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गुरुदास दासगुप्ता के निधन पर PM मोदी समेत अन्य नेताओं ने जताया शोक - निधन पर PM मोदी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता गुरुदास दासगुप्ता का निधन हो गया है. वे 83 वर्ष के थे. उनके निधन के बाद देश के सामाजिक-राजनीतिक जीवन में शोक की लहर है. जानें कैसा था उनका पूरा जीवन काल...

दिवंगत नेता गुरुदास दासगुप्ता
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Published : Oct 31, 2019, 4:17 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 8:00 PM IST

नई दिल्ली : सीपीआई के वरिष्ठ नेता गुरुदास गुप्ता का निधन हो गया है. वे 83 वर्ष के थे. पीएम मोदी समेत अन्य राजनेताओं ने गुरुदास दासगुप्ता के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

गुरुदास गुप्ता का गुरुवार सुबह कोलकाता में निधन हुआ. मजदूर और श्रमिक वर्ग के लिए संघर्ष में गुरुदास दास गुप्ता का उल्लेखनीय योगदान रहा है. देश के ट्रेड यूनियन आंदोलन के मुख्य चेहरा और वरिष्ठ सीपीआई नेता लंबे समय की बीमारी के बाद पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता का 83 वर्ष के उम्र में निधन हो गया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर संवेदना जताई.

दरअसल गुरुदास दासगुप्ता अपने पत्नी और बेटी के साथ रहते है.

दिग्गज नेताओं ने शोक संदेश प्रेषित किया:

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपीआई के वयोवृद्ध की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि संसद में वह एक मजबूत आवाज थे.

demise of Gurudas Dasgupta
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर संवेदना जताई...

उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडु ने गुरुदास दासगुप्ता के मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए ट्वीट किया, 'राज्य सभा के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ नेता श्री गुरुदास दासगुप्ता जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. श्री गुरुदास दासगुप्ता जी किसानों, श्रमिकों और दुर्बल वर्गों के हितों के मुखर प्रतिनिधि थे. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोक संतप्त परिजनों तथा सहयोगियों को धैर्य दें.

demise of Gurudas Dasgupta
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर दुख जताया.

demise of Gurudas Dasgupta
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट किया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया.

demise of Gurudas Dasgupta
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया...

जानें उनके संघर्षमय में जीवन के बारे में:

गौरतलब है कि 1985 से पांच बार पश्चिम बंगाल से सांसद रहें दासगुप्ता, तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए और वहीं दो बार निचले सदन गए.

उनका जन्म 3 नवंबर,1936 को अविभाजित बंगाल के बरिशाल जिले (अब बांग्लादेश) में हुआ था. बाद में वह अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ पश्चिम बंगाल चले गए.

वह एक ऐसे योद्धा थे, जो कभी भी जनता और श्रमिक वर्ग दोनों के मुद्दे संसद के अंदर और बाहर उठाने से कभी नहीं कतराते थे. दासगुप्ता ने राजनीति में 50 और 60 के दशक के दौरान बतौर छात्र नेता के रुप में पर्दापण किया.

  • उन्होंने अविभाजित बंगाल प्रांतीय छात्र संघ अध्यक्ष और महासचिव के रूप में कार्य किया. '50 के दशक में वह कई बार आंदोलन के दौरान भूमिगत हुए.
  • 1964 में सीपीआई के विभाजन के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के गठन के बाद भी दासगुप्ता मूल पार्टी के साथ रहने का फैसला किया.
  • बाद में पार्टी ने उन्हें 70 के दशक की शुरुआत में संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बीच में काम करने के लिए श्रम विंग में स्थानांतरित कर दिया.
  • दासगुप्ता, जोकि ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)और ट्रेड यूनियन सीपीआई विंग- 2001 के महासचिव का पदभार संभाला था. गुरुदास को इस पद पर रहते हुए देश में ट्रेड यूनियनों में बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है.
  • हर जगह पहुंच जाने वाला कम्युनिस्ट नेता , जो अपनी बेहतरीन वक्तृत्व कौशल के लिए सांसद के तौर पर पहचाने जाते थें. दासगुप्ता की खास पहचान उनकी सर्दियों के दौरान फुल-स्लीव रेड स्वेटर पहनना था.
  • उनकी भाषण के लिए विपक्ष के राजनेता भी पार्टी लाइनों के परे भी प्रशंसा करते थें.
  • 2004 में दासगुप्ता ने सीपीआई नेता दिवंगत बी बर्धन के साथ मिलकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग -1) सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई, जिसे वामपंथी दलों का समर्थन किया.
  • दासगुप्ता अपनी संयमी जीवन शैली के लिए भी जाने जाते थे. 2014 में उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया.

