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ब्रिटेन : एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त बनी दिल्ली की लड़की

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Published : Oct 12, 2020, 11:47 AM IST

ब्रिटिश उच्चायोग हर साल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर एक प्रतियोगिता का आयोजन करता है. इसमें 18 से 23 साल की युवतियां हिस्सा ले सकती हैं, जिसमें अलग-अलग दर्जे के कुछ एग्जाम होते हैं.

British High Commissioner
ब्रिटिश उच्चायुक्त

नई दिल्ली : दिल्ली की एक लड़की को एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनने का मौका मिला. दिल्ली निवासी चैतन्या वेंकटेश्वरन को भारत में ब्रिटेन की वरिष्ठतम राजनयिक बनने का पिछले बुधवार को मौका मिला.

वेंकटेश्वरन को दुनियाभर की महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करने और महिला सशक्तीकरण के लिए मिशन की पहल के तहत यह अवसर दिया गया.

18 से 23 वर्ष की युवतियां लेती हैं भाग
ब्रिटेन का उच्चायोग 2017 से हर साल 'एक दिन के लिए उच्चायुक्त' प्रतियोगिता आयोजित करता है, जिसमें 18 से 23 वर्ष की युवतियां भाग ले सकती हैं.

ब्रिटेन की चौथी उच्चायुक्त बनीं वेंकटेश्वरन
ब्रिटेन के उच्चायोग ने एक बयान में बताया कि 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर ब्रिटेन के मिशन द्वारा आयोजित वार्षिक प्रतियोगिता के तहत वेंकटेश्वरन चौथी युवती हैं, जो ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनीं.

विभाग प्रमुखों को सौंपे उनके काम
उच्चायुक्त के रूप में वेंकटेश्वरन ने उच्चायुक्त के विभाग प्रमुखों को उनके काम सौंपे, वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों से बातचीत की, मीडिया से मुलाकात की और भारतीय महिला प्रतिभागियों पर ब्रिटिश काउंसिल स्टेम छात्रवृत्ति के असर का पता लगाने संबंधी अध्ययन की शुरुआत की.

पढ़ें: सीमा विवाद : पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने को लेकर सैन्य वार्ता आज

ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनना एक सुनहरा अवसर
वेंकटेश्वरन ने कहा कि मैं जब छोटी थी, तब नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश काउंसिल के पुस्तकालय जाया करती थी और तभी से मेरे अंदर सीखने की इच्छा पैदा हुई. एक दिन के लिए ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनना एक सुनहरा अवसर है.

वैश्विक चुनौतियां और अवसर
भारत में ब्रिटेन के कार्यवाहक उच्चायुक्त जैन थॉम्पसन ने कहा कि यह प्रतियोगिता उन्हें बहुत पसंद है, जो असाधारण युवतियों को मंच मुहैया कराती है. प्रतियोगिता के तहत इस साल प्रतिभागियों से सोशल मीडिया पर एक मिनट का वीडियो डालने को कहा गया था, जिसमें उन्हें यह बताना था कि कोविड-19 संकट में लैंगिक समानता के लिए क्या वैश्विक चुनौतियां और अवसर हैं?

नई दिल्ली : दिल्ली की एक लड़की को एक दिन के लिए भारत में ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनने का मौका मिला. दिल्ली निवासी चैतन्या वेंकटेश्वरन को भारत में ब्रिटेन की वरिष्ठतम राजनयिक बनने का पिछले बुधवार को मौका मिला.

वेंकटेश्वरन को दुनियाभर की महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करने और महिला सशक्तीकरण के लिए मिशन की पहल के तहत यह अवसर दिया गया.

18 से 23 वर्ष की युवतियां लेती हैं भाग
ब्रिटेन का उच्चायोग 2017 से हर साल 'एक दिन के लिए उच्चायुक्त' प्रतियोगिता आयोजित करता है, जिसमें 18 से 23 वर्ष की युवतियां भाग ले सकती हैं.

ब्रिटेन की चौथी उच्चायुक्त बनीं वेंकटेश्वरन
ब्रिटेन के उच्चायोग ने एक बयान में बताया कि 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर ब्रिटेन के मिशन द्वारा आयोजित वार्षिक प्रतियोगिता के तहत वेंकटेश्वरन चौथी युवती हैं, जो ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनीं.

विभाग प्रमुखों को सौंपे उनके काम
उच्चायुक्त के रूप में वेंकटेश्वरन ने उच्चायुक्त के विभाग प्रमुखों को उनके काम सौंपे, वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारियों से बातचीत की, मीडिया से मुलाकात की और भारतीय महिला प्रतिभागियों पर ब्रिटिश काउंसिल स्टेम छात्रवृत्ति के असर का पता लगाने संबंधी अध्ययन की शुरुआत की.

पढ़ें: सीमा विवाद : पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने को लेकर सैन्य वार्ता आज

ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनना एक सुनहरा अवसर
वेंकटेश्वरन ने कहा कि मैं जब छोटी थी, तब नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश काउंसिल के पुस्तकालय जाया करती थी और तभी से मेरे अंदर सीखने की इच्छा पैदा हुई. एक दिन के लिए ब्रिटेन की उच्चायुक्त बनना एक सुनहरा अवसर है.

वैश्विक चुनौतियां और अवसर
भारत में ब्रिटेन के कार्यवाहक उच्चायुक्त जैन थॉम्पसन ने कहा कि यह प्रतियोगिता उन्हें बहुत पसंद है, जो असाधारण युवतियों को मंच मुहैया कराती है. प्रतियोगिता के तहत इस साल प्रतिभागियों से सोशल मीडिया पर एक मिनट का वीडियो डालने को कहा गया था, जिसमें उन्हें यह बताना था कि कोविड-19 संकट में लैंगिक समानता के लिए क्या वैश्विक चुनौतियां और अवसर हैं?

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