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महाराष्ट्र : विभाग बंटवारे के बाद कांग्रेस में असंतोष, पवार को लेकर भी नाराजगी

महाराष्ट्र में मंत्रालय बंटवारे के बाद शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन में और दलों के अंदर भी रार मचती दिख रही है. इस कड़ी में अब असंतोष की नई खबर कांग्रेस के एक धड़े से आ रही है. कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई मंत्रालयों में महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिलने का कारण पार्टी अध्यक्ष बालासाहेब थोराट को मान रही है. पार्टी का एक धड़ा मानता है कि शिवसेना और राकांपा को भारी-भरकम मंत्रालय मिले हैं, वहीं कांग्रेस को कम महत्व वाले मंत्रालय मिले हैं. जानें विस्तार से...

discontent in congress over maharashtra ministry portfolio allocation
बालासाहेब थोराट (फाइल फोटो)
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Published : Jan 5, 2020, 8:28 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाड़ी सरकार में विभागों के आवंटन में कांग्रेस को महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिलने को लेकर पार्टी की प्रदेश इकाई असंतोष का सामना कर रही है. पार्टी नेताओं का एक धड़ा शिवसेना और राकांपा की तुलना में कम महत्वपूर्ण विभाग मिलने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रमुख बालासाहेब थोराट को जिम्मेदार ठहरा रहा है.

कांग्रेस नेताओं की नाराजगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से भी है, जो गठबंधन में एक अहम संयोजक बन कर उभरे हैं. कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया कि उन्हें प्रदेश इकाई में एक ऐसे नेता की जरूरत है, जो पवार के सामने टिक सके.

कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा कि उन्होंने कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, आवास, परिवहन और सहकारिता की सूची में से कम से कम दो विभाग मांगे थे. लेकिन सहयोगी दल शिवसेना और राकांपा ने इस पर ध्यान देने से इनकार कर दिया. इसके बजाय संस्कृति, नमक भूमि और बंदरगाह विकास जैसे मंत्रालय कांग्रेस को दिए गए, जो पहले शिवसेना के पास थे.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'गठबंधन में शामिल तीनों दलों के बीच सत्ता साझेदारी में कांग्रेस को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला. थोराट सत्ता-साझेदारी पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की रुचि को सामने रखने में सक्षम नहीं रहे.'

इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र कांग्रेस में मंत्रिपद को लेकर असंतोष, थोराट बोले- सभी को मंत्री नहीं बना सकते

नितिन राउत भी नाराज
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता नितिन राउत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अपने वरिष्ठ साथी एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को दिये जाने और थोराट को राजस्व विभाग आवंटित किए जाने से नाखुश हैं. बता दें कि राउत को ऊर्जा मंत्री बनाया गया है.

कांग्रेस के एक नेता ने पार्टी के अंदर व्याप्त कथित असंतोष का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ करना और पार्टी के एक महासचिव का पुतला फूंकना पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'इस तरह की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेने की जरूरत है.'

इसे भी पढ़ें- अनुभवी भुजबल, थोराट और देसाई को मंत्रिमंडल में मिली जगह

कांग्रेस विधायकों ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे के कथित समर्थकों ने उन्हें (थोपटे को) राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पुणे में 31 दिसंबर को पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की थी.

इसके अलावा, विधायक प्रणीति शिंदे को मंत्री पद नहीं दिए जाने को लेकर नाखुश पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोलापुर में कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे का पुतला फूंका.

संपर्क किए जाने पर महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रमुख माणिकाव ठाकरे ने कहा, 'दोनों विधायकों (थोपटे और शिंदे) का इन घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के साथ हैं और नेतृत्व के फैसले का पालन करते हैं.'

इस बीच, पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कांग्रेस महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल को पत्र लिख कर पार्टी में अनुशासन नहीं होने के बारे में शिकायत की.

इसे भी पढ़ें- वैचारिक मतभेद ठीक, लेकिन ना की जाए व्यक्तिगत टिप्पणी : नवाब मलिक

राकांपा के ऊपर निर्भरता से नाराज
पदाधिकारी ने लिखा है, 'कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता इसलिए नाखुश हैं कि पार्टी के ज्यादातर फैसले राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ चर्चा करने के बाद लिए गए. यह बहुत खतरनाक है.'