बता दें कि गुरुदास दासगुप्ता का अंतिम संस्कार उनके शहर में शुक्रवार को संपन्न होगा.

नई दिल्ली : सीपीआई के वरिष्ठ नेता गुरुदास गुप्ता का निधन हो गया है. वे 83 वर्ष के थे. पीएम मोदी समेत अन्य राजनेताओं ने गुरुदास दासगुप्ता के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

गुरुदास गुप्ता का गुरुवार सुबह कोलकाता में निधन हुआ. मजदूर और श्रमिक वर्ग के लिए संघर्ष में गुरुदास दास गुप्ता का उल्लेखनीय योगदान रहा है. देश के ट्रेड यूनियन आंदोलन के मुख्य चेहरा और वरिष्ठ सीपीआई नेता लंबे समय की बीमारी के बाद पूर्व सांसद गुरुदास दासगुप्ता का 83 वर्ष के उम्र में निधन हो गया.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर संवेदना जताई.

दरअसल गुरुदास दासगुप्ता अपने पत्नी और बेटी के साथ रहते है.

दिग्गज नेताओं ने शोक संदेश प्रेषित किया:

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपीआई के वयोवृद्ध की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि संसद में वह एक मजबूत आवाज थे.

demise of Gurudas Dasgupta
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर संवेदना जताई...

उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडु ने गुरुदास दासगुप्ता के मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए ट्वीट किया, 'राज्य सभा के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ नेता श्री गुरुदास दासगुप्ता जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. श्री गुरुदास दासगुप्ता जी किसानों, श्रमिकों और दुर्बल वर्गों के हितों के मुखर प्रतिनिधि थे. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोक संतप्त परिजनों तथा सहयोगियों को धैर्य दें.

demise of Gurudas Dasgupta
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर दुख जताया.

demise of Gurudas Dasgupta
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट किया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया.

demise of Gurudas Dasgupta
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया...

जानें उनके संघर्षमय में जीवन के बारे में:

गौरतलब है कि 1985 से पांच बार पश्चिम बंगाल से सांसद रहें दासगुप्ता, तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए और वहीं दो बार निचले सदन गए.

उनका जन्म 3 नवंबर,1936 को अविभाजित बंगाल के बरिशाल जिले (अब बांग्लादेश) में हुआ था. बाद में वह अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ पश्चिम बंगाल चले गए.

वह एक ऐसे योद्धा थे, जो कभी भी जनता और श्रमिक वर्ग दोनों के मुद्दे संसद के अंदर और बाहर उठाने से कभी नहीं कतराते थे. दासगुप्ता ने राजनीति में 50 और 60 के दशक के दौरान बतौर छात्र नेता के रुप में पर्दापण किया.

  • उन्होंने अविभाजित बंगाल प्रांतीय छात्र संघ अध्यक्ष और महासचिव के रूप में कार्य किया. '50 के दशक में वह कई बार आंदोलन के दौरान भूमिगत हुए.
  • 1964 में सीपीआई के विभाजन के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के गठन के बाद भी दासगुप्ता मूल पार्टी के साथ रहने का फैसला किया.
  • बाद में पार्टी ने उन्हें 70 के दशक की शुरुआत में संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बीच में काम करने के लिए श्रम विंग में स्थानांतरित कर दिया.
  • दासगुप्ता, जोकि ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)और ट्रेड यूनियन सीपीआई विंग- 2001 के महासचिव का पदभार संभाला था. गुरुदास को इस पद पर रहते हुए देश में ट्रेड यूनियनों में बदलाव लाने का श्रेय दिया जाता है.
  • हर जगह पहुंच जाने वाला कम्युनिस्ट नेता , जो अपनी बेहतरीन वक्तृत्व कौशल के लिए सांसद के तौर पर पहचाने जाते थें. दासगुप्ता की खास पहचान उनकी सर्दियों के दौरान फुल-स्लीव रेड स्वेटर पहनना था.
  • उनकी भाषण के लिए विपक्ष के राजनेता भी पार्टी लाइनों के परे भी प्रशंसा करते थें.
  • 2004 में दासगुप्ता ने सीपीआई नेता दिवंगत बी बर्धन के साथ मिलकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग -1) सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाई, जिसे वामपंथी दलों का समर्थन किया.
  • दासगुप्ता अपनी संयमी जीवन शैली के लिए भी जाने जाते थे. 2014 में उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया.

बता दें कि गुरुदास दासगुप्ता का अंतिम संस्कार उनके शहर में शुक्रवार को संपन्न होगा.

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Last Updated : Oct 31, 2019, 8:00 PM IST
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