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JNU हिंसा पर कोर्ट का आदेश, पुलिस को जानकारी मुहैया कराएं वाट्सएप-गूगल

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाट्सएप और गूगल को जेएनयू हिंसा के संबंध में पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी संरक्षित रखने और उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति ब्रिजेश सेठी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस द्वारा मांगे गए हिंसा के सीसीटीवी फुटेज जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया. पढे़ं पूरा विवरण....

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दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Jan 14, 2020, 1:18 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाट्सएप और गूगल को जेएनयू हिंसा के संबंध में पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी संरक्षित रखने और उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

उच्च न्यायालय ने पुलिस से भी कहा कि वह उन दो वाट्सएप ग्रुपों के सदस्यों के फोन नंबर जल्द से जल्द हासिल करें, जिन पर पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा का समन्वय किया गया था.

न्यायमूर्ति ब्रिजेश सेठी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस द्वारा मांगे गए हिंसा के सीसीटीवी फुटेज जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया.

अदालत ने जेएनयू के प्रोफेसर अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत की ओर से दायर याचिका पर ये निर्देश दिए. याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की गई.

पढ़ें : JNU हिंसा को VC ने निंदनीय बताया, कर्नाटक में कैंडल मार्च

पांच जनवरी को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने जेएनयू परिसर में घुसकर तीन हॉस्टलों के छात्रों को निशाना बनाया था. नकाबपोशों के हाथों में लाठियां और लोहे की छड़ें थीं. उन्होंने तीन होस्टलों में छात्रों को पीटा और परिसर में तोड़फोड़ की.

इस घटना के सिलसिले में वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाने में तीन प्राथमिकियां दर्ज करवाई गई हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने वाट्सएप और गूगल को जेएनयू हिंसा के संबंध में पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी संरक्षित रखने और उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

उच्च न्यायालय ने पुलिस से भी कहा कि वह उन दो वाट्सएप ग्रुपों के सदस्यों के फोन नंबर जल्द से जल्द हासिल करें, जिन पर पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा का समन्वय किया गया था.

न्यायमूर्ति ब्रिजेश सेठी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस द्वारा मांगे गए हिंसा के सीसीटीवी फुटेज जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया.

अदालत ने जेएनयू के प्रोफेसर अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत की ओर से दायर याचिका पर ये निर्देश दिए. याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की गई.

पढ़ें : JNU हिंसा को VC ने निंदनीय बताया, कर्नाटक में कैंडल मार्च

पांच जनवरी को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने जेएनयू परिसर में घुसकर तीन हॉस्टलों के छात्रों को निशाना बनाया था. नकाबपोशों के हाथों में लाठियां और लोहे की छड़ें थीं. उन्होंने तीन होस्टलों में छात्रों को पीटा और परिसर में तोड़फोड़ की.

इस घटना के सिलसिले में वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाने में तीन प्राथमिकियां दर्ज करवाई गई हैं.

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DL-HC-JNU
JNU violence: Delhi HC asks WhatsApp, Google to provide information sought by police
         New Delhi, Jan 14 (PTI) The Delhi High Court on Tuesday asked WhatsApp and Google to preserve and provide information related to the JNU violence to police.
          The court also asked police to seize at the earliest phones of members of two WhatsApp groups on which the January 5 violence was allegedly coordinated.
         Justice Brijesh Sethi directed the Jawaharlal Nehru University (JNU) administration to provide at the earliest the CCTV footage of the violence sought by police.
          The court's observations came on the plea filed by JNU professors Ameet Parameswaran, Atul Sood and Shukla Vinayak Sawant seeking directions to the Delhi Police Commissioner and Delhi government.
          On January 5, a mob of masked men stormed the campus and targeted students in three hostels, unleashing mayhem with sticks, stones and iron rods by hitting inmates and breaking windows, furniture and personal belongings.
         Three FIRs have been registered at Vasant Kunj (north) police station in connection with the incident. PTI HMP SKV LLP LLP
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