नई दिल्ली: दिल्ली में डीडीए की करवाई के दौरान तोड़े गए संत रविदास मंदिर के पुननिर्माण के लिये विश्व हिन्दू परिषद का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर शहरी विकास मंत्रालय में ज्ञापन देने पहुंचा । विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के नेतृत्व में सभी पंथ समुदाय के प्रतिनिधि संत रविदास मंदिर उसी स्थान पर बनाये जाने के पक्ष में ज्ञापन देने पहुंचे थे.
हालांकि खुद शहरी विकास मंत्री से इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का मिलना शाम 7 बजे तय हुआ था लेकिन प्रधानमंत्री के साथ महत्वपूर्ण बैठक लंबी चलने के कारण मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस बैठक में नहीं पहुंच सके.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष ने बताया कि पहले सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मंदिर हटाने की कार्रवाई की गई थी लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय ने ही एक रास्ता दिखाया है.
सरकार अटॉर्नी जनरल के माध्यम से मंदिर पुनर्निर्माण की स्वीकृति सुप्रीम कोर्ट में दे सकती है और जो गलती पहले हुई है उसको सुधारा जा सकता है. इसके साथ ही विहिप कार्याध्यक्ष ने मंदिर के साथ मौजूद प्राचीन सरोवर को भी पुनर्जीवित करने की मांग रखी है.
गौरतलब है कि दिल्ली के तुगलकाबाद में संत रविदास मंदिर को DDA द्वारा हटाये जाने के बाद वहां तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी और इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब हुई.
बताया जाता है कि यह मंदिर सैंकड़ों वर्ष पुराना है और यहां से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है.
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मंदिर हटाये जाने के बाद कई उग्र प्रदर्शन भी हुए थे जिसमें कई लोग गिरफ्तार भी कर लिये गए थे. विश्व हिन्दू परिषद के द्वारा दिये गए ज्ञापन में उन सभी युवकों पर लगे मुकदमे हटाये जाने की मांग भी की गई है.