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22 दिन बाद पर्यटकों के लिए दार्जलिंग की टॉय ट्रेन सेवा बहाल - यूनेस्को द्वारा प्रतिष्ठित वर्ल्ड हेरिटेज

दार्जिलिंग की टॉय ट्रेन लगभग 22 दिन के ठहराव के बाद वापस सेवा में है. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे और अनुबंधित श्रमिकों के बीच हुए मतभेद के कारण 11 नवंबर से ट्रेन रोक दी गई थी.

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Published : Dec 6, 2019, 9:31 PM IST

दार्जलिंग : 22 दिन के बाद दार्जलिंग की टॉय ट्रेन फिर से पटरियों पर दौड़ेगी. दार्जलिंग हिमालयन रेलवे(डीएचआर) की भाप के इंजन वाली ट्रेन अब यात्रियों को पहाड़ी पर फिर से सवारी करा रही है.

डीएचआर रेलवे के अधिकारी ने बताया कि अनुबंधित श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन के कारण 11 नवंबर से स्टीम इंजन रेल सेवा को रोक दिया गया था. हालांकि, रेलवे ने समास्या का समाधान कर लिया है. स्टीम इंजन की सेवा का 11 नवंबर से रोक दिया गया था.

गौरतलब है कि डीएचआर को पांच दिसंबर, 1999 को यूनेस्को द्वारा प्रतिष्ठित वर्ल्ड हेरिटेज का टैग दिया गया था और अधिकारियों ने 20 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रमों को शुरू किया था. सेवाओं के संचालन में शामिल रेलवे और संविदाकर्मियों के बीच हुईं मतभेद के बाद वर्षगांठ के कार्यक्रम को रोक दिया गया.

दार्जलिंग स्टेशन प्रबंधक सुमन प्रधान ने कहा कि सभी समास्या का समाधान हो गया है. हम खुश है कि दार्जलिंग की प्रतिष्ठित भाप की इंजन वाली ट्रेन फिर से पटरियों पर दौड़ेंगी. यह ट्रेन छह यात्रा दार्जलिंग से घूम स्टेशन और बतासिया लूप से होकर हमेशा की तरह चलेगी, आप सभी का स्वागत है.

टूरिस्ट मौसम के दौरान, डीएचआर स्टीम इंजन के साथ छह सवारी यात्राएं चलाता है. अन्य समय में दो यात्रा भाप इंजन और चार डीजल इंजन के साथ कराया जाता है.

प्रधान ने कहा कि बीत 22 दिन के दौरान, हमने सभी यात्राएं डीजल से कराई हैं. बहुत पर्यटकों के लिए यह नुकसानदेह था, जो विशेष रूप से दार्जिलिंग में सर्दियों का आनंद लेने के लिए आते हैं. यह सवारी लोगों की आकर्षण का केंद्र है. हम उन्हें उनकी खुशी वापस देने के लिए खुश हैं.

पढ़ें : फिर पटरी पर लौट रही है दुनिया का सबसे पुरानी 'फेयरी क्वीन'

यह कई पर्यटकों के लिए एक नुकसानदेह था, जो विशेष रूप से दार्जिलिंग में सर्दियों का आनंद लेने के लिए आते हैं और यह सवारी एक अतिरिक्त आकर्षण है। हम उन्हें उनकी खुशी वापस देने के लिए खुश हैं.

दार्जलिंग : 22 दिन के बाद दार्जलिंग की टॉय ट्रेन फिर से पटरियों पर दौड़ेगी. दार्जलिंग हिमालयन रेलवे(डीएचआर) की भाप के इंजन वाली ट्रेन अब यात्रियों को पहाड़ी पर फिर से सवारी करा रही है.

डीएचआर रेलवे के अधिकारी ने बताया कि अनुबंधित श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन के कारण 11 नवंबर से स्टीम इंजन रेल सेवा को रोक दिया गया था. हालांकि, रेलवे ने समास्या का समाधान कर लिया है. स्टीम इंजन की सेवा का 11 नवंबर से रोक दिया गया था.

गौरतलब है कि डीएचआर को पांच दिसंबर, 1999 को यूनेस्को द्वारा प्रतिष्ठित वर्ल्ड हेरिटेज का टैग दिया गया था और अधिकारियों ने 20 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रमों को शुरू किया था. सेवाओं के संचालन में शामिल रेलवे और संविदाकर्मियों के बीच हुईं मतभेद के बाद वर्षगांठ के कार्यक्रम को रोक दिया गया.

दार्जलिंग स्टेशन प्रबंधक सुमन प्रधान ने कहा कि सभी समास्या का समाधान हो गया है. हम खुश है कि दार्जलिंग की प्रतिष्ठित भाप की इंजन वाली ट्रेन फिर से पटरियों पर दौड़ेंगी. यह ट्रेन छह यात्रा दार्जलिंग से घूम स्टेशन और बतासिया लूप से होकर हमेशा की तरह चलेगी, आप सभी का स्वागत है.

टूरिस्ट मौसम के दौरान, डीएचआर स्टीम इंजन के साथ छह सवारी यात्राएं चलाता है. अन्य समय में दो यात्रा भाप इंजन और चार डीजल इंजन के साथ कराया जाता है.

प्रधान ने कहा कि बीत 22 दिन के दौरान, हमने सभी यात्राएं डीजल से कराई हैं. बहुत पर्यटकों के लिए यह नुकसानदेह था, जो विशेष रूप से दार्जिलिंग में सर्दियों का आनंद लेने के लिए आते हैं. यह सवारी लोगों की आकर्षण का केंद्र है. हम उन्हें उनकी खुशी वापस देने के लिए खुश हैं.

पढ़ें : फिर पटरी पर लौट रही है दुनिया का सबसे पुरानी 'फेयरी क्वीन'

यह कई पर्यटकों के लिए एक नुकसानदेह था, जो विशेष रूप से दार्जिलिंग में सर्दियों का आनंद लेने के लिए आते हैं और यह सवारी एक अतिरिक्त आकर्षण है। हम उन्हें उनकी खुशी वापस देने के लिए खुश हैं.

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Darjeeling, December 5:  Its back on track!

Ending a lull of over 22 days, the romance on the hilly tracks is again huffing, puffing and rolling. The steam engine pulled narrow gauge 'toy train' of Darjeeling Himalyan Railways (DHR) has been reintroduced for the much-popular joy ride in the Hills. Officials of DHR have said that suspension of services due to protests by contractual workers of the Railways, have been resolved. The trouble, which had halted steam engine services since November 11, has been resolved.

The DHR was accorded the prestigious World Heritage tag by UNESCO on December 5, 1999 and the authorities had lined up several programmes to commemorate the 20th anniversary. The trouble between the Railways and contractual workers involved in the running of the services had marred the celebrations to some extent.

“We are happy that all issues have been resolved and the joy ride with the iconic steam engines are back on service. The six trips of steam engine-pulled joy ride from Darjeeling to Ghum station and back covering Batasia Loop will be running as usual and all are welcome,” said Suman Pradhan, station manager, Darjeeling.

During the peak tourist season, DHR runs six joy ride trips with steam engines and during the lull period, two with steam engines and four with diesel engines.

“During the past 22 days, we had to run all trips with diesel engines. This was a damper for many tourists, who specially come to enjoy the winters in Darjeeling and this ride is an added attraction. We are happy to give them back their joy,” added Pradhan.

Conclusion:
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