दार्जलिंग : 22 दिन के बाद दार्जलिंग की टॉय ट्रेन फिर से पटरियों पर दौड़ेगी. दार्जलिंग हिमालयन रेलवे(डीएचआर) की भाप के इंजन वाली ट्रेन अब यात्रियों को पहाड़ी पर फिर से सवारी करा रही है.
डीएचआर रेलवे के अधिकारी ने बताया कि अनुबंधित श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन के कारण 11 नवंबर से स्टीम इंजन रेल सेवा को रोक दिया गया था. हालांकि, रेलवे ने समास्या का समाधान कर लिया है. स्टीम इंजन की सेवा का 11 नवंबर से रोक दिया गया था.
गौरतलब है कि डीएचआर को पांच दिसंबर, 1999 को यूनेस्को द्वारा प्रतिष्ठित वर्ल्ड हेरिटेज का टैग दिया गया था और अधिकारियों ने 20 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रमों को शुरू किया था. सेवाओं के संचालन में शामिल रेलवे और संविदाकर्मियों के बीच हुईं मतभेद के बाद वर्षगांठ के कार्यक्रम को रोक दिया गया.
दार्जलिंग स्टेशन प्रबंधक सुमन प्रधान ने कहा कि सभी समास्या का समाधान हो गया है. हम खुश है कि दार्जलिंग की प्रतिष्ठित भाप की इंजन वाली ट्रेन फिर से पटरियों पर दौड़ेंगी. यह ट्रेन छह यात्रा दार्जलिंग से घूम स्टेशन और बतासिया लूप से होकर हमेशा की तरह चलेगी, आप सभी का स्वागत है.
टूरिस्ट मौसम के दौरान, डीएचआर स्टीम इंजन के साथ छह सवारी यात्राएं चलाता है. अन्य समय में दो यात्रा भाप इंजन और चार डीजल इंजन के साथ कराया जाता है.
प्रधान ने कहा कि बीत 22 दिन के दौरान, हमने सभी यात्राएं डीजल से कराई हैं. बहुत पर्यटकों के लिए यह नुकसानदेह था, जो विशेष रूप से दार्जिलिंग में सर्दियों का आनंद लेने के लिए आते हैं. यह सवारी लोगों की आकर्षण का केंद्र है. हम उन्हें उनकी खुशी वापस देने के लिए खुश हैं.
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यह कई पर्यटकों के लिए एक नुकसानदेह था, जो विशेष रूप से दार्जिलिंग में सर्दियों का आनंद लेने के लिए आते हैं और यह सवारी एक अतिरिक्त आकर्षण है। हम उन्हें उनकी खुशी वापस देने के लिए खुश हैं.