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गुजरात : लॉकडाउन के बीच पहली बार सूरत से किया गया हीरों का निर्यात

लॉकडाउन की वजह से गुजरात के सूरत में हीरे और आभूषणों का निर्यात बंद है, जिसके कारण व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है. हालांकि, सूरत एसईजेड में सरकार द्वारा हीरे के प्रसंस्करण की अनुमति देने के फैसले के बाद राहत मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : May 1, 2020, 12:05 AM IST

Updated : May 1, 2020, 9:34 AM IST

अहमदाबाद : लॉकडाउन की वजह से गुजरात के सूरत में हीरे और आभूषणों का निर्यात बंद है, जिसके कारण व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है. हालांकि, सूरत एसईजेड में सरकार द्वारा हीरे के प्रसंस्करण की अनुमति देने के फैसले के बाद राहत मिली है.

सूरत एसईजेड में आठ हीरों के प्रसंस्करण इकाइयों की शुरुआत के बाद सूरत के डायमंड बोर्स से हीरों का निर्यात किया गया. इसके साथ ही काफी वक्त से लंबित ऑर्डर को चार्टर्ड विमान से मुंबई भेजा जा रहा है.

रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने सूरत जिला कलेक्टर को मुंबई में बीडीबी में फंसे मोटे हीरों के पार्सल जारी करने के लिए एक याचिका दी है, जिससे वह हीरे को संसाधित कर सकें और उन्हें आभूषणों में बदल सकें.

जीजेईपीसी हीरों को सड़क मार्ग से सूरत से मुंबई लाने के लिए अनुमति चाहती है. इस संबंध में जीजेईपीसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने कहा कि 20 अप्रैल से जीजेईपीसी कस्टम अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सूरत से निर्यात जल्द शूरू हो.

हांगकांग कनेक्टिविटी के आधार पर जीजेईपीसी सूरत से मुंबई के लिए दो या तीन निर्यात पार्सल स्थानांतरित करने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है. अगर राज्य सड़क परिवहन द्वारा मोटे हीरे मुंबई से सूरत लाए जा सके, तो सूरत की हीरा प्रसंस्करण इकाइयों के लिए यह अधिक सुविधाजनक होगा.

गौरतलब है कि हीरा उद्योग हांगकांग में बड़े पैमाने पर आंदोलन के परिणामस्वरूप पिछले आठ महीनों से एक गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा था.

इसके कारण हवाई अड्डे पर सभी निर्यात पार्सल जब्त किए गए थे. इसके अलावा मंदी के कारण अमरीका का निर्यात भी रुक गया था. इस बीच कोरोना वायरस संकट ने दुनिया को जकड़ लिया और भारत में भी तालाबंदी की घोषणा करनी पड़ी.

अहमदाबाद : लॉकडाउन की वजह से गुजरात के सूरत में हीरे और आभूषणों का निर्यात बंद है, जिसके कारण व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है. हालांकि, सूरत एसईजेड में सरकार द्वारा हीरे के प्रसंस्करण की अनुमति देने के फैसले के बाद राहत मिली है.

सूरत एसईजेड में आठ हीरों के प्रसंस्करण इकाइयों की शुरुआत के बाद सूरत के डायमंड बोर्स से हीरों का निर्यात किया गया. इसके साथ ही काफी वक्त से लंबित ऑर्डर को चार्टर्ड विमान से मुंबई भेजा जा रहा है.

रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने सूरत जिला कलेक्टर को मुंबई में बीडीबी में फंसे मोटे हीरों के पार्सल जारी करने के लिए एक याचिका दी है, जिससे वह हीरे को संसाधित कर सकें और उन्हें आभूषणों में बदल सकें.

जीजेईपीसी हीरों को सड़क मार्ग से सूरत से मुंबई लाने के लिए अनुमति चाहती है. इस संबंध में जीजेईपीसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने कहा कि 20 अप्रैल से जीजेईपीसी कस्टम अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सूरत से निर्यात जल्द शूरू हो.

हांगकांग कनेक्टिविटी के आधार पर जीजेईपीसी सूरत से मुंबई के लिए दो या तीन निर्यात पार्सल स्थानांतरित करने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है. अगर राज्य सड़क परिवहन द्वारा मोटे हीरे मुंबई से सूरत लाए जा सके, तो सूरत की हीरा प्रसंस्करण इकाइयों के लिए यह अधिक सुविधाजनक होगा.

गौरतलब है कि हीरा उद्योग हांगकांग में बड़े पैमाने पर आंदोलन के परिणामस्वरूप पिछले आठ महीनों से एक गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा था.

इसके कारण हवाई अड्डे पर सभी निर्यात पार्सल जब्त किए गए थे. इसके अलावा मंदी के कारण अमरीका का निर्यात भी रुक गया था. इस बीच कोरोना वायरस संकट ने दुनिया को जकड़ लिया और भारत में भी तालाबंदी की घोषणा करनी पड़ी.

Last Updated : May 1, 2020, 9:34 AM IST
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