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हिंदी भाषा लागू करने के फैसले के खिलाफ 20 सितंबर विरोध प्रदर्शन करेगी डीएमके

केंद्र सरकार द्वारा हिंदी भाषा को देश भर में लागू करने के फैसले के खिलाफ में डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने 20 सितंबर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.

एमके स्टालिन
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Published : Sep 16, 2019, 11:37 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 9:44 PM IST

चेन्नई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की एक भाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा दिए जाने की बात से शुरू विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले कमल हासन और अब डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने में हिंदी भाषा को लागू करने के विरोध किया है.

स्टालिन ने कहा है कि चेन्नई में डीएमके 20 सितंबर को सुबह 10 बजे से केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु की सभी जिलों में हिंदी भाषा को लागू करने के विरोध में प्रदर्शन करेगा.इस बात का फैसला पार्टी की उच्च स्तरीय समिति की बैठक में लिया गया.

इससे पहले कमल हासन ने ट्वीट कर कहा, 'अब आप हमें यह साबित करने पर तुले हैं कि भारत एक स्वतंत्र देश बना रहेगा.'उन्होंने आगे कहा, 'नया कानून या नई योजना बनाने से पहले आपको लोगों से सलाह लेनी चाहिए.

'कमल हासन ने वीडियो ट्वीट कर लिखा कि 'एक देश में कई भाषाएं' (one nation many languages) होनी चाहिए.उन्होंने कहा कि संविधान ने हम सबको अधिका दिया है. 1950 में ही यह तय हो गया था. फिर कोई सुल्तान हो या 'शाह', इसे वादे को कैसे तोड़ सकता है ?

पढ़ें- हिंदी पर जंगः 'कोई 'शाह' नहीं तोड़ सकता 1950 का ये वादा'

दरअसल, हिंदी दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में हिंदी भाषा का प्रयोग कर भारत की एक भाषा के रूप में बापू और सरदार पटेल का सपना पूरा करने की अपील की.
शाह के इस बयान के बाद ट्विटर पर हिंदी (#StopHindiImposition) की मुहिम छिड़ गई. जिसके बाद कुछ देर में हिंदी को थोपने के खिलाफ एक लाख से ज्यादा हैशटैग ट्वीट किए गए.और लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रियांए दीं.

चेन्नई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की एक भाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा दिए जाने की बात से शुरू विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले कमल हासन और अब डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने में हिंदी भाषा को लागू करने के विरोध किया है.

स्टालिन ने कहा है कि चेन्नई में डीएमके 20 सितंबर को सुबह 10 बजे से केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु की सभी जिलों में हिंदी भाषा को लागू करने के विरोध में प्रदर्शन करेगा.इस बात का फैसला पार्टी की उच्च स्तरीय समिति की बैठक में लिया गया.

इससे पहले कमल हासन ने ट्वीट कर कहा, 'अब आप हमें यह साबित करने पर तुले हैं कि भारत एक स्वतंत्र देश बना रहेगा.'उन्होंने आगे कहा, 'नया कानून या नई योजना बनाने से पहले आपको लोगों से सलाह लेनी चाहिए.

'कमल हासन ने वीडियो ट्वीट कर लिखा कि 'एक देश में कई भाषाएं' (one nation many languages) होनी चाहिए.उन्होंने कहा कि संविधान ने हम सबको अधिका दिया है. 1950 में ही यह तय हो गया था. फिर कोई सुल्तान हो या 'शाह', इसे वादे को कैसे तोड़ सकता है ?

पढ़ें- हिंदी पर जंगः 'कोई 'शाह' नहीं तोड़ सकता 1950 का ये वादा'

दरअसल, हिंदी दिवस के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में हिंदी भाषा का प्रयोग कर भारत की एक भाषा के रूप में बापू और सरदार पटेल का सपना पूरा करने की अपील की.
शाह के इस बयान के बाद ट्विटर पर हिंदी (#StopHindiImposition) की मुहिम छिड़ गई. जिसके बाद कुछ देर में हिंदी को थोपने के खिलाफ एक लाख से ज्यादा हैशटैग ट्वीट किए गए.और लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रियांए दीं.

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Last Updated : Sep 30, 2019, 9:44 PM IST
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