उन्होंने हालिया अहमदनगर जिला परिषद चुनाव का भी उदाहरण दिया, जिसमें कांग्रेस के 23 और राकांपा के 18 सदस्य थे.

इसे भी पढ़ें- मंत्रिमंडल विस्तार के असंतोष पर बोले अजित पवार- कोई भी नाराज नहीं

थोराट की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा कि इसके बावजूद थोराट ने कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद से संतोष करने दिया और जिला परिषद अध्यक्ष का पद राकांपा को दे दिया.

कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि त्रिदलीय गठबंधन सरकार के तहत शिवसेना और राकांपा अपनी कैडर क्षमता को मजबूत करेगी और उसे संगठनात्मक रूप से बेहतर बनाएगी, लेकिन सोनिया गांधी नीत पार्टी (कांग्रेस) को भी पीछे नहीं छूटना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र कांग्रेस को एक ऐसे प्रमुख की जरूरत है, जो पवार के सामने टिक सके ताकि हम राज्य में गुम नहीं हो जाएं.'

इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र : चौथी बार उप मुख्यमंत्री बने अजित पवार ने बनाया रिकॉर्ड

एक धड़ा थोराट को मानता है सही
हालांकि, थोराट के एक करीबी नेता ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश प्रमुख पार्टी के लिए सर्वश्रेष्ठ हासिल करने में कामयाब रहे और इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि 288 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के महज 44 विधायक हैं.

महाराष्ट्र में विभागों के आवंटन के तहत उप मुख्यमंत्री एवं राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार को वित्त एवं योजना विभाग दिया गया है, जबकि राकांपा के ही अनिल देशमुख राज्य के नए गृह मंत्री बनाए गए हैं.

इसके अलावा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और पहली बार विधायक बने शिवसेना के आदित्य ठाकरे को पर्यावरण, पर्यटन एवं प्रोटोकॉल विभागों का प्रभार सौंपा गया है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख बालासाहेब थोराट को राजस्व मंत्रालय मिला है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के ही अशोक चह्वाण को लोक निर्माण विभाग (जिसमें सार्वजनिक उपक्रम शामिल नहीं हैं) दिया गया. शरद पवार नीत राकांपा को मिले ज्यादातर विभाग महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.

मुंबई : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत महाविकास अघाड़ी सरकार में विभागों के आवंटन में कांग्रेस को महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिलने को लेकर पार्टी की प्रदेश इकाई असंतोष का सामना कर रही है. पार्टी नेताओं का एक धड़ा शिवसेना और राकांपा की तुलना में कम महत्वपूर्ण विभाग मिलने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रमुख बालासाहेब थोराट को जिम्मेदार ठहरा रहा है.

कांग्रेस नेताओं की नाराजगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से भी है, जो गठबंधन में एक अहम संयोजक बन कर उभरे हैं. कांग्रेस के एक नेता ने दावा किया कि उन्हें प्रदेश इकाई में एक ऐसे नेता की जरूरत है, जो पवार के सामने टिक सके.

कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा कि उन्होंने कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, आवास, परिवहन और सहकारिता की सूची में से कम से कम दो विभाग मांगे थे. लेकिन सहयोगी दल शिवसेना और राकांपा ने इस पर ध्यान देने से इनकार कर दिया. इसके बजाय संस्कृति, नमक भूमि और बंदरगाह विकास जैसे मंत्रालय कांग्रेस को दिए गए, जो पहले शिवसेना के पास थे.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'गठबंधन में शामिल तीनों दलों के बीच सत्ता साझेदारी में कांग्रेस को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला. थोराट सत्ता-साझेदारी पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की रुचि को सामने रखने में सक्षम नहीं रहे.'

इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र कांग्रेस में मंत्रिपद को लेकर असंतोष, थोराट बोले- सभी को मंत्री नहीं बना सकते

नितिन राउत भी नाराज
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता नितिन राउत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अपने वरिष्ठ साथी एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को दिये जाने और थोराट को राजस्व विभाग आवंटित किए जाने से नाखुश हैं. बता दें कि राउत को ऊर्जा मंत्री बनाया गया है.

कांग्रेस के एक नेता ने पार्टी के अंदर व्याप्त कथित असंतोष का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ करना और पार्टी के एक महासचिव का पुतला फूंकना पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'इस तरह की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेने की जरूरत है.'

इसे भी पढ़ें- अनुभवी भुजबल, थोराट और देसाई को मंत्रिमंडल में मिली जगह

कांग्रेस विधायकों ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे के कथित समर्थकों ने उन्हें (थोपटे को) राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पुणे में 31 दिसंबर को पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की थी.

इसके अलावा, विधायक प्रणीति शिंदे को मंत्री पद नहीं दिए जाने को लेकर नाखुश पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोलापुर में कांग्रेस महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे का पुतला फूंका.

संपर्क किए जाने पर महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रमुख माणिकाव ठाकरे ने कहा, 'दोनों विधायकों (थोपटे और शिंदे) का इन घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के साथ हैं और नेतृत्व के फैसले का पालन करते हैं.'

इस बीच, पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कांग्रेस महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल को पत्र लिख कर पार्टी में अनुशासन नहीं होने के बारे में शिकायत की.

इसे भी पढ़ें- वैचारिक मतभेद ठीक, लेकिन ना की जाए व्यक्तिगत टिप्पणी : नवाब मलिक

राकांपा के ऊपर निर्भरता से नाराज
पदाधिकारी ने लिखा है, 'कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता इसलिए नाखुश हैं कि पार्टी के ज्यादातर फैसले राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ चर्चा करने के बाद लिए गए. यह बहुत खतरनाक है.'

उन्होंने हालिया अहमदनगर जिला परिषद चुनाव का भी उदाहरण दिया, जिसमें कांग्रेस के 23 और राकांपा के 18 सदस्य थे.

इसे भी पढ़ें- मंत्रिमंडल विस्तार के असंतोष पर बोले अजित पवार- कोई भी नाराज नहीं

थोराट की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा कि इसके बावजूद थोराट ने कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद से संतोष करने दिया और जिला परिषद अध्यक्ष का पद राकांपा को दे दिया.

कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि त्रिदलीय गठबंधन सरकार के तहत शिवसेना और राकांपा अपनी कैडर क्षमता को मजबूत करेगी और उसे संगठनात्मक रूप से बेहतर बनाएगी, लेकिन सोनिया गांधी नीत पार्टी (कांग्रेस) को भी पीछे नहीं छूटना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र कांग्रेस को एक ऐसे प्रमुख की जरूरत है, जो पवार के सामने टिक सके ताकि हम राज्य में गुम नहीं हो जाएं.'

इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र : चौथी बार उप मुख्यमंत्री बने अजित पवार ने बनाया रिकॉर्ड

एक धड़ा थोराट को मानता है सही
हालांकि, थोराट के एक करीबी नेता ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश प्रमुख पार्टी के लिए सर्वश्रेष्ठ हासिल करने में कामयाब रहे और इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि 288 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के महज 44 विधायक हैं.

महाराष्ट्र में विभागों के आवंटन के तहत उप मुख्यमंत्री एवं राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार को वित्त एवं योजना विभाग दिया गया है, जबकि राकांपा के ही अनिल देशमुख राज्य के नए गृह मंत्री बनाए गए हैं.

इसके अलावा, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और पहली बार विधायक बने शिवसेना के आदित्य ठाकरे को पर्यावरण, पर्यटन एवं प्रोटोकॉल विभागों का प्रभार सौंपा गया है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख बालासाहेब थोराट को राजस्व मंत्रालय मिला है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के ही अशोक चह्वाण को लोक निर्माण विभाग (जिसमें सार्वजनिक उपक्रम शामिल नहीं हैं) दिया गया. शरद पवार नीत राकांपा को मिले ज्यादातर विभाग महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.

