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दिल्ली विस चुनाव : बल्लीमारान सीट से जो भी जीता वह बना मंत्री

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Published : Feb 2, 2020, 11:26 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 9:00 PM IST

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में बल्लीमारान चर्चित विधानसभा सीट है. बल्लीमारान सीट से चुनकर जो भी विधानसभा पहुंचा है, उसको दिल्ली सरकार में मंत्रिपद मिला है.

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डिजाइन इमेज.

नई दिल्ली: 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर इमरान हुसैन चुनाव जीते और बल्लीमारान से विधायक बने. इमरान हुसैन को दिल्ली सरकार में मंत्री पद मिला.1993 से 2013 तक कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ बल्लीमारान विधानसभा से 5 बार चुनाव जीते और दिल्ली सरकार में मंत्री बने.

त्रिकोणीय मुकाबला संभव
बता दें कि 2013 तक बल्लीमारान को कांग्रेस का अभेद किला माना जाता था, लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी ने इसमें सेंध लगाई. इस बार बल्लीमारान विधानसभा सीट पर काफी दिलचस्प त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला नजर आ रहा है. आम आदमी पार्टी ने इमरान हुसैन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस के टिकट पर दिग्गज नेता हारून यूसुफ चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं भाजपा ने स्वर्गीय मोतीलाल सोढ़ी की बहू लता सोढ़ी को चुनावी मैदान में उतारा है.

बीजेपी ने की कई जनसभाएं
बल्लीमारान सीट पर कब्जा करने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेता बल्लीमारान में जनसभाएं एवं पदयात्रा कर रहे है. भाजपा ने बल्लीमारान विधानसभा सीट का केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को प्रभारी बनाया है, जो कि क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में ताकरीबन बीते एक हफ्ते से जनसभाएं कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी भी दोबारा से बल्लीमारान सीट पर जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. आप प्रत्याशी इमरान हुसैन क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर जनता से वोट देने की अपील कर रहे है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें- 'जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तभी आवाज उठानी चाहिए थी'

दोबारा कब्जा जमाने की कोशिश
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हारून यूसुफ से भी पार्टी को बहुत उम्मीदें है. जिस सीट पर कांग्रेस का लगातार 21 वर्ष तक कब्जा रहा उस सीट को कांग्रेस पार्टी हर हाल में जीतने के प्रयास में लगी है. भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बल्लीमारान सीट से काफी मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं. देखने वाली बात यह होगी कि क्या भाजपा चुनाव प्रचार में अपने दिग्गज नेताओं को उतारकर बल्लीमारान सीट को हासिल करती है या फिर आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों पर दोबारा बल्लीमारान से चुने जाते हैं या फिर बल्लीमारान सीट कांग्रेस की झोली में इस बार आती है या नहीं.

नई दिल्ली: 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर इमरान हुसैन चुनाव जीते और बल्लीमारान से विधायक बने. इमरान हुसैन को दिल्ली सरकार में मंत्री पद मिला.1993 से 2013 तक कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ बल्लीमारान विधानसभा से 5 बार चुनाव जीते और दिल्ली सरकार में मंत्री बने.

त्रिकोणीय मुकाबला संभव
बता दें कि 2013 तक बल्लीमारान को कांग्रेस का अभेद किला माना जाता था, लेकिन 2015 में आम आदमी पार्टी ने इसमें सेंध लगाई. इस बार बल्लीमारान विधानसभा सीट पर काफी दिलचस्प त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला नजर आ रहा है. आम आदमी पार्टी ने इमरान हुसैन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस के टिकट पर दिग्गज नेता हारून यूसुफ चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं भाजपा ने स्वर्गीय मोतीलाल सोढ़ी की बहू लता सोढ़ी को चुनावी मैदान में उतारा है.

बीजेपी ने की कई जनसभाएं
बल्लीमारान सीट पर कब्जा करने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेता बल्लीमारान में जनसभाएं एवं पदयात्रा कर रहे है. भाजपा ने बल्लीमारान विधानसभा सीट का केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को प्रभारी बनाया है, जो कि क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में ताकरीबन बीते एक हफ्ते से जनसभाएं कर रहे हैं.

