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गौरी लंकेश हत्याकांड : कोर्ट ने ऋषिकेश को ट्रांजिट रिमांड पर कर्नाटक पुलिस को सौंपा

सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की हत्या का आरोपी ऋर्षिकेश देवडीकर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर कर्नाटक पुलिस सौंप दिया गया.

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Published : Jan 10, 2020, 9:55 AM IST

Updated : Jan 10, 2020, 7:38 PM IST

धनबाद : पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मुख्य आरोपी ऋषिकेश देवडीकर शुक्रवार को धनबाद कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर कर्नाटक पुलिस सौंप दिया गया. बता दें कि ऋषिकेश देवडीकर को बेंगलुरु की एसआईटी ने गुरुवार को झारखंड के धनवाद जिले से गिरफ्तार किया था.

हत्या के विरोध में पूरे देश में आंदोलन

5 सितंबर 2017 को जब पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या हुई थी तो उस वक्त पूरे देश में रोहित वेमुला की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था, ऐसे समय में गौरी लंकेश की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया और जो आग रोहित वेमुला की मौत से भड़की थी उसमें इस घटना ने घी का काम किया. गौरी लंकेश की हत्या ने सिर्फ मीडिया जगत ही नहीं बल्कि छात्रों और बुद्धिजीवियों के बीच सरकार के प्रति एक आक्रोश भर दिया. गौरी लंकेश की हत्या को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन तेज हो गया. आंदोलनों के दवाब में हत्यारे को पकड़ने के लिए बेंगलुरु पुलिस ने एसआईटी गठित की. एसआईटी ने घटना के लगभग ढाई साल बाद आरोपी को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार कर लिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

ढाई साल में मिली सफलता
बेंगलुरु पुलिस पिछले दो सालों से हत्या के मुख्य आरोपी राजेश उर्फ ऋषिकेश देवडीकर को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी, लेकिन हर बार राजेश चकमा देकर निकल जाता था. 09 जनवरी 2020 को बेंगलुरु एसआईटी टीम को सफलता हाथ लगी जब उसने धनबाद के कतरास से राजेश उर्फ ऋषिकेश को गिरफ्तार कर लिया.

पहचान बदलकर रह रहा था
यहां पर राजेश उर्फ ऋषिकेश नाम और पहचान बदलकर पिछले सात महीने से रह रहा था और एक पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था. ऋषिकेश को बेंगलुरु की एसआइटी ने कतरास में छापेमारी कर उसकी गिरफ्तार की. पुलिस ने उसके कमरे से सनातन धर्म की कई पुस्तक भी बरामद की हैं. वह कतरास के एक पेट्रोल पंप पर पहचान छिपाकर रह रहा था. जिस पेट्रोल पंप में राजेश उर्फ ऋषिकेश काम कर रहा था और जिस घर में वो रह रहा था, उसमें उसकी कौन मदद कर रहा था इन सब बातों पर अगले कुछ दिनों में पर्दा उठेगा.

ये भी पढ़ें- जेएनयू हिंसा : आईशी ने पुलिस के दावे को किया खारिज, मंत्री बोले- बेनकाब हुए वाम छात्र संगठन

संपादक थीं गौरी लंकेश
सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की हत्या बेंगलुरु में 5 सितंबर 2017 को हुई थी. उसके बाद एसआईटी की टीम ने लगातार आरोपी की तफ्तीश जारी रखी और उसे धर दबोचा. जानकारी के अनुसार आरोपी ऋषिकेश धनबाद के कतरास में एक व्यवसायी के पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था और पहचान बदलकर रह रहा था.

धनबाद : पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मुख्य आरोपी ऋषिकेश देवडीकर शुक्रवार को धनबाद कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर कर्नाटक पुलिस सौंप दिया गया. बता दें कि ऋषिकेश देवडीकर को बेंगलुरु की एसआईटी ने गुरुवार को झारखंड के धनवाद जिले से गिरफ्तार किया था.

हत्या के विरोध में पूरे देश में आंदोलन

5 सितंबर 2017 को जब पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या हुई थी तो उस वक्त पूरे देश में रोहित वेमुला की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था, ऐसे समय में गौरी लंकेश की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया और जो आग रोहित वेमुला की मौत से भड़की थी उसमें इस घटना ने घी का काम किया. गौरी लंकेश की हत्या ने सिर्फ मीडिया जगत ही नहीं बल्कि छात्रों और बुद्धिजीवियों के बीच सरकार के प्रति एक आक्रोश भर दिया. गौरी लंकेश की हत्या को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन तेज हो गया. आंदोलनों के दवाब में हत्यारे को पकड़ने के लिए बेंगलुरु पुलिस ने एसआईटी गठित की. एसआईटी ने घटना के लगभग ढाई साल बाद आरोपी को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार कर लिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

ढाई साल में मिली सफलता
बेंगलुरु पुलिस पिछले दो सालों से हत्या के मुख्य आरोपी राजेश उर्फ ऋषिकेश देवडीकर को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी, लेकिन हर बार राजेश चकमा देकर निकल जाता था. 09 जनवरी 2020 को बेंगलुरु एसआईटी टीम को सफलता हाथ लगी जब उसने धनबाद के कतरास से राजेश उर्फ ऋषिकेश को गिरफ्तार कर लिया.

पहचान बदलकर रह रहा था
यहां पर राजेश उर्फ ऋषिकेश नाम और पहचान बदलकर पिछले सात महीने से रह रहा था और एक पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था. ऋषिकेश को बेंगलुरु की एसआइटी ने कतरास में छापेमारी कर उसकी गिरफ्तार की. पुलिस ने उसके कमरे से सनातन धर्म की कई पुस्तक भी बरामद की हैं. वह कतरास के एक पेट्रोल पंप पर पहचान छिपाकर रह रहा था. जिस पेट्रोल पंप में राजेश उर्फ ऋषिकेश काम कर रहा था और जिस घर में वो रह रहा था, उसमें उसकी कौन मदद कर रहा था इन सब बातों पर अगले कुछ दिनों में पर्दा उठेगा.

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संपादक थीं गौरी लंकेश
सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की हत्या बेंगलुरु में 5 सितंबर 2017 को हुई थी. उसके बाद एसआईटी की टीम ने लगातार आरोपी की तफ्तीश जारी रखी और उसे धर दबोचा. जानकारी के अनुसार आरोपी ऋषिकेश धनबाद के कतरास में एक व्यवसायी के पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था और पहचान बदलकर रह रहा था.

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Last Updated : Jan 10, 2020, 7:38 PM IST
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