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.MUMBAI BES3
MH-PORTFOLIOS-CONG
Discontent in Cong over 'raw deal' in portfolio allocation
         Mumbai, Jan 5 (PTI) The Maharashtra Congress is facing
discontent over allocation of portfolios, with a section of
leaders blaming state unit chief Balasaheb Thorat for the
party getting a "raw deal" as compared to the Shiv Sena and
NCP in the Uddhav Thackeray-led alliance government.
         Their ire is also directed towards NCP supremo Sharad
Pawar, who emerged as the key player in the alliance, with a
Congress leader claiming that they need someone in the state
unit who could stand up to the Maratha strongman.
         Some Congress leaders say they demanded at least two
ministries from the list comprising agriculture, rural
development, industries, housing, transport and cooperation,
but the allies Shiv Sena and NCP refused to pay heed.
         Instead, ministries like culture, salt pan and port
development, which were earlier with the Shiv Sena, have been
handed over to the Congress.
         "The Congress has got a raw deal in power-sharing
among the three alliance partners. Thorat has not been able to
put forth the Congress' interest during deliberations on
power-sharing," a senior party leader told PTI on condition of
anonymity.
         According to sources, Congress leader Nitin Raut, who
has been made the energy minister, is unhappy over the Public
Works Department being given to his senior colleague and
former chief minister Ashok Chavan and Thorat being allocated
the revenue department.
         Citing how intense was the bitterness in the Congress
rank and file, a leader said vandalising party office and
burning effigy of a party general secretary never happened
earlier, and added that "such acts of indiscipline need to be
taken seriously".
         Some alleged supporters of Congress MLA Sangram Thopte
ransacked the party office in Pune on December 31 to protest
against his exclusion from the state ministry.
         Besides, some party workers in Solapur, who were
unhappy over MLA Praniti Shinde not getting a ministerial
berth, burnt an effigy of AICC general secretary in-charge of
Maharashtra Mallikarjun Kharge.
         When contacted, former Maharashtra Congress president
Manikrao Thakre admitted that such outpouring of anger was
earlier unheard of in the party.
         He, however, said, "Both MLAs (Thopte and Shinde) have
nothing to do with these incidents. They have said they are
with the Congress and abide by the leadership's decisions."
         Meanwhile, a senior party functionary has written to
AICC general secretary (organisation) K C Venugopal,
complaining about there being no discipline in the party.
         "Several Congress leaders and workers are unhappy
because most of the party decisions are being taken after
discussion with NCP supremo Sharad Pawar. This is very
dangerous," the functionary wrote.
         He also gave an example of the recent Ahmednagar zilla
parisahd polls where the Congress has 23 members and NCP 18.
         Out of the 23 Congress members, 10, including
Congressman-turned-BJP MLA Radhakrishna Vikhe Patil's wife,
had promised to obey the party whip.
         Despite this, Thorat let the Congress settle for the
vice president's post, giving the post of zilla parishad
president to the NCP, the Congress functionary said.
         Another Congress leader said as part of the three-
party alliance government, the Shiv Sena and NCP would boost
their cadre strength and improve organisationally, but the
Sonia Gandhi-led party should also not be left behind.
         "The Maharashtra Congress needs a president who can
stand up to Sharad Pawar to ensure we don't fade into oblivion
in the state," he said.
         A leader close to Thorat, however, said the Congress
state chief managed to get the best for the party, keeping in
mind the fact that it has just 44 MLAs in the 288-member
Assembly.
         As per the allocation of portfolios, Maharashtra
Deputy Chief Minister and senior NCP leader Ajit Pawar has got
the finance and planning department while party colleague Anil
Deshmukh is the state's new Home minister.
         Besides, first-time Shiv Sena MLA Aaditya Thackeray,
who is the son of Chief Minister Uddhav Thackeray, has been
given the environment, tourism and protocol departments.
         State Congress chief Balasaheb Thorat has got the
revenue ministry while his party colleague and former chief
minister Ashok Chavan got PWD-excluding public undertakings.
         The Sharad Pawar-led NCP has got most of the 'plum'
ministries in the allocation of portfolios. PTI MR BNM
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