आम आदमी पार्टी भी दोबारा से बल्लीमारान सीट पर जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. आप प्रत्याशी इमरान हुसैन क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर जनता से वोट देने की अपील कर रहे है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

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दोबारा कब्जा जमाने की कोशिश
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हारून यूसुफ से भी पार्टी को बहुत उम्मीदें है. जिस सीट पर कांग्रेस का लगातार 21 वर्ष तक कब्जा रहा उस सीट को कांग्रेस पार्टी हर हाल में जीतने के प्रयास में लगी है. भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बल्लीमारान सीट से काफी मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं. देखने वाली बात यह होगी कि क्या भाजपा चुनाव प्रचार में अपने दिग्गज नेताओं को उतारकर बल्लीमारान सीट को हासिल करती है या फिर आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों पर दोबारा बल्लीमारान से चुने जाते हैं या फिर बल्लीमारान सीट कांग्रेस की झोली में इस बार आती है या नहीं.

Intro:दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में बल्लीमारान विधान सभा चर्चित विधानसभा सीट है. बल्लीमारान सीट से चुनकर जो भी विधानसभा पहुंचा है उसको दिल्ली सरकार में मंत्री पद मिला है.
दिल्ली 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर इमरान हुसैन चुनाव जीते और बल्लीमारान से विधायक बने. इमरान हुसैन को दिल्ली सरकार में मंत्री पद मिला.


Body:1993 से 2013 तक कांग्रेस के दिग्गज नेता हारून यूसुफ बल्लीमारान विधान सभा से 5 बार चुनाव जीते और दिल्ली सरकार में मंत्री बने. 2013 तक बल्लीमारान को कांग्रेस का अभेद किला माना जाता था जिसमें आम आदमी पार्टी ने सेंध लगाई थी.

बल्लीमारान विधान सभा सीट पर काफी दिलचस्प त्रिकोणीय चुनावी मुक़ाबला नज़र आ रहा है. आम आदमी पार्टी ने इमरान हुसैन को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस के टिकट पर दिग्गज नेता हारून यूसुफ चुनाव लड़ रहे हैं वहीं भाजपा ने स्वर्गवासी मोतीलाल सोडी की बहू लता सोढ़ी को चुनावी मैदान में उतारा है.

बल्लीमारान सीट पर कब्ज़ा करने के लिए भाजपा पूरी ताकत झोंकती नज़र आ रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेता बल्लीमारान में जनसभाएं एवं पदयात्रा कर रहे है. भाजपा ने बल्लीमारान विधानसभा सीट का केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को प्रभारी बनाया है, जो कि क्षेत्र के विभिन्न इलाक़ों में ताक़रीबन बीते एक हफ्ते से जनसभाएं कर रहे है.

आम आदमी पार्टी भी दोबारा से बल्लीमारान सीट पर जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. आप प्रत्याशी इमरान हुसैन क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर जनता से वोट देने की अपील कर रहे है.

कांग्रेस प्रत्याशी हारून यूसुफ से भी पार्टी को बहुत उम्मीदें है. जिस सीट पर कांग्रेस का लगातार 21 वर्ष तक कब्जा रहा उस सीट को कांग्रेस पार्टी हर हाल में जीतने के प्रयास में लगी है.


Conclusion:भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बल्लीमारान सीट से काफी मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं. देखने वाली बात यह होगी कि क्या भाजपा चुनाव प्रचार में अपने दिग्गज नेताओं को उतारकर बल्लीमारान सीट को हासिल करती है या फिर आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों पर दोबारा बल्लीमारान से चुने जाते हैं या फिर बल्लीमारान सीट कांग्रेस की झोली में इस बार आती है या नहीं यह तो 11 तारीख को चुनावी परिणाम आने के बाद ही पता लग पाएगा.
Last Updated : Feb 28, 2020, 9:00 PM IST
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