामला
सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपुरा गांव में तीन आतंकवादी मारे गए. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें देखकर उनके परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया. तीनों के परिवारों ने दावा किया था कि वह मजदूर थे और इनके लापता होने के संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी.

राजौरी के रहने वाले तीनों युवक अमशीपुरा में लापता हो गए थे. परिवारों के दावे के बाद सेना ने जांच शुरू की थी. इस संबंध में पुलिस ने भी जांच शुरू की और मारे गए लोगों के डीएनए नमूने लिए गए, ताकि राजौरी में उनके परिवारों के नमूनों के साथ मिलान किया जा सके.

आतंकवादी थे या नहीं, जांच जारी
कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि डीएनए रिपोर्ट आ गई है और मिलान हो गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या इसकी पुष्टि हो गई है कि तीनों लोग मजदूर थे और वह किसी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं थे? कुमार ने कहा कि पुलिस अब मामले में आगे की जांच कर रही है. सेना ने रिकॉर्ड चार सप्ताह में इस मामले की जांच पूरी कर ली.

सेना ने 18 सितंबर को कहा था कि प्रथम दृष्टया साक्ष्य के अनुसार मुठभेड़ के दौरान जवानों ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के तहत अधिकार का उल्लंघन किया. बल ने कहा था कि इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है.

बाबर कादरी की हत्या की जांच के लिए एसआईटी गठित

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि अधिवक्ता बाबर कादरी की हत्या के मामले की जांच के लिए उसने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि यह मामला पुलिस बल के लिए एक शीर्ष प्राथमिकता है और इसकी जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है.

उन्होंने कहा कि मैं आज सुबह उनके (कादरी के) घर गया और अपराध स्थल का निरीक्षण किया. हमने एसपी हजरतबल के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है. इसमें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एक कानूनी विशेषज्ञ भी शामिल होगा. कुमार ने कहा कि एसआईटी को इस मामले की जांच करने और मामले को तुरंत हल करने और यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि कौन से आतंकवादी और संगठन इस घटना में शामिल थे.

गौरतलब है कि कादरी को अज्ञात आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार शाम शहर के हवाल इलाके में उनके घर पर गोली मार दी थी. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया.

कादरी ने पुलिस सुरक्षा नहीं ली थी
कुमार ने कहा कि हमलावरों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. विजय कुमार ने कहा कि वकील की हत्या की जांच हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. दो अज्ञात आतंकवादियों ने क्लाइंट के रूप में घर के अंदर प्रवेश करने के बाद वकील पर गोलीबारी की. हमने इलाके के सीसीटीवी फुटेज ले लिए हैं. दोनों आतंकवादियों की तलाश जारी है. उन्हें या तो गिरफ्तार किया जाएगा या मुठभेड़ में मार दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बाबर कादरी को धमकी मिली थी, लेकिन उन्होंने पुलिस सुरक्षा नहीं ली. हमारी स्थानीय पुलिस ने उन्हें किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया था. वह सुरक्षा गार्ड भी नहीं लेना चाहते थे.

इरफान अहमद डार मामला
सोपोर में एक अन्य युवक इरफान अहमद डार की हिरासत में कथित हत्या पर कुमार ने कहा कि दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि मारा गया युवक उनकी हिरासत से भाग गया था.

गुरुवार को बडगाम हमले में सीआरपीएफ एएसआई के मारे जाने पर आईजीपी ने कहा कि इस मामले में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी शामिल थे. उन्होंने एम-4 राइफल से सीआरपीएफ अधिकारी पर गोलीबारी की थी.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में जुलाई में सेना के साथ कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए तीन लोगों के डीएनए नमूने राजौरी में उनके परिवारों के नमूनों से मेल खाते हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

यह पूछे जाने पर क्या वह तीनों वास्तव में मजदूर थे, जैसा उनके परिवारों ने दावा किया है और वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं थे, पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह आगे की जांच का विषय है.

यह है मामला
सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के अमशीपुरा गांव में तीन आतंकवादी मारे गए. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें देखकर उनके परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया. तीनों के परिवारों ने दावा किया था कि वह मजदूर थे और इनके लापता होने के संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी.

राजौरी के रहने वाले तीनों युवक अमशीपुरा में लापता हो गए थे. परिवारों के दावे के बाद सेना ने जांच शुरू की थी. इस संबंध में पुलिस ने भी जांच शुरू की और मारे गए लोगों के डीएनए नमूने लिए गए, ताकि राजौरी में उनके परिवारों के नमूनों के साथ मिलान किया जा सके.

आतंकवादी थे या नहीं, जांच जारी
कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि डीएनए रिपोर्ट आ गई है और मिलान हो गया है. यह पूछे जाने पर कि क्या इसकी पुष्टि हो गई है कि तीनों लोग मजदूर थे और वह किसी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल नहीं थे? कुमार ने कहा कि पुलिस अब मामले में आगे की जांच कर रही है. सेना ने रिकॉर्ड चार सप्ताह में इस मामले की जांच पूरी कर ली.

सेना ने 18 सितंबर को कहा था कि प्रथम दृष्टया साक्ष्य के अनुसार मुठभेड़ के दौरान जवानों ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के तहत अधिकार का उल्लंघन किया. बल ने कहा था कि इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर दी गई है.

बाबर कादरी की हत्या की जांच के लिए एसआईटी गठित

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि अधिवक्ता बाबर कादरी की हत्या के मामले की जांच के लिए उसने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने पत्रकारों को बताया कि यह मामला पुलिस बल के लिए एक शीर्ष प्राथमिकता है और इसकी जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है.

उन्होंने कहा कि मैं आज सुबह उनके (कादरी के) घर गया और अपराध स्थल का निरीक्षण किया. हमने एसपी हजरतबल के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है. इसमें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एक कानूनी विशेषज्ञ भी शामिल होगा. कुमार ने कहा कि एसआईटी को इस मामले की जांच करने और मामले को तुरंत हल करने और यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि कौन से आतंकवादी और संगठन इस घटना में शामिल थे.

गौरतलब है कि कादरी को अज्ञात आतंकवादियों ने बृहस्पतिवार शाम शहर के हवाल इलाके में उनके घर पर गोली मार दी थी. अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया.

कादरी ने पुलिस सुरक्षा नहीं ली थी
कुमार ने कहा कि हमलावरों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. विजय कुमार ने कहा कि वकील की हत्या की जांच हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. दो अज्ञात आतंकवादियों ने क्लाइंट के रूप में घर के अंदर प्रवेश करने के बाद वकील पर गोलीबारी की. हमने इलाके के सीसीटीवी फुटेज ले लिए हैं. दोनों आतंकवादियों की तलाश जारी है. उन्हें या तो गिरफ्तार किया जाएगा या मुठभेड़ में मार दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि बाबर कादरी को धमकी मिली थी, लेकिन उन्होंने पुलिस सुरक्षा नहीं ली. हमारी स्थानीय पुलिस ने उन्हें किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया था. वह सुरक्षा गार्ड भी नहीं लेना चाहते थे.

इरफान अहमद डार मामला
सोपोर में एक अन्य युवक इरफान अहमद डार की हिरासत में कथित हत्या पर कुमार ने कहा कि दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि मारा गया युवक उनकी हिरासत से भाग गया था.

गुरुवार को बडगाम हमले में सीआरपीएफ एएसआई के मारे जाने पर आईजीपी ने कहा कि इस मामले में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी शामिल थे. उन्होंने एम-4 राइफल से सीआरपीएफ अधिकारी पर गोलीबारी की थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.